“केबिन रोड स्थित फुट ओवर ब्रिज” – Part LXIII

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मिरा भाईंदर मे एक समय ऐसा भी था जब लोगोंको पूर्व पश्चिम आवागमन के लिए एक भी पूल नहीं था. उस समय रेल्वे प्रशासन ने आजकी तरह रेल्वे की हद मे पक्की दीवारे भी नहीं बनाई थी. अतः अनियंत्रित लोग कहींसे भी रेल्वे क्रॉसिंग करते थे.

इसके परिणाम स्वरूप रेल्वे पटरी पर दुर्घटना की संख्या बढ़ती ही जा रही थी. सबसे ज्यादा दुर्घटना केबिन रोड स्थित केबिन के पास होती थी. नजदीक ही सरस्वती स्कूल थी. अतः इस स्कूल के कई निर्दोष विद्यार्थी यहां दुर्घटना के शिकार हुए थे.

इस संदर्भ मे भाईंदर के लोकप्रिय समाचार पत्र भाईंदर भूमि तथा संदेश अखबार मे इसके समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किये थे. सरस्वती स्कूल के प्रिंसिपल श्री गिरीशभाई पंड्या खुद यहांकी समस्याओके लिए परेशान थे.

आखिरकार रेल्वे प्रशासन तथा मिरा भाईंदर पालिका के सयुंक्त प्रयास और सहयोग से पूर्व पश्चिम का केबिन रोड स्थित फुट ओवर ब्रिज बनकर लोकार्पण किया गया था.

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ब्रिज तो बन गया. उसके बाद रेल्वे प्रशासन ने पूर्व पश्चिम दोनों बाजू पक्की दीवार बना दी. केबिन रोड का प्रथम ब्रिज भाईंदर पश्चिम से शुरु होकर पूर्व मे केबिन रोड पर उतरता था. इसके चलते ट्रैफ़िक समस्या जटिल बन रही थी अतः रोड पर उतरने वाले पुल को श्री सत्य नारायण मंदिर मार्ग पर सीधे सीधा श्री गणेश स्वीट्स एंड फरसान मार्ट के पास तक खींचा गया था.

इस ब्रिज बनाने वाले इंजीनियर की मूर्खता का प्रमाण हम स्वयं अहसास कर सकते है. पूर्व तरफ का जो पुल चालू होता है इस पुल की चार चरण मे सीढ़ी बनाई गई है. चौथी सीढ़ी चढ़ते ही लोग थक जाते है.

रेल्वे की दीवार बननेसे और इस पुल का निर्माण होनेसे रेल्वे की दुर्घटना मे कमी जरूर आयी है. तस्वीर नंबर =1 मे रेल पटरी क्रॉसिंग करते लोग तथा रेल्वे केबिन के अवशेष देखे जा सकते है. तथा वर्तमान तस्वीर = 2 मे आप निर्माण किया गया फुट ओवर ब्रिज देख सकते हो.

तस्वीर नंबर = 1 B/W मे आप रेल्वे केबिन के अवशेष देख सकते हो. ( लोग रेल्वे क्रॉसिंग करते हुए.) इसी केबिन की वजह से भाईंदर पूर्व शहीद स्मारक से फाटक तक के रोड का नाम केबिन रोड पडा है. तस्वीर नंबर – 2 वर्तमान ब्रिज की है. आज यहां केबिन नहीं है फिरभी लोग केबिन के नामसे केबिन रोड कहते है.

——=== शिवसर्जन ===——

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