नाग – सांप की दुनिया| Naag saap ki duniya

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साप जमीन और पानी मे रहने वाला जीव है, जिसका आकर रस्सी जैसा होता है. दुनियाभर मे लगभग 2500 से अधिक प्रजाति के साप पाये जाते है. इनमेसे हमारे देश मे करीब 250 तरह के सांप है. सांप के जहर की वजह सभी लोग सांप से डरते है. वैसे घने जंगलों मे सांप ज्यादा पाये जाते है. 

      सांप की तमाम प्रजातियोमे कुछ ही सांप जहरीले होते है. कुछ सांप ऐसे होते है जो इंसान को काटने के बाद खुद मर जाते है. दो मुह वाला सांप की अन्तर्राष्ट्रीय कीमत 25 करोड़ आंकी जाती है. 

        दुनिया में सबसे जहरीला सांप आस्ट्रेलियन टाइगर है, तथा विषैले सांप में सबसे लंबा सांप किंग कोबरा है. वैसे विश्व का सबसे लम्बा सांप एनाकोंडा है, जिस पर फिल्म भी बन चुकी है, लेकिन यह अलग बात है कि यह जहरीला नहीं होता है. भारत में सबसे लम्बा सांप रेटिक्युलेटेड पायथन है और वह भी जहरीला नहीं होता है.

       अजगर नामक साँप 25 फिट तक लम्बा होता है, और यह मनुष्य, हिरण, बकरा आदि को निगल जाता है. सांप पक्षी मेढक, चूहें, छिपकली, तथा दूसरे साँपों को खाकर अपना निर्वाह करता है. खाते समय साँप भोजन को चबाकर नहीं खाता है बल्कि पूरा का पूरा निकल जाता है.

        अधिकांश सर्पों के जबड़े इनके सिर से भी बड़े शिकार को निगल जाते है. विश्व का सबसे छोटा साँप थ्रेड स्नेक है, जो कैरेबियन सागर के सेट लुसिया माटिनिक तथा वारवडोस आदि द्वीपों में पाया जाता है , वह केवल दस बारह सेंटीमीटर लंबा होता है. विश्व का सबसे लंबा साँप रैटिकुलेटेड पेथोन जालीदार अजगर है, जो करीब 10 मीटर से भी अधिक लंबा तथा 120 किलोग्राम वजन तक का होता है. यह दक्षिण पूर्वी एशिया तथा फिलीपींस में मिलता है.

       जानकारों का मानना है कि जो फन फैलाता है उसे नाग कहते हैं. शास्त्रों में नागो का उल्लेख है. नागों में शेषनाग, कालिया नाग, वासुकी नाग, आदि की अनेक कथायें उपलब्ध हैं. भारत के प्रत्येक राज्य में नाग पाया जाता है.

       नाग के ऊपरी जबड़े के अग्रभाग में विष की थैली रहती है. इसका काटना घातक है और अधिकतर तीन से लेकर छह घंटे के भीतर मृत्यु हो जाती है. भारत में हज़ारों व्यक्ति प्रति वर्ष साँप के काटने से मरते हैं. काली गरदन वाला नाग शत्रुओं पर कई फुट दूर तक विष थूकता है. यदि विष आँखों पर पड़ जाए तो वह अंधा हो जाता है. नाग ज़मीन और पानीमे रहने वाला साँप है, मगर वो पेड़ों पर भी चढ़ जाता है और पानी पर भी तैर लेता है.

    नाग साढ़े पाँच से छह फुट तक लंबा होता है. यह अपने सिर को ऊपर उठाकर फण को बहुत फैला सकता है, जब उसे खिझाया या छेड़ा जाता है तब नाग की पहचान सरलता से हो जाती है.

         मादा नाग सूखे पत्तों का खोता बनाकर, उसमें 12 से 22 तक अंडे देती है. अंडों से दो महीनों में 8 से लेकर 10 इंच तक के सँपोले निकलते हैं. ऐसा कहा जाता है कि सँपोले नाग से भी अधिक विषैले होते हैं. नाग चूहों, मेढ़कों, चिड़ियों और उनके अंडों तथा अन्य साँपों को भी खाता जाता है. 

      भारतीय पौराणिक और लोककथाओ नागमणि का विशेष उल्लेख किया गया है. नागमणि को भगवान शेषनाग धारण करते हैं. नागमणि सिर्फ नागों के पास ही होती है नाग इसे अपने पास इसलिए रखते हैं ताकि उसकी रोशनी के आसपास इकट्ठे हो गए कीड़े, मकोड़ों को वह खानेके लिये देख शके. 

              नागमणि के बारे में कहा जाता है कि यह जिसके भी पास होती है उसकी किस्मत बदल जाती है. कहते हैं कि नागमणि में अलौकिक शक्तियां होती हैं.उसकी चमक के आगे हीरा भी फीका पड़ जाता है. मान्यता अनुसार नागमणि जिसके भी पास होती है उसमें भी अलौकिक शक्तियां आ जाती हैं और वह आदमी भी दौलतमंद हो जाता है. हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है, यह कोई नहीं जानता.

        कुछ लोगोंका मानना है कि वास्तव मे नागमणी जैसा कोई मणी नही होता है. यह समाज का अंधविश्वास है. सफेरे लोग नाग का सिर का पतला हिस्सा काटकर उनमें काला नकली पत्थर डालकर लोगो को भ्रमित करते है. 

        साँप के पैर नहीं होते हैं, यह निचले भाग में उपस्थित घड़ारियों की सहायता से चलता फिरता है. इसकी आँखों में पलकें नहीं होती, ये हमेशा खुली रहती हैं.

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सांपों को लेकर कुछ विशेष : 

( 1 ) मान्यता है कि सौ वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद नागों में उड़ने की शक्ति हासिल हो जाती है.

( 2 ) नागो की स्मरण शक्ति तेज होती है. सौ वर्ष की उम्र के बाद नागों में दाढ़ी-मूंछ निकल आती है.

( 3 ) नागों को ही सबसे पहले भूकंप, प्रलय या अन्य किसी भी प्राकृतिक आपता का पता चल जाता है.

( 4 ) नाग खुद का बिल नहीं बनाता, वह चूहों के बिल में रहता है.

( 5 ) मान्यता है कि नाग की केंचुल दरवाजे के ऊपर रखने से घर को नजर नहीं लगती है. 

( 6 )  नागों को रास्ते मे फण फैलाये खड़ा देखना अपशुकन माना जाता है. 

( 7 ) मान्यता के अनुसार नाग जमीन के अंदर गढ़े धन की रक्षा करता है. इसे नाग चौकी कहा जाता है.

( 8 ) देश में पाए जाने वाले सांपों में कोबरा, मनीर, गोनस व फर्सा सबसे ज्यादा जहरीले होते हैं.

 ( 9 ) सांप लंबाई के मामले में 10 सेंटीमीटर से लेकर 6.95 मीटर (22.8) फीट तक लम्बे होते हैं. कई अजगर 30 फुट लम्बे होते है. 

( 10 ) दुनिया मे सांपों के काटने से हर वर्ष लगभग 1 लाख लोगों की मौत हो जाती है.

( 11 ) दुनिया के 10 सबसे खतरनाक सांप ऑस्ट्रेलिया में पाए जाते हैं. कई सांपो के दो मुह होते है. 

( 12 )  हम सपेरों के पास जिन सापों को बीन की धुन पर नाचते देखते हैं. वे सांप बीन की धुन पर नाचने के बजाय उनके मूवमेंट पर नाचते हैं.

( 13 ) सांप अपनी जीभ की मदद से सूंघते हैं. है. और सांप अपनी आंखें खुली रख कर ही सोते हैं.

( 14 ) मान्यता के अनुसार 100 साल बाद सांप को पंख फूटते है. और वे उड़ जाते है. 

( 15 ) भविष्य पुराण में बताया गया है कि ज्येष्ठ और आषाढ़ मास में नाग मैथुन करते हैं. सर्पिणी बारिश के चार माह गर्भधारण करने के बाद कार्तिक माह में प्रसव करती है यानी अंडे देती है. 

( 16 ) . हॉगनोस सांप बेहतर अभिनेता होते हैं. वे किसी को देखते ही मृत होने का अभिनय कर सकते हैं और लोगों को चकमा दे सकते हैं.

( 17 ) सांप अपने ज्यादातर अंडों को स्वयं खा जाता है. जो अंडे बच जाते हैं उनसे सांपो का वंश आगे बढ़ता है.

( 18 )  अंडे से बाहर आने के केवल सात दिन बाद संपोलों का रंग काला हो जाता है और 21 दिन बाद नाग के विषदंत आ जाते हैं जबकि 25 दिन बाद उनमें इतना जहर आ जाता कि डसने से किसी की भी मौत हो जाती है. 

( 19 ) भविष्य पुराण के अनुसार सर्प के काटने से जिनकी मृत्यु होती है वह अगले जन्म में बिना विष वाले सांप होते हैं.

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