पद्म भूषण और पद्म विभूषण में अंतर |

2019 Padma Awards

(1) ” पद्म विभूषण ” सम्मान भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला दूसरा उच्च नागरिक सम्मान है, जो देश के लिये असैनिक क्षेत्रों में बहुमूल्य योगदान देने के लिये दिया जाता है. यह सम्मान भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है. इस सम्मान की स्थापना ता : 2 जनवरी 1954 में की गयी थी. भारत रत्‍न के बाद यह दूसरा प्रतिष्ठित सम्मान है.

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(2) ” पद्म भूषण ” पद्म विभूषण के बाद तीसरा नागरिक सम्मान पद्म भूषण है।. यह सम्मान किसी क्षेत्र में विशिष्ट और उल्लेखनीय सेवा के लिए प्रदान किया जाता है. इसके अंदर सरकारी कर्मचारियों द्वारा की गई सेवाएं भी शामिल हैं.

(1) पद्मश्री, (2) पद्म भूषण और (3) पद्म विभूषण, तीनों ही पुरस्कारों में किसी भी तरह की धनराशि नहीं दी जाती है.

भारत सरकार ने सन 1954 में दो नागरिक पुरस्कार-भारत रत्न और पद्म विभूषण की स्थापना की थी. बाद वाले की तीन श्रेणियां थीं, पहला वर्ग, दूसरा वर्ग और तीसरा वर्ग. बाद में 8 जनवरी, 1955 को जारी राष्ट्रपति अधिसूचना जारी करके इनका नाम बदलकर पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री कर दिया गया.

पद्म पुरस्कारों की सिफारिश राज्य सरकार/संघ राज्य प्रशासन, केन्द्रीय मंत्रालय या विभागों के साथ साथ उत्कृष्ट संस्थानों द्वारा किया जाता है. इसके बाद एक समिति इन नामों पर विचार करती है. पुरस्कार समिति जब एक बार सिफारिश कर देती है फिर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और राष्ट्रपति इस पर अपना अनुमोदन देते हैं और इसके बाद गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इन सम्मानों की घोषणा की जाती है.

आज हम बात करेंगे ” पद्म भूषण और पद्म विभूषण ” पुरुस्कार की. पद्म विभूषण पुरुस्कार के पहले प्राप्तकर्ता सत्येन्द्र नाथ बोस, नंदलाल बोस, जाकिर हुसैन , बालासाहेब गंगाधर खेर , वीके कृष्ण मेनन और जिग्मे दोरजी वांगचुक थे, जिन्हें 1954 में सम्मानित किया गया था. 2023 तक, 331 लोगोंको यह पुरस्कार दिया गया है, जिनमें अट्ठाईस मरणोपरांत और चौबीस गैर-नागरिक प्राप्तकर्ता शामिल हैं.

पद्म भूषण और पद्म विभूषण पुरस्कारों के बीच प्रमुख अंतर हैं :

(1) पद्म भूषण : भारत गणराज्य का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है, इससे पहले भारत रत्न और पद्म विभूषण तथा उसके बाद पद्म श्री आते हैं.

(1) पद्म विभूषण : भारत गणराज्य का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है, जो भारत रत्न के बाद दूसरे स्थान पर है और पद्म भूषण से दूसरे स्थान पर है.

(2) पद्म भूषण : 1954 में जब इसकी स्थापना हुई थी, उस समय 23 लोगों को पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

(2) पद्म विभूषण : सन 1954 में जब इसकी स्थापना हुई थी, तब 6 लोगों को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

(3) पद्म भूषण का पूर्व नाम “दूसरा वर्ग” (श्रेणी II) था.

(3) पद्म विभूषण का पूर्व नाम “पहेला वर्ग” (प्रथम श्रेणी) था.

दोनों के बिच समानता :

पद्म भूषण और पद्म विभूषण के बीच अंतर के अलावा दोनों पुरस्कारों के बीच कुछ समानताएं हैं :

दोनों नागरिक पुरस्कार, पद्म भूषण और पद्म विभूषण पुरस्कार, भारत के राष्ट्रपति द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में संबंधित विजेताओं को प्रदान किए जाते हैं. दोनों पुरस्कारों के बीच एक और समानता यह है कि प्राप्तकर्ताओं की सूची हर साल 26 जनवरी { भारतीय गणतंत्र दिवस } को घोषित की जाती है.

साल 2024 के लिए 2 युगल मामलों ( एक युगल मामले में पुरस्कार को एक के रूप में गिना जाता है ) सहित 132 पद्म पुरस्कार प्रदान करने की मंजूरी दी गई है. इस सूची में 5 पद्म विभूषण, 17 पद्म भूषण और 110 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं.

पुरस्कार विजेताओं में से 30 महिलाएं हैं और सूची में विदेशी / एनआरआई / पीआईओ / ओसीआई श्रेणी के 8 व्यक्ति और 9 मरणोपरांत पुरस्कार विजेता भी शामिल हैं.

पद्म विभूषण 2024 विजेता :

(1) वैजयंतीमाला बाली (कला) – तमिलनाडु.

(2) कोनिडेला चिरंजीवी (कला) – आंध्र प्रदेश.

(3) एम वेंकैया नायडू (सार्वजनिक मामले) – आंध्र प्रदेश.

(4) बिंदेश्वर पाठक (सामाजिक कार्य) – बिहार

(5) पद्मा सुब्रह्मण्यम (कला) – तमिलनाडु.

पद्म भूषण 2024 विजेता :

(1) एम फातिमा बीवी (सार्वजनिक मामले) – केरल.

(2) होर्मूसजी एन कामा (साहित्य एवं शिक्षा) – महाराष्ट्र.

(3) मिथुन चक्रवर्ती (कला) – पश्चिम बंगाल.

(4) सीताराम जिंदल (व्यापार और उद्योग) – कर्नाटक.

(5) यंग लियू (व्यापार और उद्योग) – ताइवान.

2024 में, कुल 132 व्यक्तियों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिसमें पद्म विभूषण (5) , पद्म भूषण (17), पद्म श्री (110) हैं. पद्म पुरस्कार सम्मान मिलना एक बड़ी गरिमा की बात है. यह लोगों के प्रति उनकी महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देता है.

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