मानव शरीर का प्रमुख अंग नाख़ून.

नाखून मानव शरीर का एक प्रमुख प्राकृतिक अंग है. नाख़ून महिलाओं की खूबसूरती में निखार लाकर चार चांद लगाता है. नाखूनों से जुड़ी सबसे बड़ी बात यह होती है कि ये व्‍यक्ति स्‍वास्‍थ्‍य की जानकारी इनके रंग के आधार पर हो सकती है. इसके अलावा नाखूनों से जुड़े कई तथ्‍य और भी हैं जिनके बारे में आप शायद अनजान हैं.

यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलाइना ने सन 2009 में अपने एक अध्ययन में पाया कि व्‍यक्ति के नाखून 3.55 मिमी प्रतिमाह बढ़ते हैं. हालांकि सन 1938 में नाखूनों के बढ़ने की दर प्रति माह 3 मिमी और पचास के दशक में 3.06 मिमी थी.

प्रोटीन और अन्‍य पौष्टिक तत्वों से भरपूर आहार सेवन के कारण नाखूनों के बढ़ने की दर भी बढ़ती है. व्‍यक्ति के हाथ, पैरों के नाखूनों में अलग – अलग तरह की वृद्धि देखी जाती है. अंगुलियों की तुलना में पैरों के नाखून धीमी गति से बढ़ते हैं. अंगूठे के नाखून प्रतिमाह करीब 2 मिमी तक बढ़ते हैं.

पुरुषों और महिलाओं के नाखूनों के बढ़ने की गति भी अलग-अलग होती है. पुरुषों की अंगुलियों की तुलना में महिलाओं के नाखूनों की गति धीमी होती है क्योंकि पुरुषों में महिलाओं की तुलना में अधिक हार्मोंस पाए जाते हैं.

नाखूनों का बढ़ना मौसम पर भी निर्भर करता है. नाखून के बढ़ने की गति गर्मी के मौसम में अधिक तेज होती है क्योंकि शरीर द्वारा धूप का इस्तेमाल कर विटामिन ” डी ” बनने से बढ़त हो जाती है. जबकि अन्‍य मौसम में नाखूनों के बढ़ने की गति कम होती है.

शायद आपको जानकर आश्चर्य होगा कि नाखून भी आपके स्वास्थ्य की सारी पोल खोल देते हैं. आप क्‍या खाते हैं, कैसा खाते हैं, आपकी सोच और रहन-सहन भी आपके नाखून दर्शाते हैं.

यदि आपके नाखूनों के आस-पास की त्वचा सूख रही है. तो यह आपके शरीर में विटामिन सी, फोलिक एसिड और प्रोटीन की कमी को दर्शाता है.

अगर आपके नाखूनों के बढ़ने की गति धीमी है तो यह बताता है कि आप प्रोटीन की कमी और विटामिन ए की कमी से जूझ रहे हैं. मानसिक अशांति, तनाव, प्रोटीन और जिंक की कमी भी नाखूनोंकी वृद्धिमें बाधक हो सकती है.

कुछ शोधों में यह बात साबित हुई है कि बीमारियों के हिसाब से नाखूनों का रंग बदलता है. जैसे सफेद रंग के नाखून लीवर से संबंधित बीमारियों यानी कि हेपेटाइटिस के प्रतीक हो सकते हैं. पीले नाखून फेफड़े संबंधी बीमारियों के दर्शाते हैं, आधे सफेद और आधे गुलाबी नाखून गुर्दे से संबंधित बीमारियों के संकेत देते हैं. अगर नाखून का रंग पीला है या उनकी परत सफेद है तो यह शरीर में खून की कमी का लक्षण है. नाखूनों का पीलापन पीलिया के लक्षण को भी बताता है.

धूम्रपान करना स्वास्थय के लिए हानिकारक तो है ही साथ ही नाखूनों के लिए नुकसानकारक है. धूम्रपान करने से भी नाखून पीले हो जाते हैं. अगर आप बहुत ज्‍यादा धूम्रपान के आदि हो चुके हैं तो, आपके नाखून पीले होने शुरु हो जाएंगे. क्यूटिकल्स नाखूनों के दोनों ओर होते हैं जिसमें गंदगी जम जाती है. यह इतने प्रभावशाली होते हैं कि इसकी वजह से नाखून सड़ जाते हैं, इसलिए समय पर इनको काटते रहना चाहिए.

लॉस बेगास में रहने वाली पेशेवर गायिका क्रिस वाल्‍टन के नाखून दुनिया के सबसे लंबे नाखून हैं, इसकी कुल लंबाई अगर जोड़ दी जाए तो तकरीबन 20 फीट तक जा पहुंचती है. क्रिस का नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के साल 2012 के संस्करण में भी शामिल किया गया है.

विश्व में सबसे लंबे नाखूनों का रिकॉर्ड भारत के श्रीधर लाल के नाम दर्ज है. उन्होंने 66 साल बाद अपने बाएं हाथ के नाखून कटवाए थे. आखिरी बार श्रीधर ने जब अपने नाखूनों का नाप लिया था तब वह तकरीबन 909 सेमी लंबा था. नाखूनों की लंबाई और उनके भार की वजह से श्रीधर के हाथ में कई तरह की समस्याएं भी पैदा हो गई थीं.

श्रीधर ने अपने बाएं हाथ के नाखून ही इसलिए बढ़ाए थे ताकि वह दाएं हाथ से अपने रोजमर्रा के काम आसानी से कर सकें. शायद यह बात आप नहीं जानते होंगे कि आपके दाएं हाथ की उंगलियों के नाखून दूसरे हाथ की उंगलियों के नाखून से ज्यादा तेजी से बढ़ते हैं.

हाथों की उंगलियों के नाखून हर महीने तकरीबन 3.5 मिलीमीटर बढ़ते हैं. वहीं पैर के नाखून हर महीने महज 1.6 मिलीमीटर ही बढ़ते हैं. खास बात नाखूनों से पसीना नहीं निकलता. हमारे शरीर के हर हिस्से से पसीना निकलता है लेकिन नाखूनों से कभी पसीना नहीं आता. यह यूनीवर्सल सत्य है लेकिन हमनें इसपर कभी गौर नहीं किया होगा.

नाखून भी सांस लेते हैं. अगर आप अपने नाखूनों पर पेंट लगाती हैं तो संभल जाइए. इससे आपके नाखूनों की सेहत बिगड़ सकती है. नाखून ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं. और ये ऑक्सीजन नेल प्लेट से होकर नेल बेड तक जाते हैं. ऐसे में पेंटेड नाखून नाखूनों के श्वसन में बाधा पहुंचाते हैं. इससे आपके नाखून रूखे और भद्दे तो दिखते ही हैं साथ ही कमजोर भी होने लगते हैं.

तनाव से नाखूनों के विकास पर असर पड़ता है. अगर आप बढ़ते तनाव की वजह से ठीक से सो नहीं पा रहे हैं तो इससे आपके नाखूनों के विकास पर बुरा असर पड़ता है. ऐसा इसलिए क्योंकि, तनाव और अनिद्रा की वजह से आपके शरीर के पोषक तत्व नाखूनों से दूर चले जाते हैं. ऐसे में कुपोषित नाखून कमजोर होने लगते हैं.

नाखून आपकी सेहत का आईना होते हैं। नाखूनों के आकार और रंग के आधार पर अपनी सेहत की स्थिति भी जान सकते हैं. डॉक्टर्स आपके नाखून की स्थिति देखकर यह बता सकते हैं कि आप स्वस्थ हैं या नहीं.

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