मानव सेवा से मसीहा तक. ( नीलम तेली जैन ) | Neelam Jain

शांति सेवा फाउंडेशन संस्था की संस्थापक अध्यक्षा श्रीमती नीलम तेली जैन

शांति सेवा फाउंडेशन संस्था की संस्थापक अध्यक्षा श्रीमती नीलम तेली जैन

कुछ लोग अपने लिए जीते है. कुछ लोग लोगोंको लूटकर जीते है. तो कुछ लोग मानव कल्याण के लिए जीते है. ऐसी ही मानवता की महक श्रीमती नीलम तेली जैन की कहानी आप लोगोंके बिच शेयर करनी है. जो मुंबई से सटे मिरा- भाईंदर शहर में शांति सेवा फाउंडेशन संस्था चला रही है. 

          मैंने फेसबुक मे नीलम जी को सर्च किया तो सुखद आश्चर्य के साथ पता चला की ये कोई सामान्य महिला नहीं है….!  बल्कि नारी के रूपमे साक्षात् मसीहा है. 

     मेरा पत्रकारिता का खोजी स्वभाव सक्रिय हो गया. व्यस्त जीवन के चलते आज तक  उन्हें , मै मिल नहीं सका, मगर उनके जीवन सम्बंधित जानकारी पाने मे सफल रहा. 

           नीलम तेली जैन जी की जीवन कहानी शुरू होती है , गुजरात के महेसाणा जिला विजापुर के नजदीक महुडी तीर्थ स्थित महुडी गांव से. बचपन गरीबी मे बिता. कभी कभी तो दो दिन मे एक दिन खाना मिलता था. पेट की भूख क्या होती है ? ये बात उसे गरीबी ने सिखाई. 

        विकट परिस्थिति मे भी लगन से बी. कॉम किया.साथ मे टाइपिंग और शॉर्ट हैंड का कोर्स किया. आपने बैंकिंग की दो परीक्षा पास की मगर बादमे  मुंबई आना हुआ तो तीसरी परीक्षा से वंचित रह गयी.  भाईंदर मे सन 1981 मे अपनी बुआ के घर भाईंदर पश्चिम मोती नगर चाल मे आकर रही,  बादमे सन 1985 मे भाईंदर आकर बस गईं.  सन 1990 मे  24 साल की उम्र मे शादी हो गयी. और आज पति हितेश एन.तेली.उनकी दो बेटी श्रद्धा राज शाह. और मैत्री विकास पारेख  और एक बेटा श्रुत हितेश तेली तथा पोता आरव राज शाह जैसा हरा भरा परिवार है. 

         शुरू मे घर गृहस्थी को मदद करने के उद्देश्य से ओपेरा हाउस और मनी भवन मे पांच साल जॉब वर्क किया. दरम्यान शशिकांत नगर – 1.  मे 13 साल रहने के बाद पटेल नगर वीणा होटल के उपर फ्लैट लिया. 

    यहां पर बच्चे को मुफ्त में डांस सिखाना , टूशन सिखाना , बिल्डिंग मे प्रोग्राम करना आदि काम करते सन 1999 मे चश्मा कंपनी  की लाइन मे पदार्पण किया. साथ साथ मे जरूरमंत को फ्री मे पढ़ाना, किसीको मदद करना , बच्चे बुजुर्ग का ख्याल रखना ये सब समाज सेवा का कार्य निरंतर करती रही. 

         शुरुआत अपने घर से की. दो जरूरतमंद विद्यार्थी को पढ़ाना शुरू किया. आज चार सालसे भाईंदर पश्चिम माहेश्वरी भवन के सामने निर्माणाधीन बिल्डिंग में स्ट्रीट एजुकेशन के नामसे गरीब बच्चों के लिये श्रेष्ठम स्ट्रीट स्कूल चला कर गरीब बच्चों को साक्षर करने का भगीरथ कार्य कर रही है. जिसमे स्कूल की प्रिंसिपल पूनम प्रसाद का उन्हें साथ और सहकार मील रहा है. 

         ऐसे मानव सेवा के महान कार्य मे विग्न डालने वालों की समाज मे कमी नहीं है. कुछ साल पहिले किसीने बरसते बारिस मे नीलम जी का स्कूल का सामान नाली मे बहा दीया. उसमे कुर्सी , नोटबुक , स्टेशनरी , वॉटर बैग और इतर सामानो का समावेश था. उस रात नीलम जी खूब रोई. पूरी रात रोती रही. अपने नसीब को कोसते रही. 

         एक बेटा और दो  बेटी का  परिवार को भी पालना था. पति के साथ साथ खुद काम पर लग गईं.  गृहस्थी चलाते , शादी फंक्शन मे बचा हुआ खाना एकत्रित करके अपनी एक्टिवा मे डालकर अलग अलग जगह  पर भाईंदर पूर्व  काशीमीरा से भाईंदर पश्चिम मूर्धा खाड़ी तक  झोपड़पट्टी मे जाकर वितरण करने का काम शुरू किया. 

बादमे गरीब बच्चों को शिक्षा देने स्ट्रीट एजुकेशन का कार्य शुरू किया. दो साल पहिले जब शुरुआत की तब 15 बच्चे थे उसके बाद 55 विद्यार्थी की संख्या हो गईं. उसमे से पहिले 28 और बादमे 7 विद्यार्थी मिलाकर कुल 35 विद्यार्थी ओ का महा नगर पालिका की स्कूल नंबर 30 मे दाखिला ( admission ) दिलवाया. जिसकी न्यूज़ पत्रकार बंधु ओने अपने पत्र एवं न्यूज़ चैनल मे प्रमुखता से उजागर की थी. 

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            नीलम जी की महानता देखो ! खुद भाईंदर पश्चिम मे चश्मा की रिटेल विक्री की दुकान चलाती है और  भाईंदर पूर्व के अनाथ आश्रम मे जरूरतमंद को फ्री मे चश्मा देती है तो कभी वहां कैंप करती है !

         तीन साल पहले भक्ति वेदांत अस्पताल मे एक कैंसर पेसेंट का ऑपरेशन करवाया था. 150000 ( एक लाख पचास हजार ) रुपियों का एस्टीमेट था. बादमे खर्चा बढ़कर 250000 ( दो लाख पचास हजार )  हो गया. कई लोगोसे गुहार लगाई. कई लोगोने मदद की फिर भी खुदको 35000 रुपये भरने पड़े. 

      इस पूरी प्रकिर्या मे एक डेढ़ साल लगे थे. केमो रेडिएशन थाना से करवाया था. इस पुरे कार्य मे नीलम जी के सोशल वर्क के साथी डॉक्टर  बादशाह खान ने सहयोग देकर अपनी विनम्रता, मानवता  का परिचय दीया था. 

     समाज सेविका सौ : नीलम तेली जैन.संघर्ष से कामयाबी की ओर प्रयाण ! सौ : नीलम तेली जैन. मानवता की ऊंची मिसाल ! सौ : नीलम तेली जैन. भाईन्दर की स्ट्रीट एजुकेशन स्कूल की प्रणेता ! सौ : नीलम तेली जैन एक बुलंद हौसले की धनी ! एक वो महिला जो बदली बनकर भाईंदर मे बरस रही है. और देश हित और जन हित में कार्य कर रही है. 

      उनकी संस्था,” शांति सेवा फाउंडेशन ” एक रजिस्टरड संस्था है. संस्थापक नीलम तेली जैन जी की स्कूल का नाम श्रेष्ठतम स्ट्रीट एजुकेशन रखा गया है. जो भाईंदर  ( पश्चिम ) माहेश्वरी भवन के सामने , सुदामा कंस्ट्रक्शन , 150 फुट फायर ब्रिगेड रोड स्थित से कार्यरत  है. 

       उनकी तमन्ना , उदेश्य भविष्य में मिरा भाईंदर शहर मे बिलकुल मुफ्त शिक्षा देनेका है.वरिष्ठ नागरिक के लिये कार्य करना  तथा शांति सेवा के नाम से मुफ्त मे खिचड़ी घर चालू करने का इरादा है. 

          साथ मे गरीब महिला ओको रोजगार देनेके उदेश्य से छोटा सा गृह उद्योग चलाना चाहती है. नीलम जी का कहना है की भाईंदर के लोग मानवता वादी है , दानशूर है. वे अवश्य इस संस्था से जुड़कर कार्य करेंगे. वर्तमान में नये बच्चे उनको साथ और सहकार दे रहे है. 

     उन्होंने अपनी बीती हुई बात को बताया की पांच महीने पहले एक दिन भाईंदर पश्चिम  पुलिस स्टेशन के महादिक साहब ने राजेश होटल के बाजुमें पड़े एक इंसान के बारेमें बताया. मै घटना स्थल पर पहुंची तो वो मानो जिंदा लाश की तरह अंतिम श्वास ले रहा था. तीन महीने से वहां पड़ा था. पता किया तो घर वालोने उसे घर से निकाल दिया था.उनको पैरालिसिस हो गया था. उनका नाम जीतू बल्लु था. 

       शरीर से खतरनाक बदबू आ रही थी. शराब का व्यसनी था. कुछ भी खा लेता था. फॅमिली प्रॉब्लम था.डाइवोर्स लिया था. पत्नी , लड़का , बहन होते हुए भी कोई आता नहीं था. पहले डायमंड मार्किट मे मैनेजर था.

          नीलम जी ने उसकी सुश्रुषा की. उनको साफ सफाई करके, स्नान करवाके, कपडे बदली करके बीस दिन तक तीन टाइम खुदके घर का खाना देकर सेवा की , बादमे उनका एक वीडियो बनाकर डॉक्टर को साथ लेकर उनके फॅमिली और बी के सी बांद्रा अहमदावाद फॉरवर्ड किया. विडिओ देखकर उनके गांव का एक सज्जन श्री अशोक भाई पापड़ वाला सहाय करने आगे आया और उनकी सहायता से उसे व्यसन मुक्ति केंद्र कांदिवली मे तीन महीना तक ट्रीटमेंट दिलवाई गई, अभी वो बिलकुल स्वस्थ है. सैलूट नीलम जी आपको. 

             समाज सेविका नीलम जी पुलिस स्टेशन महिला कमिटी की सदस्य है और महिला ओके फॅमिली प्रॉब्लम मे मदद करती है. नीलम जी  सरदार वल्लभ भाई पटेल सेवा समिति की राष्ट्रीय सचिव है. 

    प्रिय पाठक परमेश्वर , जब कोई विदेशी मिसनरी हमारे देश मे गरीबो के लिये काम करती है, उसके पीछे एकमात्र उद्देश्य धर्म परिवर्तन का होता है !. और उनको फंड विदेश से आता है. मगर एक भारत की बेटी , भारत के झोपड़पट्टी ओ मे बसे हमारे गरीब लोगोके उत्थान के  लिये झांसी की राणी लक्मी बाई की भाति लड़ रही है , तो हर हुन्दुस्तानी का फर्ज़ कर्तव्य बनता है की उसे तन , मन, और  धन से सहायता की जाय. 

          भारत देश और भाईंदर शहर का इतिहास साक्षी है की भारतीय दानशूर है और दानके मामले मे सदैव आगे रहते  है. 

आपके पति श्री हितेश नवनीतलाल तेली का आपको पुरा सहयोग रहता है. वो खुशमिज़ाज आदमी है. 

       इसके अलावा अन्य साथी ओमे डॉक्टर बादशाह खान साहब, एवं वाहतूक विभाग ठाणे ग्रामीण के पुलिस दल एवं पुलिस आई पी एस अफसर श्री अतुल कुलकर्णी साहब का सहयोग हमेशा मिलते रहा है. 

        उनके इस कार्य में शांति सेवा फाउंडेशन के महा सचिव श्री प्रकाश भाई शाह जी , श्री नरेंद्र शर्मा जी एवं सह सचिव मेघना सेन जी , उपाध्यक्ष राजेश पुनमिया, युवा अध्यक्ष श्री संदीप लोहार, मीडिया सेल जिगर पटेल और श्री मुकेश मिश्रा जी का भी विशेष योगदान रहता है. 

     सौ : नीलम तेली जैन जी मानवता की महक ! मानव धर्म का महा सागर ! अब  जन सेवा उनके जीवन का मकसद बन चुका है. 

         बारिस ने केरला मे कहर फैला,  तब साथी मित्रों की मदद से दो दिनमे दो ट्रक घरेलु सामान भेजकर कीर्तिमान स्थापित  किया था. उसके बाद कोल्हापुर सांगली मे एक ट्रक भरकर सामान भेजा था. नीलम जी भाईंदर क्षेत्र में मेडिकल कैंप लगाकर गरीबों की मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराती है. 

       मैंने उसे पूछा कि ये सब करने की आपको प्रेरणा कहा से मिलती है. तो उन्होंने बताया की हमारा बचपन गरीबी मे बिता है. गरीबी को नजदीक से देखा है . कभी कभी तो हमें दो दिन तक खाना नहीं मिलता था. 

       घर नहीं था. कुछ भी नहीं था. मगर मम्मी और बड़े भाई अशोक शाह जी  की ताकत और हौसले ने परिवार को संबल दीया . उनके संस्कार ने मुझे प्रेरणा दी. आज भी गरीबो को देखकर मेरी आत्मा पिगल जाती है अतः सोचती हुं  की ऐसे लोगोके लिये मै क्या कर सकती हुं. और थोड़ा सेटल होते ही कार्य करना शुरू कर दीया. अब तो ईश्वर से प्रार्थना करती हुं की मुझे ईश्वर शक्ति दे, स्वस्थ रखें ताकि  मै मेरे मिशन मे कामयाबी हासिल कर  सकु. 

      मे मदर टेरेसा और सुधा कृष्णा मूर्ति को अपना आदर्श मानती हुं. हालाकि उनके सामने मे सूर्य के आगे दीया समान हुं. अगर मै दीया बनकर झोपड़ी रोशन कर सकु तो भी मेरे लिये गर्व की बात होंगी. 

      परोपकारी भावना रखने वाली सौ : नीलम तेली जैन ने अपना पूरा शरीर कार्ड बनाकर रजिस्टर करके जाहिर कर दीया है की उसे  मृत्यु के बाद  ना जलाते, उसका पुरा  शव को दान मे दीया जाय.

   आगे उन्होंने बताया की मै ईश्वर से प्रार्थना करती हुं की मै ऐसा कार्य करु कि  मेरे कार्य से मेरा परिवार और देशवासी ओको गर्व हो. 

     मैंने उनके जीवनका कोई यादगार प्रसंग के बारेमें पूछा तो उन्होंने बताया की, जिस दिन मेरी स्कूल का सामान चोरी हुआ था तब खूब व्यथित हुई थी. पूरी रात रोती रही. फिर एक विडिओ बनाकर सोशल मिडिया फेसबुक पर वायरल किया था. इत्तफाक से वो विडिओ बॉलीवुड  के एक्टर श्री रणदीप हूंदा ने देखा. उन्होंने सोशल मिडिया से मेरा नंबर लेकर फोन से बात की. और बादमे बहुत सी चीजे लेकर अपनी सेक्रेटरी के साथ मुझे और मेरे बच्चों को  मिलने मेरी स्कूल मे आये थे. 

      उस दिन तेज बारिस हो रही थी. मेरी बेटी को बोरीवली अस्पताल मे डिलीवरी के लिये एडमिट किया था. उस दिन अपनी एक्टिवा टु व्हीलर मे बारिस मे भीगकर दो बार भाईंदर से बोरीवली गयी थी. फिर रात को बेटा होते ही परिवार मे खुशी की लहर फ़ैल गयी थी. 

     नीलम जी का मानना है की इस सेवाका कार्य मे पत्रकार की  भूमिका अहम् होती है. कई पत्रकारों ने उन्हें उनके कार्य को प्रसिद्धि दिलाई है. और आगे सभी पत्रकार से सहकार्य की अपेक्षा करती है. प्रार्थना करती है. 

      नीलम जी के पास साधन सिमित है, पर हौसला बुलंद है, असीमित प्रयास कर रही है. हम सब भाईंदर वासी ओका कर्तव्य है की उनको  यथा योग्य सहकार्य करें. 

            यदि कोई सेवा भावी संस्था , या मानवतावादी  लोग नीलम जी के कार्य मे किसी भी प्रकार का सहयोग देना चाहते हो तो उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क कर सकते है. 

श्रीमती नीलम तेली जैन. संस्थापक अध्यक्षा ” शांति सेवा फाउंडेशन.” मो. नं. – 9820519136.

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                     शिव सर्जन प्रस्तुति.

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