मिरा भाईंदर महानगर पालिका शहर क्षेत्र ,विकास की ओर बढ़ रहा है ? Part – LXVIII

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आजसे 35 साल पहले मिरा भाईंदर शहर क्षेत्र अनेक जनसमस्यायो से त्रस्त था. पर्याप्त पानी की कमी. कच्चे रोड, गटर का नामों निशान नहीं, जिला परिषद् समय की एक मात्र जर्जरित अस्पताल, सार्वजनिक शौचालय के बीना लोगोंका खुले मे मल त्याग करना,

स्ट्रीट लाइट का अभाव जैसी मूलभूत सुविधा से जनता वंचित थी.

अधिकारीयों की मनमानी, मनपा अधिकारियो और नगर सेवकों के मिली भगत से होने वाला भ्रस्टाचार के आरोप का अखबारों मे पर्दाफाश, टेंडरो मे

कमीशन जैसी भ्रस्ट नीति के आरोपों के बिच भाईंदर का विकास कछुआ चाल से आगे बढ़ा. जानकारों का मानना है कि यदि प्रशासन मे पारदर्शकता होती तो और भी विकास तेजी से होता.

यहां प्रस्तुत की गई ब्लैक एंड वाइट तस्वीर 35 साल पुरानी है. यह सुभाष चंद्र बोस ग्राउंड मुख्य गेट के सामने से मेरे द्वारा खींची गई है. झोपड़पट्टी के आगे नाला दिखाई देता है जो वर्तमान रोड विस्तार मे चला गया है.

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वर्तमान खींची गई तस्वीर मे सुभाष चंद्र बोस ग्राउंड का प्रवेश द्वार दिखाई दे रहा है.

पहले नमक टोल नाका के पास से पुराने भाईंदर गांव की हद समाप्त होती थी. अब मेट्रो चालू होते ही यहांसे मेट्रो की शुरुआत होंगी. यहांपर प्रस्तावित अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम बन जायेगा तथा जब यहांसे शुरु होकर पांजू गांव से वसई – विरार जाने वाला मार्ग शुरु हो जायेगा उस समय इस एरिया को चार चांद लग जायेगा.

नया विकास आराखडा तैयार हो गया है मगर मेट्रो कार शेड को लेकर स्थानीय राई, मुर्धा और मोरवा के कुछ किसान लड़ने के मूड मे है. उनका ये कहना है की विकास आराखडा मे फिर से बदलाव किया जाय और यहां पर विध्यमान सरकारी जगह मे कार शेड बनाया जाय.

मेट्रो ट्रैन के बारेमें कुछ लोगोंका यह भी कहना है की मेट्रो ट्रैन को एस्सेल वर्ड तक बढ़ाया जाय ताकी इस क्षेत्र का विकास तेजीसे हो सके.

सन 1997 मे मिरा भाईन्दर शहर क्षेत्र का विकास आराखडा तो जाहिर हो गया था, मगर उसके प्रावधान के अनुसार काम नहीं किया गया इसीलिए रोड चौड़े नहीं हो पाये इसीलिए रोड पर ट्रैफ़िक समस्या विकट रुप धारण की.

शुक्रवार ता : 28 अक्टूबर 2022 के दिन 6 साल लंबे विलंब के बाद नया विकास आराखडा जाहिर किया है. जिस किसीको आपत्ति हो वो 30 दिन के अंदर अपनी हरकत दर्ज कर सकता है. फिलहाल मिरा भाईंदर महानगर पालिका शहर क्षेत्र का विकास तो हो रहा है मगर कछुआ चाल से हो रहा है.

——=== शिवसर्जन ===——

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