शुभ्र रंग का खरगोश हर किसीको प्यारा लगता है. खरगोश अपनी तेज रफ़्तार से दौड़ने की गति के लिए प्रख्यात है. कछुआ और खरगोश की कहानी दुनिया भर मे प्रसिद्ध है. खरगोश का जिक्र बाल कहानी मे अक्सर हुआ करता है.
खरगोश शाकाहारी जानवर होते हैं, जो सिर्फ घास, और हरि सब्जियां ही खाते हैं. जानकारों का कहना है कि इस धरा पर पालतू खरगोश की करीब 305 प्रजातियां और जंगली खरगोश की लगभग 13 प्रजातियां पायी जाती हैं.
खरगोश का गर्भावस्था काल लगभग 30 से 32 दिनों का होता हैं. मादा खरगोश साल में कम से कम चार बार और एक बार में औसतन 3 से 7 बच्चे देती है. जन्म के समय खरगोश के बच्चें बिना बालों के पैदा होते हैं और उनकी आंखें लगभग दो सप्ताह बाद मे खुलती है. तथा लगभग आठ सप्ताह बाद वो अपनी माँ का दूध पीना छोड़ते हैं.
दौड़ने के मामले मे खरगोश 35 से 40 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ता है. लेकिन इसकी सबसे तेज भागने वाली प्रजाति जैक खरगोश है, जो 70 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भी दौडता हैं. खरगोश अपने दुश्मनों से बचने के लिए कभी भी सीधा नही दौड़ता हैं बल्कि हमेशा टेढ़ा मेढ़ा दौड़ना पसंद करता हैं.
विश्व में खरगोश सबसे ज्यादा मनुष्य के हाथों ही मारा जाता हैं. इसके मांस और चमड़ी तथा बाल के लिए हर साल लगभग 1 बिलियन खरगोश को मारा जाता हैं. “ चीन ” पूरे विश्व में खरगोश के माँस का सबसे बड़ा उत्पादक हैं. पूरे विश्व का 40 प्रतिशत खरगोश के माँस का उत्पादन अकेले चीन में ही होता हैं.
खरगोश ( Rabbit ) एक बहुत प्यारा और छोटा जानवर होता है. इसकी लम्बाई ज्यादातर 40 सेंटी मीटर से 50 सेंटीमीटर और वजन लगभग डेढ़ से ढाई किलो होता हैं.
दुनियाभर में सबसे ज्यादा यूरोपियन खरगोश को ही पाला जाता हैं. भारत मे जो हम लोग खरगोश को पालते हैं वो भी यूरोपियन खरगोश ही हैं.
आप जानकर हैरत मे पड़ जाओंगे कि दो किलो का खरगोश नव किलो के कुत्ते के बराबर पानी पी सकता है. खरगोश के जबड़े में 28 दांत होते हैं और उनके दांत जीवन भ़र बढ़ते रहते हैं जो हर महीने 1 से.मी. तक बढ़ जाते हैं.
सन 1912 से पहले खरगोश को चूहे, गिलहरी आदि की श्रेणी में रखा जाता था फिर इन्हें ‘लैगोमॉर्फा’ यानि खरहा ( HARE ) और पिका वाली श्रेणी में डाल दिया गया.खरगोश को पूरे शरीर में सिर्फ उसके पैरों की तली के माध्यम से ही पसीना आता हैं.
खरगोश लगभग-लगभग 360 डिग्री तक देख सकता है, लेकिन उसकी नाक से ठीक नीचे एक ब्लाइंड स्पॉट होता है। इसलिए जो भोजन खरगोश खाता है उसे दिखाई नही देता बल्कि वह सिर्फ सूंघकर पता लगाता है.
जंगली खरगोश की उम्र लगभग 1 से 2 साल की और पालतू खरगोश की उम्र 8 से 10 साल की होती हैं. पर
ऑस्ट्रेलिया में एक खरगोश 18 साल तक जीवित रहा था, जो कि एक वर्ल्ड रिकॉर्ड हैं. दुनिया का सबसे छोटा खरगोश अमेरिका की ‘ऑरेगोन ज़ू’ में पाया गया “पिग्मी खरगोश” हैं, जिसकी लंबाई एक हथेली से भी कम हैं. और विश्व का सबसे बड़ा खरगोश अमेरिका में पाया गया. जिसका नाम “डेरियस” है. इसकी लंबाई 4 फीट 4 इंच और वजन लगभग 22 kg है.
किसी खरगोश द्वारा एक बार में सबसे ज्यादा बच्चे पैदा करने का रिकॉर्ड 24 बच्चों का हैं. और ये दो बार हुआ है एक बार सन 1978 में और एक बार सन 1999 में.
किसी खरगोश द्वारा लंबी छलांग लगाने का रिकॉर्ड तीन मीटर (9 फीट 9.6 इंच) का है। इसे डेनमार्क के एक खरगोश ( YABO ) ने ता : 12 जून 1999 को बनाया था.
खरगोश द्वारा ऊंचा कूदने का रिकॉर्ड 99.5 सेमी यांनी (39.2 इंच) का है. इसे डेनमार्क के एक खरगोश ने 28 जून 1997 को बनाया था. काले और सफेद रंग का ये खरगोश डेनमार्क के एक खरगोश क्लब का सदस्य था.
खरगोश 1 दिन में 18 झपकी लेता है और 8 घंटे सोता हैं और खरगोश अपनी आँखे खोल कर भी सोता हैं.
खरगोश, साल में चार बार हर तीन महीने में एक बार अपना रोआं बदलता हैं. गर्मियों के अंत वाले और सर्दियों के अंत वाले रोंए बदलना काफी कठिन होता है बाकी दो तो हल्के फुल्के होते है. खरगोश खाने में लगभग 6-8 घंटे खर्च करता हैं, और एक मिनट में लगभग 120 बार खाना चबाता हैं.
खरगोश की एक खासियत है कि एक बार में अपने एक कान को भी हिला सकता है और ठंड से बचने के लिए यह अपने बाहरी कान को मोड़ भी लेता हैं यही कारण हैं कि खरगोश ठंड के बजाय गर्मियों में बेहतर सुन सकता हैं.
खरगोश की ठोड़ी के नीचे एक सुगंध की ग्रंथि होती है जिसे वह जब भी किसी चीज पर रगड़ते हैं तो उस वस्तु में भी वही सुंगध उठ जाती है. ये ऐसा अपने क्षेत्र की पहचान करने के लिए और किसी चीज पर अपना हक जताने के लिए करते हैं. खरगोश की आधी से ज्यादा आबादी नार्थ अमेरिका में रहती हैं. नर खरगोश को ( BUCK ) मादा को ( DOES ) और बच्चे को ( KIT ) या ( KITTEN ) कहते हैं और खरगोश के एक समूह को कॉलोनी कहते हैं.
खरगोश के कान की लंबाई लगभग 4 इंच तक होती है. लेकिन सबसे लंबे कानों वाला खरगोश, जिसका नाम ‘निप्पर्स गेरिनिमो’ था, के कान की लंबाई 31.1 इंच नापी गई थी जो कि एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है.
यूरोप के बहुत सारे हिस्सो में लोग खरगोश के पैर को अपने गले में पहनते है वहाँ ऐसा करना अच्छी किस्मत का प्रतीक माना जाता हैं. खरगोश अपने साथी को सावधान करने के लिए अक्सर अपने पैर जमीन पर जोर-जोर से पटकता हैं.
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