श्रीमद् भागवत के विद्वान , गुजराती वैष्णव समाज के लोकप्रिय धर्म गुरु पं.श्री मगनभाई राज्यगुरु. (पू.बापजी) – Part -83

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श्री मगनभाई राज्यगुरु का नाम आपने अवश्य सुना ही होगा. श्रीमद् भागवत कथाकारों मे आपका नाम प्रमुखता से लिया जाता है. आप अखिल भारतीय ब्राह्मण महासंघ के सदस्य है तथा कई सामाजिक अनुष्ठानों के प्रणेता है.

धर्म शस्त्रों मे पारंगत श्री मगनभाई धार्मिक शस्त्रों के विद्वान है, और पूजा, गृहप्रवेश, वास्तुशांति, यज्ञ – होम, शादी विवाह आदि कार्य के महारथी है.

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गुजरात के जिला जामनगर के तालुका जामखम्बालिया अंतर्गत गांव मोटीखोखरी मे विद्वान पंडित विश्वनाथ जी के घर ता : 31 मई 1961के दिन आपका जन्म हुआ था. आप 6 भाई (1) श्री मगनभाई (पू. बापजी) (2) श्री रमेश भाई (3) श्री कांतिभाई, (4) श्री रसिक भाई (5) श्री मोहन भाई, और (6) श्री दिनेश भाई मे सबसे बड़े है. आपके दो होनहार पुत्र श्री हरिश भाई तथा श्री नरेश भाई आपही की तरह कई धार्मिक अनुष्ठान के कार्यों मे जुटे हुए है.

Magan maharaj

61 वर्षीय श्री मगनभाई ने सातवीं कक्षा तक पढाई पुरी की और आगेकी संस्कृत पढाई के लिए आप वेद भवन द्वारका धाम चले गये.

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वहां पर आपने गुरुदेव श्रीकृष्ण काशीनाथ गोडसे धनपाठी के आश्रम मे छह साल मे शुक्ल यजुर्वेद ( संहिता ) का अध्ययन किया. उसके बाद अधिक अध्ययन के लिए काशी – बनारस चले गये. वहां हरिहरानंद आश्रम मे दो साल तक व्याकरण और भागवत का अध्यन किया. सन 1981 मे आप मुंबई के विलेपार्ले स्थित सन्यास आश्रम मे बच्चों को संस्कृत पढ़ाने लगे. उसके एक साल बाद 1982 से भाईंदर पूर्व खारीगांव के श्री राधा कृष्ण मंदिर की सेवा कार्य मे जुट गये.

श्री राधाकृष्ण मंदिर के संस्थापक श्री केशव नारायण पाटिल और उनके परिवार का साथ मिला, और उनकी कारकिर्दी बनते गई. सोनी समाज मे धीरूभाई, जयेशभाई, मालजीभाई तथा भाईंदर, वसई, विरार, पालघर तथा दमण के माछी समाज ने उनको धर्मगुरु माना.

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श्री मगनभाई राज्यगुरु ने सेकड़ो भागवत सप्ताह किये तथा मंदिरों की प्राणप्रतिष्ठा कराई है. मिलनसार स्वभाव के श्री मगनभाई राज्यगुरु जी का पुरा परिवार धर्म कार्य मे लगा है. उनका पुत्र हरीश भाई, उनके छोटे भाई रमेशभाई तथा राशिकभाई धार्मिक सेवा कार्य मे लगे हुए है. उनको मिटना माछी समाज, आगरी समाज तथा कोली समाज का प्यार और पुरा समर्थन मिला हुआ है.

आपके भगीरथ प्रयत्न से द्वारिका ” विश्वनाथ वेद संस्कृत पाठशाला ” का निर्माण किया गया है. इस मिशन को पुरा करने के लिए आपने ” सांस्कृतिक सेवा निधि ट्रस्ट ” की स्थापना की और

ट्रस्टी गण, यजमान तथा वडत्रा के ग्रामजनों के सहकार्य से पाठशाला का संकल्प पुरा किया गया. जहां पर कई ब्राह्मण बच्चे निशुल्क वैदिक ज्ञान ले कर हमारी हिंदू संस्कृति और वैदिक परंपरा का विधिवत अध्ययन यहां पर कर रहे है.

श्री मगन भाई राज्य गुरु की 440 वी भागवत कथा मालाड मुंबई मे हो रही है.

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