हेप्टेनिशिया से बॉम्बे फिर मुंबई.  (मी मुंबईकर.)

bombay island

 ” मुंबा आई ” के नाम से ” मुंबई ” नाम रखा गया है. 

        हम सब जानते है की मुंबई सात द्रीप का समूह था. इन सात द्रीप मे कोलाबा, मझगांव, माहिम , बंबई , ओल्ड वूमन द्रीप, परेल और वर्ली का समावेश होता था. मछली पकड़ना कोली लोगोंका आजीविका का मुख्य साधन था.  

          सन 1534 मे भारत मे मुगलों का राज था. हुमायु के आक्रमण रवैये को देखते गुजरात के सुलतान बहादुर शाह ने मुगलों को दूर रखने के लिये पुर्तगालोलियों के साथ दिसम्बर 1534 मे बेसिन ( हाल का वसई ) की संधि की. और सात समूह का टापू सहित वसई पुर्तगालियों के अंतर्गत आ गया. और यहासे शुरु हुई मुंबई के विकास की यशोगाथा. 

       पुर्तगाल लोग मुंबई को ट्रेडिंग सेंटर या फैक्ट्री बनाना चाहते थे. पुर्तगाली मुंबई शहर को बॉम बाहिया (Bom bahia) कहते थे जिसका मतलब होता था, अच्छी खाड़ी. इस शब्द को अपभ्रंश कर अंग्रेजों ने बॉम्बे कहना शुरू किया और तबसे उन द्वीपों के समूहको लोग बॉम्बे नाम से पुकारने लगे. 

      बताया जाता है की भूगोल विज्ञानी टालेमी के समय मे वर्तमान मुंबई शहर क्षेत्र हेप्टेनिशिया के नाम से जाना जाता था. और ई. पू. 1000 वर्ष में फ़ारस व मिस्र के साथ समुद्री व्यापार का प्रमुख केन्द्र था.

    ई. पू. तीसरी शताब्दी में यह अशोक के साम्राज्य का हिस्सा रहा और छठी से आठवीं शताब्दी में यहाँ चालुक्यों का शासन रहा, जिन्होंने अपनी छाप धारा पुरी (एलीफ़ेन्टा द्वीप) पर छोड़ी. मलबार पाइन्ट पर बना वाकेश्वर मन्दिर सम्भवतः कोंकण तट के शिलाहर प्रमुखों के शासन ( 9 वीं से 13 वीं शताब्दी ) के दौरान निर्मित किया गया.

  उस समय में इस द्वीप पर महिकावती (माहिम) बस्ती की स्थापना हुई, जो 1924 में हिन्दुस्तान के ख़िलजी वंश के आक्रमणों के जवाब में बनाई गई थी. इन्हीं के वंशज वर्तमान मुम्बई में पाए जाते हैं और बहुत से स्थानों के नाम आज भी उसी युग से हैं. 

           सन 1348 में आक्रमणकारी मुस्लिम सेनाओं ने इस द्वीप को जीत लिया और यह गुजरात राज्य का हिस्सा बन गया.

     माहिम को जीतने की पुर्तग़ाली कोशिश 1507 में असफल रही, लेकिन 1534 में गुजरात के शासक सुल्तान बहादुरशाह ने यह द्वीप पुर्तग़ालियों को सौंप दिया.  

       सन 1661 में किंग चार्ल्स द्वितीय व पुर्तग़ाल के राजा की बहन कैथरीन आफ़ ब्रैगेंज़ा के विवाह के बाद यह ब्रिटिश नियंत्रण में आ गया. राजा ने इसे सन 1668 में ईस्ट इंडिया कम्पनी को कानूनन हस्तांतरित कर दिया. 

        ब्रिटिश की महारानी विक्टोरिया के नाम पर छत्रपती शिवाजी महाराज टर्मिनस का नाम विक्टोरिया टर्मिनस पड़ा था. यह स्टेशन विक्टोरिया के 50 वें जन्मदिन पर बनकर तैयार हुआ था . इस टर्मिनस के निर्माण में 10 साल का वक्त लगा था, जिसके लिए 16 लाख 35 हजार 562 रुपए खर्च आया था.  

        स्वतंत्रता मिलने के कुछ सालों बाद वीटी का नाम बदलकर छत्रपती शिवाजी महाराज टर्मिनस ( CST ) कर दीया गया. हाजी अली दरगाह सन 1431 में बनी थी. .    

. सन 1874 मे पहली बार ट्राम ट्रैन को प्रस्तुत किया था, जो रोड पर बिछाई पटरी पर घोड़ा द्वारा खींची जाती थी. उसके बाद सन 1907 मे ट्राम को इलेक्ट्रिसिटी से चलाया गया जो पायधुनी, क्राफर्ड मार्किट, वी.टी. स्टेशन हाल का छत्रपति शिवाजी टर्मिनल होकर कुलाबा के बिच चलती थी. मगर बादमे उसे 31 मार्च 1964 के दिन से बंद कर दी थी. 

        दिसंबर 1992 से जनवरी 1993 के हिंदू मुस्लिम दंगों मे तकरीब 900 लोगों की जान चली गईं थी. 

     उसके बाद 12 मार्च 1993 मे हुए आंतकवादी. हमलो मे 257 लोगों की मृत्यु हो गयी थी, और 713 लोग घायल हुए थे. जिसका सरगना दाउद इब्राहिम और उसकी डी कंपनी बतायी जाती है.

      बॉम्बे स्टॉक एक्सेंज की 28 माले की इमारत की बेसमेंट में दोपहर 1.30 बजे धमाका हुआ था, जिसमें लगभग 50 लोग मारे गए थे. इसके आधे घंटे बाद एक कार धमाका हुआ और अगले दो घंटे से कम समय में कुल 13 धमाके हो चुके थे. करीब 27 करोड़ रुपए की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था.

     ता : 11/07/2006 मंगलवार की शाम मुंबई की लोकल ट्रैन मे हुए बम धडाकों ने मुंबई की लाइफ लाइन को अस्त व्यस्त कर दीया था. श्रुंखला बद्ध 7 विस्फोटों मे करीब 135 यात्री मारे गये थे. यह विस्फोट माहिम, माटुंगा , खार , सांताक्रूज़ , जोगेश्वरी , बोरीवली , मीरारोड और भाईंदर स्थित लोकल ट्रेनों मे हुए थे. सभी विस्फोट शाम 6:24 से लेकर 6:30 के बिच मे हुए थे. 

   मुंबई ट्रैन धड़ाके के 13 आरोपियोंमे से 12 को दोषी करार पाये गये थे. इन 12 आरोपियों पर प्रतिबंधित संगठन सिमी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) से संबंध होने का आरोप था. अदालत ने इनमें से पांच आरोपियों को हत्या का दोषी पाया था. 

       तारीख 26/11/2008 के दिन पाकिस्तान से आये 10 आतंकियों ने मुंबई में आंतक फैलाकर तबाही मचा दी थी. उसमे एक मात्र कुख्यात कसाब आंतकी जिंदा पकड़ा गया था. ताज , ओबेरॉय और CST मे हुये हमले मे 160 से ज्यादा लोगोंकी जान चली गई थी और 300 से ज्यादा लोग घायल हुये थे. 

   आज मोनो रेल, मेट्रो मुंबई की शान है. और बुलेट का काम तेजीसे चल रहा है. यहां सन 1823 मे रास्तो पर बाये चलने का नियम शुरु किया गया. प्रथम सन 1853 मुंबई थाणे रेल सेवा का प्रारंभ हुआ था. सन 1864 मे प्रथम बार अधिकृत जनगणना हुई. 

     सन 1897 मे मुंबई की पहेली मोटर कार का आगमन हुआ था. सन 1924 मे गेट वे ऑफ़ इंडिया का उद्घाटन हुआ था. सन 1931 बोलती फ़िल्म आलम आरा यहां प्रदर्शित हुई थी. सन 1960 मे मुंबई को महाराष्ट्र की राजधानी बनाई गई थी. 

        सन 1980 देश की पहेली लेडीज स्पेशल ट्रैन मुंबई CST से चलाई गयी थी. सन 1995 बॉम्बे शहर का मुंबई नामकरण हुआ. 

         मित्रों, मैंने मी मुंबईकर के नाते मुंबई के बारेमें कुछ विशेष जानकारी देनेका प्रयत्न किया है. आपको यह जानकारी जरूर पसंद आयी होगी. 

गर्व से कहो,” मी मुंबईकर ” 

         ” जय महाराष्ट्र.”   

——-====शिवसर्जन ===———-

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