तारीख : 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी हैं. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आयोजित ” प्राण प्रतिष्ठा ” समारोह के दौरान राम लला की मूर्ति का अनावरण किया गया. इसमें हिस्सा लेने के लिए विश्वभर की नामी हस्तियां भी शामिल थी. इस बीच मंदिर के पुजारियों के चयन की प्रक्रिया भी जोरों से हो रही थी. चयन के बाद एक नाम उभरकर सामने आया है, वो है श्री मोहित पांडे.
पुजारीयोंके चयन के लिए करीब 3000 लोगों का इंटरव्यू हुआ था. यदि मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मोहित पांडे को अयोध्या राम मंदिर में पुजारी के रूप में चुना गया है. मोहित पांडे जी गाजियाबाद के रहने वाले हैं. मोहित को तीन हजार लोगों के साक्षात्कार के बाद चुना गया है. जिनमें उनके अलावा 49 अन्य लोग भी शामिल हैं. चुने जाने के बाद मोहित और उनके अन्य साथियों को 6 माह की ट्रेनिंग दी जाएगी.
मोहित पांडे ने दूधेश्वर वेद विद्यापीठ में सात साल तक पढ़ाई की है. इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वे तिरुपति चले गए थे. ईटीवी भारत के मुताबिक, पीठाधीश्वर श्री महंत नारायण गिरि ने कहा कि भगवान दूधेश्वर की कृपा से मोहित को भगवान राम की सेवा के लिए चुना गया है. अब तक यहां हजारों छात्रों को वेद और कर्मकांड की शिक्षा दी गई है. हम पिछले 23 वर्षों से छात्रों को प्रशिक्षण दे रहे हैं.
बताया जाता है कि ” दूधेश्वर वेद विद्यापीठ ” के नियम बहुत सख्त हैं, जिसके परिणामस्वरूप यहां से निकलने वाले छात्र सफल होते हैं. दूधेश्वर वेद विद्यापीठ में छात्र सुबह 4:00 बजे उठ जाते हैं और रात 10:00 बजे सोने तक सख्त दिनचर्या का पालन करते हैं.
अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर के लिए पुजारियोंके चयन के लिए आवेदन मांगे गए थे. इसमें 3000 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था. चयन प्रक्रिया में पुजारियों के लिए मापदंड निर्धारित किए गए, जिससे सभी को गुजरना पड़ा. इस प्रक्रिया में 200 आवेदक पुजारी साक्षात्कार तक पहुंचे, जिसमें 50 को पुजारी के रूप में चुना गया. इन्हीं 50 पुजारियों में मोहित पांडे का भी नाम शामिल है, जो वर्तमान में खूब चर्चा में बने हुए हैं.
मोहित पांडे वर्तमान में तिरुपति में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम द्वारा संचालित श्री वेंकटेश्वर वैदिक विश्व विद्यालय में एमए (आचार्य) पाठ्यक्रम कर रहे हैं. ये उत्तर प्रदेश सीतापुर के रहने वाले हैं. प्रथम श्रेणी सम्मान के साथ स्नातक पूरा होने पर इन्होंने एमए (आचार्य) पाठ्यक्रम में दाखिला लिया. फिलहाल मोहित पांडे साम वेद विभाग में प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहे हैं.
बताया जाता है कि, मोहित पांडे की नियुक्ति अयोध्या रामलला के मंदिर के लिए साम वेद विंग में “आचार्य” के लिए हुई है. नियुक्ति से पहले मोहित पांडे छह महीने की प्रशिक्षण अवधि से गुजर चुके हैं.
इसी तरह से उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से राम मंदिर के लिए अन्य पुजारियों का चयन हुआ है. ये सभी पुजारी रामानंदीय परंपरा से संबंधित हैं और इन्हें वेद, शास्त्र और संस्कृत में विशेषज्ञता प्राप्त है.
बताया जाता है कि राम मंदिर के मुख्य पुजारी होंगे आचार्य सत्येंद्र दास जी. जो श्री मोहित पांडे के साथ ही अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी 83 वर्षीय आचार्य सत्येंद्र दास भी चर्चा में बने हुए हैं. ये पिछले 31 सालों से राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी हैं और 1992 में बाबरी विध्वंस से लगभग 9 महीने पहले ही आचार्य सत्येंद्र दास यहां पुजारी के रूप में रामलला की पूजा कर रहे हैं.
कहा जाता है कि, 1992 में जब इनकी राम जन्मभूमि मंदिर में पूजा के लिए इनकी नियुक्ति हुई थी, तब इन्हें वेतन के रूप में 100 रुपये मिलते थे. आचार्य सत्येंद्र दास जी साधु बनना चाहते थे. इसलिए इन्होंने अपना घर भी छोड़ दिया और 1958 में अयोध्या आ गए थे. )