आजकी यह पोस्ट मै इसीलिए नही लिख रहा हूं कि डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम हमारे देश के राष्ट्रपति थे. मगर ये पोस्ट इसीलिए लिख रहा हूं कि श्री कलाम साहब राष्ट्रपति के उपरांत एक राष्ट्र समर्पित सच्चे देश भक्त, ईमानदार,
विनम्र, सादगी से जीवन व्यतीत करने वाला मानवतावादी इंसान था. दूसरों के लिए पथदर्शक, मार्गदर्शक थे.
आज जब अधिकांश नेता हो या वरिष्ठ अधिकारी वर्ग, सब के सब धन बटोरने की स्पर्धा मे लगे है. जनता भली भाति जानती है कि ये सब मेवा के लिए सेवा करते है. जनता की कमजोरी यह है कि जनता असंगठित है.
नगरसेवक के चुनाव के पहले एक उम्मीदवार साइकिल पे घूमता दिखाई देता हो, चुनाव जितनेके बाद पांच साल के अंदर वो फोर व्हीलर मे घूमते नजर आता है. ज्यादातर उमीदवार विधायक बनने से पहले सादी फोर व्हीलर कार मे घूमते दिखाई देता है मगर चुनाव जीत ने के बाद ऑडी कार ख़रीदने की हैसियत रखता है. कई सांसद उमीदवार चुनाव जीतकर हेलीकाप्टर लेनेकी क्षमता वाले नेता बन जाते है.
क्या इतना धन पांच सालमे अर्जित किया जा सकता है ? वर्तमान मे जन सेवा व्यवसाय बन गया है. पार्टियों द्वारा नगरपालिका क्षेत्र का सालाना बजट देखा जाता है. उसके आधार पर इनकम का आंकलन किया जाता है. धनवान उम्मीदवारों से टिकट के नाम पर पार्टी
के लिए फंड वसूला जाता है. इसके लिए खूब मसक्कत की जाती है.
क्या भ्रस्ट्राचार के बीना राजनित संभव नही है ? येनकेन प्रकारेण धन एकत्रित करना ही एकमात्र राजनीति का भाग है ? ऐसी विचारधारा रखने वाले जनरक्षक ( जन भक्षक ) लोगोंको
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जीवन चरित्र एकबार अवश्य पढ़ना चाहिए.
आपको जानकर बडी हैरानी होंगी कि डॉ. ए.पी.जे.अब्दुल कलाम साहब राष्ट्रपति होते हुए भी उनकी कुल संपत्ति सामान्य लोगो से भी कम थी.
उनकी संपत्ति मे……
(1) रामेश्वरम में एक घर जो उनके पिता ने बनवाया था.
(2) 2500 किताबें.
(3) वीणा.
(4) कलाई घड़ी.
(5) सीडी प्लेयर.
(6) 1 लैपटॉप.
(7) 6 शर्ट.
( 4 पैंट.
(9) 3 सूट.
(10) एक जोड़ी जूता.
भारत के पूर्व राष्ट्रपति के पास फ्रीज तक नहीं था. इसके आलावा उनके पास टीवी, कार और एयर कंडीशनर भी नहीं था. कलाम की कमाई का मुख्य स्रोत रॉयल्टी थी जो उनकी लिखी 4 किताबों से उन्हें मिलती थी. इसके अलावा उन्हें पेंशन भी मिलती थी, जिसे वो अक्सर अपने गांव की ग्राम पंचायत को दान कर दिया करते थे.
ये थी उनकी कुल संपत्ति. इसके सिवा उनके पास ख़ास चीजे थी…..
कलाम साहब के पास विश्वविद्यालयों की 40 डॉक्टरेट की मानद डिग्री थी. उन्होंने खुद P.H.D. की पढ़ाई कभी नहीं की लेकिन जिस भी कॉलेज जाते लोग उन्हें आदर के साथ डॉक्टरेट के डिग्री प्रदान करते थे.
सन 1979 में डॉ. कलाम को भारत के वैज्ञानिक अनुसंधान और भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी के आधुनिकीकरण में उनके जबरदस्त योगदान के लिए भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न दिया गया था.
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के पिता का नाम जैनलाब्दीन था जो पेशे से नावों को किराये पर देने और बेचने का काम करते थे.
डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम का जन्म ता : 15 अक्टूबर 1931 को एक तमिल मुस्लिम परिवार में जैनुलाबदीन, एक नाव के मालिक और आशियम्मा, रेमेश्वरम तमिलनाडु में एक गृहिणी के रूप में हुआ था. कलाम एक गरीब पृष्ठभूमि से आया था. उन्होंने परिवार को मदद करने के लिए कम उम्र में काम करना शुरू कर दिया था. स्कूल समय के बाद अखबार वितरण करने का काम भी किया था.
ता : 27 जुलाई 2015 के दिन कलाम ने भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में ” एक रहने योग्य ग्रह पृथ्वी बनाना ” पर व्याख्यान देने के लिए शिलांग की यात्रा की उस समय सीढ़ियों की उड़ान पर चढ़ते समय, उन्हें कुछ असुविधा का अनुभव हुआ, लेकिन थोड़े आराम के बाद सभागार में प्रवेश करने में सक्षम थे.
भारतीय समयानुसार शाम करीब 6:35 बजे , अपने व्याख्यान के केवल पांच मिनट बाद, वह गिर पड़े. गंभीर हालत में उन्हें पास के बेथानी अस्पताल ले जाया गया. गहन चिकित्सा इकाई में रखे जाने के बावजूद , कलाम की शाम 7:45 बजे 83 वर्ष की आयु में एक स्पष्ट कार्डिएक अरेस्ट से उनकी मृत्यु हो गई.
अब्दुल कलाम जी के कुछ प्रसंग :
*** एक बार डॉ. कलाम जी ने अपने परिवार के 52 सदस्य को दिल्ली मे आमंत्रित किया था. सभी लोग 8 दिन के लिए राष्ट्रपति भवन में रुके. जब 8 दिन के बाद सभी लोग वापस चले गए तो कलाम जी ने कुल खर्चों का लिस्ट तैयार करवाया और किराये सहित खाने पीने और घुमने का पैसा उन्होंने अपने निजी खाते से दिया.
*** कलाम जब भी विदेश जाते थे, उन्हें महंगे उपहार मिलते थे, क्योंकि यह कई देशों के राज्य प्रमुखों को उपहार देने के लिए प्रथागत है. उपहार से इंकार करना राष्ट्र का अपमान और भारत के लिए शर्मिंदगी का सबब बन जाएगा. अतः उन्होंने उसे प्राप्त किया और उनकी वापसी पर डॉ कलाम ने उपहारों को फोटो खिंचवाने के लिए कहा और फिर कैटलॉग किया और अभिलेखागार को सौंप दिया. बाद में उन्होंने कभी उनकी तरफ देखा भी नहीं. राष्ट्रपति भवन से निकलने के बाद मिले उपहारों में से उन्होंने एक पेंसिल भी नहीं ली.
**** कलाम को अपने कार्यकाल के अंत में राष्ट्रपति भवन छोड़ना था, तो प्रत्येक स्टाफ सदस्य ने उनसे जाकर मुलाकात की और उनका सम्मान किया. मिस्टर नायर अकेले उनके पास गए क्योंकि उनकी पत्नी के पैर में फ्रैक्चर हो गया था. वह बिस्तर तक ही सीमित थीं. डॉ. कलाम ने उसे पूछा कि उनकी पत्नी क्यों नहीं आई ? तो उसने जवाब दिया कि वह एक दुर्घटना के कारण बिस्तर पर थी. अगले दिन, श्री नायर ने अपने घर के आसपास बहुत सारे पुलिसकर्मियों को देखा और पूछा कि क्या हुआ ? उन्होंने कहा कि भारत के राष्ट्रपति उनके घर में उनसे मिलने आ रहे थे. वह आया और अपनी पत्नी से मिला और कुछ समय तक बात की.
*** सन 2000 में श्री अटल बिहारी वाजपई जी की सरकार में हाइड्रोजन बम का सफल परीक्षण करके भारत का नाम पूरी दुनिया मे रोशन किया था. जिसके बाद ही भारत देश के लोग मिसाइल मैन के नाम से जानने लगे थे. अब्दुल कलाम देश के अकेले ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन्हें बिना चुनाव भी देश के लोग मिसाइल मैन के नाम से जानते हैं और उन्होंने देश को 5 मिसाइल भी दी हैं. राष्ट्रपति घोषित किया गया था.
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो जब लोकसभा में इस बात पर चर्चा हुई कि भारत के राष्ट्रपति अब्दुल कलाम को होना चाहिए तो विपक्ष ने भी किसी असहमति के प्रस्ताव स्वीकार कर लिया था और भारतीय इतिहास में ये पहली बार देखने को मिला जब बिना चुनाव के किसी को देश का महामहीम बनाया गया हो.