इंग्लैंड मे रानी की परंपरा कैसे शुरु हुई

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इंग्लैंड एक ऐसा राजघराना है जहां उत्तराधिकारी घर की लड़की होती है. जहां दुनिया के अधिकतर राजघरानों में अगला राजा बनने का अधिकार घर के बड़े बेटे का होता है. जानना दिलचस्प होगा की ऐसा क्यों हैं ?

उत्तराधिकारी के मामले मे सदियों पहले इंग्लैंड में भी राजा की ही परंपरा थी लेकिन कालांतर के बाद इंग्लैंड के निवासियों को राजा का शासनकर्ता होना रास नहीं आया. वहां के लोगोंको ऐसा लगने लगा कि एक लड़की एक लड़के के मुकाबले ज्यादा होनहार होती हैं. और अच्छा शासन दे सकती हैं.

सन 1685 मे इंग्लैंड की राजगद्दी पर चार्ली द्वितीय का शासन था. मगर सन 1685 में चार्ली की मृत्यु हो गई. और राजगद्दी पर चार्ली के ही छोटे भाई जेम्स द्वितीय को बिठाया गया लेकिन इंग्लैंड की जनता जेम्स दितीय से इतनी नाराज थी कि वो उन्हें राजा मानने के लिए तैयार नहीं थी.

जनता की नाराजगी होते हुए भी सन 1685 से सन 1688 तक जेम्स द्वितीय ने गद्दी संभाली. वो जनता को खुश नहीं कर सका इसके बजाय जेम्स का परिवार भी उसके खिलाफ हो गया. जेम्स की बेटी “मेरी” भी अपने पिता से नाराज होकर बगावत करने लगी.

जेम्स को गद्दी पर से हटाने के लिए मैरी ने हॉलैंड के राजा विलियम ऑफ ऑरेंज का सहयोग लिया और स्वयं गद्दी पर आसीन हो कर उससे शादी कर ली. मैरी के इस साहसी कदम से इंग्लैंड की पूरी जनता उनके साथ थी. सन 1688 में मैरी इंग्लैंड की रानी के रूप में पहली बार गद्दी पर आसीन हुई.

मैरी के पति विलियम ऑफ ऑरेंज ने शपथ ली की वह देश के लिए अपने कर्तव्य का पालन करेंगे लेकिन देश के शासन में प्रत्यक्ष रूप से भाग नहीं लेंगे. इस घटना के बाद इंग्लैंड में राजकीय शासन के लिए कई संशोधन भी किए.

आखिरकार यह प्रथा आगे भी कार्यान्वित हुई कि इंग्लैंड के शासन की गद्दी केवल रानी ही संभालेगी. वर्तमान इंग्लैंड की जनता लोकतांत्रिक तरीके से प्रधानमंत्री का चुनाव करती है और प्रधानमंत्री एवं रानी देश की बागडोर मिलकर संभालते हैं.

एलिज़ाबेथ द्वितीय (एलिज़ाबेथ ऐलेक्सैड्र मैरी ) का जन्म तारिख : 21 अप्रैल 1926. और मृत्यु ता : 8 सितंबर 2022 मे हुई थी. वह 6 फरवरी 1952 से 2022 में अपनी मृत्यु तक यूनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल प्रजा भूमियों की महारानी रही थीं. उनकी मृत्यु 96 साल की उम्र मे हुई थी. सिर्फ 25 साल की उम्र में ब्रिटेन की राज गद्दी संभालने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय तीन बार भारत का दौरा कर चुकी हैं. वह सन 1961, सन 1983 और सन 1997 में भारत आई थीं.

रानी एलिजाबेथ द्वितीय के लग्जरी लाइफ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिस बकिंघम में वह 70 साल तक रहीं, उसमें 775 कमरे और 78 बाथरूम हैं. क्वीन के ताज को 2900 दुर्लभ और कीमती पत्थरों से सजाया गया था. इस ताज की कीमत करीब 4500 करोड़ रुपए है. इस ताज में भारत का कोहिनूर हीरा भी जड़ा है.

​ एक समय था कि जब भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश सहित दुनिया के ज्यादातर देश ब्रिटेन यानि अंग्रेजों के गुलाम थे. ब्रिटेन के गुलाम देशों में अंग्रेजों का ही राज रहता था और उन्हीं के नियम कानून चलते थे.

नेपाल एक ऐसा देश है जो आजतक किसी का गुलाम नहीं हुआ और इसमें अहम भूमिका गोरखाली सेना की रही.

भारत की गुलामी की शुरुआत सन 1600 से हो गई थी जिसमें डच, फ्रांस, पुर्तगाल, ईस्ट इंडिया कंपनी, ब्रिटिश राज आदि सभी लोगो ने भारत देश के अलग अलग हिस्सों पर राज किया था. परन्तु केवल ब्रिटिश राज ही सम्पूर्ण भारत को गुलाम बनाने में सक्षम हुआ जो कि सन 1857 से सन 1947 तक रहा था.

वर्तमान मे इंग्लैंड की राज सत्ता पर ता : 8 सितंबर सन 2022 से महाराजा चार्ल्स तृतीय हैं , जब उन्होंने अपनी मा एलिज़ाबेथ द्वितीय से राजगद्दी की सत्ता हासिल की थी. किंग चार्ल्स III अपने चार नामों में से किसी एक को चुन सकता था, चार्ल्स, फिलिप, आर्थर और जॉर्ज.

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