इंटरनेट पर एक सुंदर कहानी पढ़नेको मिली, जिसे मित्रों के साथ शेयर कर रहा हूं……
एक अस्सी साल का बुजुर्ग अपनी पोती को लेकर शहर की एक आलीशान होटल में पहुंचा. दोनों कुर्सी पर जाकर बैठ गये. वैटर आया. ऑर्डर पूछा. वह बुजुर्ग बोला, मेरी बेटी के लिए एक बढ़िया मसाला डोसा लेकर आओ.
इसपर वैटर ने पूछा, कि आप नहीं खाएंग ? बुजुर्ग बोला, नहीं. मेरी पास सिर्फ एक डोसाका ही पैसा है. आज मेरी यह बेटी 10वीं की परीक्षा में फर्स्ट क्लास में पास हुईं है. मैंने उसे वादा किया था कि यदि वो पास होगी तो उसे शहर की इस बडी आलीशान होटल में डोसा खिलाऊंगा.
वैटर काउंटर पर गया और मैनेजर से मिला. पुरी कहानी सुनाई, और कहा कि इस वक्त मेरी पास पैसे है नहीं अतः आप मेरी पगार से पैसे काट लेना. मैं उस बच्चीको मुफ्त में डोसा देना चाहता हूं. यह सुनकर मैनेजर ने कहा कि एक नहीं उनको दो डोसा होटल की ओर से फ्री में दिया जाय.
डोसा खाकर बुजुर्ग ग्राहक की आँखमे आंसू आ गये. उसने वैटर और मैनेजर का आभार माना.
इस घटना को छह – सात साल बीत गये. एक दिन होटल मैनेजमेंट को कहा गया कि कल आपकी होटल में नयी आयी कलेक्टर आने वाली है. फिर क्या उसके ऊष्माभरे स्वागत के लिए होटल का पुरा स्टाफ व्यस्त हो गया.
कलेक्टर महोदया आयी. वो कुर्सी पर बैठ गई. और एक डोसा का ऑर्डर दिया. वोही वैटर ने उसे डोसा परोसा. कलेक्टर साहिबा ने बड़े चाऊ के साथ डोसा खाया और केस काउंटर पर बिल देने पहुंची. ये देखकर मैनेजर स्तब्ध रह गया. मेम यह आप क्या कर रही हो…?आपसे बिल हम कैसे ले सकते है?
आपने तो हमारे होटल में आकर हमारी होटल की शान बढ़ाई है. इसपर कलेक्टर महोदया बोली कि आपको याद है? जब मैंने 10वीं की परीक्षा पास की तो मेरे दादा मुजे डोसा खिलाने यहीं होटल में लाया था. उस वक्त मुजे और मेरे दादाजी को आप लोगोंने मुफ्त में डोसा खिलाया था. मैं वही लड़की हूं. जो आज कलेक्टर बनकर आपकी यह होटल में आयी हूं.
आपका ये अहेसान मैं आज तक भूली नहीं हूं. और हा, आज आपकी होटल के कामवाले सभी लोगोंको मेरी तरफ से मसाला डोसा मुफ्त में खिलाया जाय और जितना भी बिल हो मुजे भेजा जाय जो मैं मेरी खुद की कमाई से पेड करुँगी.
मित्रों, कोई भी व्यक्ति का समय एक जैसा नहीं होता. एक समय इस लड़की के घर वालों के लिए शहर की ऐसी आलीशान होटल में डोसा खाना भी अपनी शान के जैसा था. समय बदला और एक समय ऐसा आया की वही लड़की का होटल में आना, होटल की शान बन गया.
इस वैटर के लिए खास :
फूलों की सुगध केवल हवा
की दिशा मे फैलती है.
लेकिन एक व्यक्ति की अच्छाई
हर दिशा मे फैलती है.