बेगम मुमताज़ की याद मे शाहजहाँ ने आगरा मे ताजमहल बनाया ये बात हम सब जानते है, मगर एक दोस्त ने अपने दोस्त के लिए महल बनाया था, ये बात आपको पता है ? जी हाँ, एक दोस्त ने अपने जिगरी दोस्त के लिए जहांगीर महल बनाया था. ईसवी सन 1518 में वीरसिंह देव ने अपने मित्र बादशाह जहांगीर ऊर्फ सलीम के लिए जहाँगीर महल बनाया था.दोनोंकी जिगरी दोस्ती का ये प्रमाण है.
शाहजहाँ महल का प्रवेश द्वार पहले पूर्व की ओर था, मगर बाद में पश्चिम की ओर से एक प्रवेश द्वार को बनवाया गया. आजकल पूर्व वाला प्रवेश द्वार बंद रहता है तथा पश्चिम का प्रवेश द्वार पर्यटकों के आवागमन के लिए खोल दिया गया है.
कभी कभी पुरातत्व विभाग के लोग पर्यटकों को आकर्षित करने पूर्व वाला प्रवेश द्वार खोल देते हैं. यहांसे प्राकृतिक मनभावन दृश्य दिखाई देता है. यहां से नदी, पहाड़, नदी एवं ओरछा वनों के रमणीय दृश्य दिखाई देते हैं.
महल के मुख्य द्वार पर पत्थर के विशाल हाथी खड़े हुए हैं. वहीं चारों ओर से खुला हुआ विशाल तोपखाना है. यह तोपखाना सुरक्षा की दृष्टि से बड़े महत्व का है. अत्यन्त शक्तिशाली दुश्मन भी इस तोपखाने को देखकर आक्रमण करने का दुस्साहस नहीं कर सकते थे.
महल के अंदर एक जैसी कतारों में सैकड़ों कमरे बने हुए हैं. चारों ओर के कमरों से घिरा हुआ विशाल प्रांगण है. महल के ऊपरी भागों में भी अनेक कमरे हैं तथा महल के पश्चिमी भाग में भूलभुलैया बनी हुई है. महल के अंतर्गत तलघर है जहां से रास्ते जमीन के अंदर से होकर अन्य महलों के लिए जाते हैं.
जहांगीर महल ओरछा के प्रसिद्ध स्मारकों में से एक है. यह स्थान झांसी से लगभग 18 किलो मीटर दूर है. यह प्राचीन वास्तुकला महल को राजा वीर सिंह ने सन 1518 में मुगल शासक जहांगीर के लिए मित्रता की कदर करके बनवाया गया था. इस प्राचीन वास्तु कला महल को रानी महल , ओरछा पैलेस, जहांगीर का गढ़, जहांगीर गढ़ आदि विभिन्न नामोसे जाना जाता है.
यह जगह विदेशियों के लिए पसंदीदा पर्यटक स्थल है, जो ओरछा, मध्य प्रदेश स्थित विध्यमान है.
ओरछा का जहांगीर महल झांसी से लगभग 18 किमी की दूरी पर है. ओरछा का सड़क मार्ग प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है. अगर आप को हवाई जहाज से यात्रा करनी हैं, तो ग्वालियर हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है. इसके अलावा ओरछा की यात्रा करने के लिए कई विकल्प है.
इतिहास की कहानी यह कहती है कि अकबर की सेना और महाराजा वीर सिंह की सेना के बीच लड़ाई के बाद जहांगीरने अपने करीबी दोस्त महाराजा वीर सिंह को पूरे बुंदेलखंड को उपहार में दे दिया था. मुगल राजकुमार सलीम अपने पिता अकबर के साथ बहुत संघर्ष में शामिल था, जिसने उसे अस्वीकार कर दिया था. अकबर कई मुद्दों पर जहांगीर से बेहद नाखुश था, इसका पुख्ता प्रमाण अनारकली (जहांगीर की प्रेमीका ) के साथ उसकी निकटता उनमें से एक थी.
बादशाह अकबर ने जहाँगीर से लड़ने के लिए एक सेना भेजी और अकबर की सेना का मुखिया अबू फजल था. आगरा जाने के लिए सेना को बुंदेला क्षेत्र को पार करना पड़ा, इसलिए सलीम के एक अच्छे दोस्त के रूप में वीर सिंह ने अकबर की सेना से लड़ाई की थी.
जहांगीर ने भी अपनी वफादारी के लिए पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र को वीर सिंह को उपहार के रूप में में दिया, और वीर सिंह ने एहसान वापस करने के लिए जहांगीर पैलेस का निर्माण किया था.
जहांगीर महल में एक चौकोर आकार का आंगन है जो पूरे महल के केंद्र के रूपमें कार्य करता है. महल तीन मंजिला संरचना है जिसे पीले और लाल पत्थरों से बनाया गया है.
महल में करीब 136 कमरे हैं और ये सभी दीवार चित्रों से सजाए गए हैं. इस महल का निर्माण हिंदू और इस्लामी वास्तुकला का मिश्रण है, कमरे, गुंबद, स्मारकों के प्रवेश द्वार सभी पहलु उस शैली को दर्शाते हैं.
इस महल का विंटेज लुक मध्ययुगीन महलों से प्रेरित और अपेक्षित है. तथा आसपास का वातावरण बहुत ही सुंदर और रोमांटिक है, इसलिए क्योंकि यह बेतवा नदी के तट पर स्थित है. जगह के अंदरूनी हिस्से में हाथियों के चित्र हैं, और महल की बाहरी संरचना ऊंटों के लिए स्थिर है.
जहांगीर महल, ओरछा के आसपास आपको कई अन्य आकर्षण देखने को मिलते है. इस टाउनहाउस में अपरिचित लेकिन शानदार महल हैं, इसलिए बीते युग के बहुत सारे सांस्कृतिक इतिहास का पता लगाने में उपयुक्तजगह है.
पर्यटकों को मुलाक़ात के लिए सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है. ये एक महल ( पैलेस ) के रूपमें है.
ओरछा का दौरा हर मौसम साल भर मे कभी भी कर सकते है. वास्तु कला तथा ऐतिहासिक स्मारक के चाहको के लिए यह स्थल उपयुक्त है. जो लोग संरचनाओं के प्राचीन इतिहास का पता लगाना चाहते हैं, उनको ये जगह की मुलाक़ात करने योग्य है.
अगर कोई रिवर-राफ्टिंग जैसे वाटर स्पोर्ट्स देखना चाहते हैं, या हाइक के लिए जाना चाहते हैं, तो सर्दियों और वसंत के मौसम मे जाना उचित होगा.
ओरछा में पर्यटन का मौसम अक्टूबर से अप्रैल तक का माना जाता है, क्योंकि इन महीनों में काफी ठंडी जलवायु होती है और आसपास की सुंदरता भी देखने मिलती है