कम्युनिस्ट ( साम्यवादी ) के बारेमे पचास – साठ लाइन मे संक्षिप्त मे लिखना मतलब ऊंट के मुँह मे जीरा डालने समान है. फिर भी कुछ मुख्य अंश प्रस्तुत है.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ( भा क पा ) या कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया. ( C P I ) भारत देश का एक साम्यवादी दल है. जिसको चुनाव आयोग ने देश की राजनितिक पार्टी के रूप मे मान्यता दी है.
भारत मे साम्यवादी पार्टी की स्थापना 26 दिसंबर 1925 के दिन श्री मानवेन्द्र नाथ राय ने कानपुर मे की थी.
जिसका मुख्यालय दिल्ली मे है. शुरुआती नेता ओमे अबनी मुख़र्जी , मोहमद अली , शफीक सिद्दीकी आदि. मुख्य थे.
साम्यवाद – मार्क्सवाद श्री कार्ल मार्क्स की विचार धारा पर आधारित है. उनका मानना है की देश की संपत्ति पर सबका एक जैसा अधिकार है. ना किसीका कम ना किसीका ज्यादा. देश इस संपत्ति का संरक्षक है.
मार्क्सवाड़ी पार्टी का झंडा लाल रंग का होता है. और बीचमे हंसिया और हथौड़ा का चिन्ह होता है, जो मजदूरों के प्रति प्रेम का प्रतिक दर्शाता है. और यही हंसिया और हथौड़ा इनका चुनाव चिन्ह भी है.
कार्ल मार्क्स का जन्म ता : 5 मई 1818 के दिन यहूदी परिवार मे हुआ था. और मृत्यु सन 1883 के दिन हुई थी. कार्ल मार्क्स एक जर्मन अर्थशास्त्री , वैज्ञानिक था. जिसने समाजवाद – साम्यवाद का नये सिंद्धान्तो का प्रतिपादन किया. और नयी शासन व्यवस्था का जनक कहलाया. कार्ल मार्क्स का मानना था पूँजीवादी लोग मजदूरों का शोषण करते है. उनके हक़ से वंचित रखते है.
भारत मे कम्युनिस्ट पार्टी कभी एक बड़ी राजनितिक ताकत हुआ करती थी. कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस के बाद देश की सबसे पुरानी दूसरी पार्टी थी. कम्युनिस्ट ने दुनिया के कई देशोंको अपनी विचार धारा से प्रभावित किया. जिसमे रसिया और चाइना प्रमुख है.अमेरिका,इंग्लैंड पूँजीवाद अर्थ व्यवस्था को अपनाते है.
आज हमारे देश के कुछ उनके विरोधी लोग, कम्युनिस्ट विचार धारा को इस प्रकार प्रस्तुत करते है कि यह लोग देश द्रोही है. देश मे इस्लाम लाना चाहते है और पाकिस्तान और चीन के दलाल है.
जबकि कम्युनिस्टों का कहना है कि लोकतंत्र मजबूत हो. कम्युनिस्ट ही देश के असली राष्ट्र भक्त और राष्ट्रवादी है. शराब, मुर्गा और लिफाफे मे नोट बाटना बंद हो. देश के मजदूरों , गरीब किसानो को लूटना बंद हो, शोषित, उत्पीड़ित लोगो की सहायता हो. मजदूरों को न्याय मिले.
यहाँ पर वामपंथी – दक्षिण पंथी पर प्रकाश डालना उचित समजता हूं. फ़्रांस की क्रांति सन 1789 मे हुई थी. तब दो हिस्सोमे व्यवस्था बट गयी थी. वामपंथी, दक्षिण पंथी. दक्षिण पंथी बदलाव मे विश्वास रखते है. मगर ज्यादा धार्मिक होते है. अपनी परंपरा संस्कृति को संभालकर रखना चाहते है. ये पूंजीवाद मे विश्वास रखते है.
वाम का अर्थ बायां या स्त्री सम्बंधित या उल्टा होता है. वामपंथी राइट ( बायां ) पूँजीवाद मे मानता है. वाममार्ग मे स्त्री को सर्वोच्च स्थान दिया जाता है.
वामपंथी लेफ्ट ( दक्षिण पंथी ) विचार धारा के लोग पूंजीवाद का विरोध करते है. ये ” साम्यवाद ” को मानते है. उनका मानना है की समाज के हर स्तर के लोगो को समान हक़ मिलना चाहिए. चाहे फिर वो शेक्षणिक क्षेत्र हो, सरकारी क्षेत्र हो या अन्य. सबको एक जैसी सुविधा मिलनी चाहिए.
सन 2004 के लोकसभा चुनाव मे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने कुल 34 सीट पर चुनाव लड़ा था और पांच राज्योंमे कुल 10 सीट हासिल की थी, जिसमे आंध्रप्रदेश – 1. केरल – 3. तमिलनाडु – 2. पश्चिम बंगाल – 3. और झारखंड – 1. का समावेश था.
लोकसभा चुनाव 2009 मे 56 सीटे लड़ी मगर सिर्फ 4 सीट जीत पाई. जिसमे उड़ीसा – 1. तमिलनाडु – 1.और पश्चिम बंगाल – 2. सामिल है.
लोकसभा चुनाव 2014 मे कुल 56सीटे लड़ी मगर सिर्फ केरल की 1 सीट ही जीत पाई. जिससे पार्टी का अस्तित्व टिकाये रखने का संकट आ पड़ा.
लोकसभा चुनाव 2019 मे तमिलनाडु मे सिर्फ 2 सीट जीत पाई. इसके साथ ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को अपना राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खोनेका संकट मंडराने लगा है. इन आकड़ो को देखकर आपको नहीं लगता की कम्युनिस्ट पार्टी वेंटीलेटर पर है ? बहस का विषय है ! इसीलिए आम जनता पर छोड़ता हुं.
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शिव सर्जन प्रस्तुति.