किस तरह शहद का सेवन हानिकारक.

शहद और घी वास्तव मे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता हैं. लेकिन इन दोनों का मिश्रण जहरीला माना जाता है. आयुर्वेद संहिता के अनुसार, अगर घी और शहदको समान मात्रामें मिलाने से बैक्टीरिया पैदा होते हैं, जिससे दोनों का संयोजन जहरीला हो जाता है.

यक्ष प्रश्न है कि यदि घी और शहद को मिलाकर जहर बनता है, तो पंचामृत बनाते समय इसका उपयोग क्यों किया जाता है. अच्छा प्रश्न है. पंचामृत पांच पदार्थों से मिलकर बनता है, जिसका उपयोग पूजा के दौरान अभिषेक करने के लिए किया जाता है.

इसको प्रसाद के रूप में भी परोसा जाता हैं. इसे बनाने में आमतौर से दूध, दही, शहद, घी और चीनी का इस्तेमाल होता है. पंचामृत जहरीला न होने का कारण यह है कि असली घी और शहद को समान अनुपात में नहीं मिलाया जाता. पंचामृत को प्रसाद के रूप में बांटते हैं, और इसका सेवन बहुत कम मात्रा में होता है। आमतौर पर बस एक 1 चम्मच लिया जाता है, जिससे शरीर को कोई नुकसान नहीं होता है.

मांस व मछली के साथ भी शहद का सेवन नहीं करना चाहिए. शहद का इनके साथ सेवन करने से हमारे शरीर में टॉक्सिन्स बढ़ जाते है. इससे दृष्टिहीनता व कानो पर भी असर हो सकता है और हमें सुनाई देना भी बंद हो सकता है.

शहद को कभी भी दही में मिलाकर नहीं खाना चाहिए. इससे गैस, एलर्जी और किसी भी तरह की स्किन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. इसके अलावा आप चीनी के साथ कभी भी शहद न खाये. चीनी के साथ शहद को खाना भारी नुकशानकारक हो सकता है.

हमें शहद के साथ मूली का सेवन नहीं करना चाहिए. इससे भी हमारे शरीर के टॉक्सिन्स बढ़ जाते हैं. इससे शरीर के अवयव खराब होने के चान्सेस ज्यादा बढ़ जाते हैं. इसलिए हमें मूली के साथ शहद का सेवन कभी भी नहीं करना चाहिए.

तरबूज को हमें तरबूज के साथ ही खाना चाहिए. यदि इन्‍हें किसी अन्‍य फल के साथ खाया गया, तो वे ठीक से पच नहीं पाता हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि तरबूजे में पानी की मात्रा अधिक होती है और वे अन्य फलों की तुलना में अधिक तेजी से पचते हैं. यह बात केवल तरबूज पर ही नहीं बल्‍कि खरबूजे पर भी लागू होती है.

मछली के साथ काली मिर्च कभी नहीं खानी चाहिए. मछली खाने के बाद काली मिर्च खाने से नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती हैं.

तिल के साथ कभी भी पालक का सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से डायरिया होने का खतरा बढ़ जाता है.

10 दिन तक यदि कांसे के बर्तन में घी रख दी गई है, तो उसके बाद उस घी को नहीं खाना चाहिए. हमें पीले छतरी वाले मशरूम को सरसों के तेल में पकाना नहीं चाहिए और ना ही खाना चाहिए.

ठंडे पानी के साथ घी, तेल, खरबूज, अमरूद, खीरा, जामुन और मूंगफली कभी नहीं खानी चाहिए.

पके हुए चावल के साथ सिरका नहीं खाना चाहिए. इसके परिणाम घातक हो सकते हैं. गर्म चीजों के साथ शहद का सेवन करने से दस्त और लूज मोशन की समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा भी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं शरीर में दस्तक देती हैं.

ज्यादातर लोगों का यह मानना होता है कि शहद के साथ चाय या कॉफी लेने से सर्दी-जुकाम से आराम मिलता है. लेकिन ऐसा नहीं होता है. यह शरीर के तपमान को और बढ़ा देता है जिससे तनाव और घबराहट बढ़ती है.

दूध और शहद को एक साथ बराबर मात्रा में कभी सेवन न करें. ये दोनों का इस तरह का संयोग जहर की तरह काम करता है. दही और खट्टे फल एक साथ कभी नहीं खाना चाहिए. इसमें अलग अलग एंजाइम मौजूद होते हैं, जिससे ये दोनों एक साथ पचाने में मुश्किल होता है

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