कुख्यात आंतकी ओसामा बिन लादेन.

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कुख्यात आतंकवादी ओसामा बिन लादेन सऊदी अरब का था , जिसने आतंकवादी संगठन ” अल कायदा ” की स्थापना की थी. लादेन एक ऐसा व्यक्ति था जो दुनिया भर में आतंकी हमलों की साजिश रचने के लिए आतंकवादी संगठन का उपयोग करता था.

सन 2011 में तारिख : 2 मई को अमेरिका ने ऑपरेशन नेप्च्यून स्पीयर मिशन के तहत पाकिस्तान के एक सुदूर इलाके में उसकी गोली दाग कर हत्या कर दी थी, जहां वह अपने परिवार के साथ छिपा हुआ था. लादेन की हत्या पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के आदेश पर की गई थी.

बाद में उसको अमेरिकी विमान वाहक पोत से समुद्र में दफनाया गया था. समुद्र में दफनानेका कारण यह था कि यदि उसे जमीन में दफनाते तो उसके चाहक वर्ग उस जगह को तीर्थ जाहिर करके वहां नमाज अदा करते थे और उसे अमर बना देते थे.

लादेन को अमेरिका पर ता : 11 सितंबर 2001 के आतंकी हमले के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेवार माना जाता है, जिसमें लगभग 3,000 लोग की मृत्यु हुई थी. इसके बाद ओसामा की लगभग एक दशक तक तलाश जारी रही थी , जिसके लिए अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी FBI ने 25 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित किया था.

लादेन ने अमेरिका में अलकायदा के 19 आतंकियों के साथ न्यूयॉर्क की वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को निशाना बनाते हुए 4 विमान को हाइजैक करके आत्मघाती हमला किया था. अमेरिकी लोगोंने इस घटना को अमेरिकी इतिहास का काला दिन कहा था. इस भयानक आतंकवादी घटना का मास्टर माइंड ओसामा बिन लादेन था.

आतंकवाद ओसामा बिन लादेन की मौत दुनिया की जरूरत थी तो अमेरिका के लिए एक जिद भी थी. पाकिस्तान के एबटाबाद में अमेरिकी विशेष बलों ने अलकायदा प्रमुख को मार गिराने के लिए रातों-रात ऑपरेशन को अंजाम दिया था , और शव को समुद्र में फेंक दिया गया था.

ओसामा बिन लादेन की मौत के बारेमें एक नई जानकारी के मुताबिक, लादेन को पहले गोलियों से छलनी किया गया था, फिर उसके शव को एक काले बैग में रखकर समुद्र में डुबाया था. दिलचस्‍प यह है कि उस बैग के भीतर 300 पाउंड यानी करीब 136 किलो वजन की लोहे की जंजीरे भी रखी गईं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह डूब जाए.

इस विषय में अमेरिका के एक वरिष्ठ खोजी पत्रकारके दावे के अनुसार अमेरिका ने इस्लामीक रीतियों के साथ अंत्येष्टि के बाद ओसामा का शव समुद्र में फेंका नहीं बल्कि ऐसी संभावना है , कि रायफल की गोली से अलकायदा प्रमुख के शव के टुकड़े किए गए और उनमें से कुछ हिन्दु कुश पर्वत के ऊपर फेंके गए थे.

सीआईए के पूर्व निदेशक और पूर्व रक्षा मंत्री लियोन पेनेटा ने बताया था, कि दुनिया के सबसे वांटेड आतंक वादी ओसामा बिन लादेन को गोली मारे जाने के बाद उसके शव को समुंदर में दफना ने के लिए विमानवाहक पोत यूएसएस कार्ल विंसल तक ले जाया गया था.

पेनेटा ने अपनी नई किताब ” वर्दी फाइट्स: ए मेमोइर ऑफ लीडरशिप इन वार एंड पीस “में लिखा है, कि ओसामा बिन लादेन के शव को मुस्लिम रस्मों के मुताबिक दफनाने की तैयारी के बाद शव को सफेद चादर से ढक दिया गया था. फिर अरबी में अंतिम प्रार्थना की गई थी और काले रंग के भारी बक्से में रख दिया गया था.”

आगे उन्होंने लिखा है कि , इसके साथ ही तीन सौ पाउंड की लोहे की जंजीरों को उसके भीतर डाला गया जिससे सुनिश्चित हो सके कि शव डूब जाए. जगह का उल्लेख किए बिना पेनेटा ने लिखा है, कि बैग में रखे शव को जहाज पर एक सफेद मेज रखा गया. इसके बाद शव को समुद्र में छोड़ दिया गया. यह बहुत भारी था. मेज भी गिर गई. जैसे ही शव डूबा मेज सतह पर आ गई थी.

हिस्ट्री चैनल की डॉक्युमेंट्री ” रोड टू 9/11″ के अनुसार, ओसामा ने निजी वजहों से अमेरिका पर हमला किया था. डॉक्युमेंट्री के तीन हिस्सों में दिखाया गया है कि कैसे करीब एक दशक पहले से एक के बाद एक घटनाएं घटीं और इस हमले की वजह बनीं.

डॉक्युमेंट्री के अनुसार 90 के दशक में ओसामा बिन अपनी फैमिली के साथ सूडान में आराम की जिंदगी गुजार रहा था. इसी बीच अमेरिकी सरकारने लादेन को सूडान से बाहर निकालने के लिए वहां की सरकार पर दबाव बनाया था, और उसे देश छोड़ना पड़ा था. लादेन के पास रहने के कुछ ही विकल्प थे. वो अपने परिवार को लेकर अफगानिस्तान पहुंचा, लेकिन उस वक्त हालात काफी खराब थे.

अफगानिस्तान करीब एक दशक से सोवियत यूनियन से जंग का सामना कर रहा था और इसके चलते वहां बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं भी नहीं थी. डॉक्युमेंट्री के मुताबिक, ऐसे माहौल के बीच ओसामा की दूसरी वाइफ खदीजा शरीफ ने रहने से इनकार कर दिया था. खदीजा पेशे से यूनिवर्सिटी लेक्चचर थी. खदीजा ओसामा को तलाक देकर अपने बेटे के साथ सउदी अरब चली गई, जिससे ओसामा बहुत दुखी था.

ओसामा अपना परिवार टूटने के लिए अमेरिका को जिम्मेदार मानता था, क्योंकि अमेरिका के दबाव में ही उसे सूडान छोड़ना पड़ा था. 9/11 हमलों पर लिखी लॉरेंस राइट की किताब लूमिंग टावर में भी इस बात का जिक्र किया गया है कि लादेन को तलाक से बहुत झटका लगा था.

डॉक्युमेंट्री के अनुसार इन्हीं घटना के बाद लादेन ने अमेरिका के खिलाफ जंग का 12 पन्नों का घोषणापत्र लिखा था. डॉक्युमेंट्री के राइटर स्टीव कोल का कहना था कि ओसामा अमेरिका को न सिर्फ इस्लामिक दुनिया की बल्कि अपनी पर्सनल लाइफ की तबाही के लिए जिम्मेदार मानता था. स्टिव कोल के अनुसार अमेरिका ने ओसामा को अफगानिस्तान भेजकर ये सोच लिया था कि दुनिया जल्द ही उसे भुला देगी, लेकिन इसके उलट उसने अमेरिका के खिलाफ जंग का फरमान ही जारी कर दिया था.

ओसामा बिन को मार गिराने की कार्रवाई का लाइव वीडियो रिकॉर्डिंग किया गया था. इसका सीधा प्रसारण वाइट हाउस में चल रहा था. इसे खुद तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबाम और उनके मंत्री देख रहे थे. वीडियों फुटेज में सभी गतिविधयों को दिखाया गया था.

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