मिरा भाईन्दर महानगर पालिका की भोगोलिक स्थिति का विचार करे तो पूर्व मे नेशनल पार्क का घना पहाड़ी एरिया पश्चिम में अरबी समुद्र, उत्तर में वसई की खाड़ी और दक्षिण में मुंबई महा नगर पालिका क्षेत्र विद्यमान है.
केशव सृस्टि प्रकल्प का नाम सुनते ही हमे भाईंदर ( पूर्व ) उत्तन ( डोंगरी ) स्थित प्राकृतिक सौंदर्य से हरा भरा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का विशाल प्रकल्प याद आता है. केशव सृस्टि प्रकल्प, विश्व हिंदू परिषद – मुंबई के अंतर्गत कार्य कर रहा है. यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा इसके संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेगड़ेवार की स्मृति में संचालित कई संगठनों का एक सुंदर एकीकृत परिसर है.
यह प्रकल्प मिरा भाईन्दर महा नगर पालिका क्षेत्र में करीब 200 एकड़ जमीन मे फेला हुआ एक प्रकृति प्रकल्प है. जिसकी जमीन मुंबई के डॉ. श्री अर्जीके ने बिना मूल्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को दान मे दी है. इस प्रकल्प के तत्वविधान में, राम रतन विद्यालय, गौशाला, कृषि, वृद्धाश्रम, वन औषधि केन्द्र, श्री हनुमानजी मंदिर जैसे अनेकों अन्य प्रकल्प कार्य कर रहे हैं.
देश भक्त श्री डॉ हेगड़ेवार जी को बचपन से ही प्राचीन हिंदू संस्कृति, हिंदू परम्परा के प्रति श्रद्धा थी. अतः वे कांग्रेस के स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में जुड़ गए.
उन्होंने कांग्रेस विदर्भ प्रांत के सचिव पद पर कार्य किया. बादमे, सन 1925 में नागपुर स्थित विजया दशमी के पावन पर्व पर, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना विधिवत की, तब से आज तक हिंदुस्तान का सबसे बड़ा गेर राजकीय दल परिवार के रूप में संघ का कार्य कर रहा है.
ता : 21 जून 1940 के दिन हिंदू ह्रदय सम्राट, देश भक्त इस फानी दुनिया से अलविदा कह कर चले गये. आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बागडोर श्री मोहन भागवत के हाथ में है. केशव सृस्टि उत्तन स्थित इस प्रकल्प में आज तक श्री अटल बिहारी वाजपेयीजी, श्री बाला साहब ठाकरे, श्री प्रमोद महाजन, श्री उद्धव ठाकरे जी जैसे अनेकों गण मान्य समाज सेवक पधार चुके हैं.
आपको कभी केशव श्रुस्टी जानेका अवसर मिले तो राम रतन विद्यालय के प्रवेश द्वार पर स्थित जागरूक श्री हनुमानजी के विशाल मंदिर का दर्शन अवश्य करने योग्य है. खूब सूरत नजारा, पश्चिममे अरबी समुद्र एवं दूर दूर तक फैली प्राकृतिक हरियाली को देखकर मोरनी की तरह आपका मन जरूर नाच उठेगा. मंदिर वास्तु की कला कारीगरी काबिले तारीफ करने योग्य है. इस मंदिर में श्री हनुमानजी की नयन रम्य मूर्ति के दर्शन करके आपको धन्यता महसूस होगी.
मिरा भाईन्दर वासीओ ने भी मानवता का परिचय देते 7 फरवरी 1991 के दिन काशीमीरा से भाईन्दर पश्चिम तक का मार्ग को “डॉ. केशव बलिराम हेगड़ेवार” मार्ग रखकर उनके देश के प्रति सेवा के कार्य को सम्मानित किया गया था.
केशव सृस्टि की बात करू और श्री गंगाधर गाड़ोदीया का नाम छूट जाये ये कैसे संभव हो सकता है ? राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भाईन्दर पश्चिम के नगर संघ संचालक श्री गंगाधर गाड़ोदीया का योगदान सदा प्रशंसनीय रहेगा.
मुजे बिल्कुल याद हे, साठ के दशक में संघ की टीम, भाईंदर से पुना तक कैंप में भाग लेने, तथा प्रशिक्षण लेने के लिए जाती थी.
केशव सृस्टि के तत्वविधान मे अनेक उपक्रम चलाये जाते है, जैसे राम रतन विद्यालय, गौशाला, औषधालय तथा अन्य अनेक प्रकल्प चलाये जाते है.
केशव सृष्टि में बांस, अशोक, वाड, सागौन, ताड़,ओक, ऐन, किंजल, कदंब, अर्जुन, कैसुरिना, जामुन, पलास, बबुल, सिल्वर बभुल, शंखसुर, उंबार आदि करीब 3100 वन वृक्ष है. यहां पर फूल और सजावटी पौधे जैस्मीन (मोगरा), हिबिस्कस (जसवंद), गुलाब, मेरी-सोना (ज़ेंडु), दुरंत, एक्सोरा, एन्थ्यूरियम, पिलिया, एकलीफा, क्रोटन, बोगन-वेल आदि हैं. यहां पर लगभग 10000 पौधे उपलब्ध हैं और नर्सरी से पौधे भी खरीदे जा सकते हैं.
केशव सृस्टि प्रकल्प की प्रवेश फीस 5 साल उपर के लिए 300 रुपये प्रति व्यक्ति है.
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