शिवसेना महाराष्ट्र राज्य मे सक्रिय भारत का एक क्षेत्रीय राजनीतिक दल है. जो मुख्य रूप से महाराष्ट्र प्रान्त में सक्रिय है. शिवसेना पार्टी की स्थापना ता:19 जून 1966 के दिन एक प्रसिद्ध राजनीतिक कार्टूनिस्ट श्री बालासाहेब ठाकरे ने की थी. पूरे देश में शिव सेना को एक कट्टर हिन्दू राष्ट्रवादी दल के रूप में जाना जाता रहा है.
वर्तमान समय में इस दल के लोक सभा में 18, राज्य सभा में 3 और महाराष्ट्र विधान सभा में 56 निर्वाचित सदस्य हैं. शिवसेना का प्रतीक चिन्ह (लोगो) बाघ है. शिवसेना पार्टी का चुनाव चिन्ह “धनुष बाण” है.
( शिवसेना का नेतृत्व बालासाहेब ठाकरे के पुत्र उद्धव ठाकरे कर रहे है और वे महाराष्ट्र के पुर्व मुख्यमंत्री के रूप में काम कर चुके है फिलहाल श्री एकनाथ शिंदे को शिवसेना के असली अध्यक्ष बताया जा रहा है. करीब 2/3 विधायकों ने उन्हें नेता चुना है.)
मुख्यालय शिवसेना भवन, राम गणेश गडकरी चौक, दादर, मुम्बई मे है. शिवसेना ग्रुप मराठी दैनिक अखबार “सामना” का प्रकाशन करता है. सेनाकी छात्र इकाई ” भारतीय विद्यार्थी सेना,”
युवा इकाई ” युवासेना,” महिला ईकाई
“शिवसेना महिला अघाड़ी” तथा श्रमिक ईकाई ” भारतीय कामगार सेना ” के रूपमें कार्य करती है.
शिवसेना ने महाराष्ट्र मे तेरहवीं लोक सभा चुनाव वर्ष 1999 मे कुल 22 सीटे लड़ी थी जिसमे से कुल 15 सीट पर विजय हासिल की थी.
महाराष्ट्र चौदहवीं लोकसभा चुनाव वर्ष 2004 मे शिवसेना ने कुल 22 सीटे लड़ी थी जिसमे से कुल 12 सीट पर विजय हासिल की थी.
महाराष्ट्र पंद्रहवीं लोकसभा चुनाव वर्ष 2009 मे शिवसेना ने कुल 22 सीटे लड़ी थी जिसमे से कुल 11 सीट पर विजय हासिल की थी.
महाराष्ट्र सोलहवीं लोकसभा चुनाव वर्ष 2014 मे शिवसेना ने कुल 20 सीटे लड़ी थी जिसमे से कुल 18 सीट पर विजय हासिल की थी.
महाराष्ट्र सत्रहवीं लोकसभा चुनाव वर्ष 2019 मे शुवसेना ने कुल 23 सीटे लड़ी थी जिसमे से कुल 18 सीट पर विजय हासिल की थी.
महाराष्ट्र विधानसभा मे शिवसेना का जीत का परिणाम :
महाराष्ट्र दसवीं विधानसभा 1999 मे 161 सीट पर चुनाव लड़ी जिसमे से कुल 69 सीट पर विजय हासिल की .
महाराष्ट्र ग्यारहवीं विधानसभा 2004 मे 163 सीट पर चुनाव लड़ी, जिसमे से कुल 62 सीट पर विजय हासिल की थी.
महाराष्ट्र बारहवीं विधानसभा 2009 मे कुल 160 सीट पर चुनाव लड़ी, जिसमे से कुल 46 सीट पर विजय हासिल की थी.
महाराष्ट्र तेरहवीं विधानसभा 2014 मे कुल 282 सीट पर चुनाव लड़ी थी जिसमे से कुल 62 सीट पर विजय हासिल की थी.
महाराष्ट्र चौदहवीं विधानसभा 2019 मे कुल 126 सीट पर चुनाव लड़ी थी, जिसमे से कुल 56 सीट पर विजय हासिल की थी.
यहांपर उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र विधान सभा भारतीय राज्य महाराष्ट्र की विधायिका का निचला सदन है. यह राजधानी मुंबई में दक्षिण मुंबई के नरीमन पॉइंट इलाके में स्थित है. वर्तमान में, विधानसभा के 288 सदस्य एकल-सीट वाले निर्वाचन क्षेत्रों से सीधे चुने जाते हैं. महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों में से 29 अनुसूचित जाति और 25 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं.
महाराष्ट्र मे शिवसेना के मुख्यमंत्री :
(1) मनोहर जोशी
कार्यकाल
14 अक्टूबर 1995 से 1फरवरी 1999
नवीं विधानसभा
(2) नारायण राणे
कार्यकाल
1 फरवरी 1999 से 17 अक्टू.1999
(नारायण राणे अब शिवसेना से अलग हो चुके हैं.)
(3) उद्धव ठाकरे
कार्यकाल 2019 से 2022 तक
14वीं विधानसभा
(4) एकनाथ शिंदे
कार्यकाल 2022 से अब तक
14वीं विधानसभा
लोकसभा अध्यक्ष :
मनोहर जोशी
कार्यकाल 10 मई 2002 से 2004
तेरहवीं लोकसभा
शिवसेना के संस्थापक श्री बाला साहेब ठाकरे ने महाराष्ट्र के स्थानीय लोगों के अधिकारों के लिए ता : 19 जून 1966 को शिवसेना की स्थापना की थी. ठाकरे प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट थे और राजनीतिक विषयों पर तीखे कटाक्ष करते थे. उन्होंने मार्मिक साप्ताहिक का प्रकाशन भी किया था. शिवसेना यूं तो कई राज्यों में सक्रिय है, लेकिन इसका राजनीतिक प्रभाव महाराष्ट्र तक ही सीमित है.
वर्तमान में इसके प्रमुख बाला साहेब के पुत्र उद्धव ठाकरे हैं. शिवसेना का चुनाव चिह्न धनुष-बाण है, जबकि प्रतीक चिह्न बाघ है. शिवसेना की पहचान हिन्दूवादी राजनीतिक दल के रूप में है. शिवसेना ने हिन्दुत्व के मुद्दे को अपना लिया, जिस पर वह अब तक कायम है.
शिवसेना ने पहला चुनाव सन 1971 में लड़ा था लेकिन उसे सफलता नहीं मिली थी. सन 1989 के लोकसभा चुनाव में पहली बार शिवसेना का सांसद चुना गया था. महाराष्ट्र विधान सभा का चुनाव शिवसेना ने पहली बार 1990 में लड़ा जिसमें उसके कुल 52 विधायक चुनकर आए थे.
शिवसेना पार्टी ने भाजपा के साथ 1989 में गठबंधन किया था. 2014 का विधानसभा चुनाव दोनों दलों ने अलग होकर लड़ा था. उसके बाद से ही दोनों के रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे हैं. रिश्तों में खटास के चलते गठबंधन को लेकर अभी असमंजस बना हुआ है. वैचारिक समानता के चलते भाजपा शिवसेना का सबसे पुराना गठबंधन है.
2019 के चुनाव में शिवसेना ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा, लेकिन सत्ता के सिंहासन पर विराजमान होने के लिए साथ छोड़ दिया था.