जमीन के भीतर बनने वाली सुरंग. 

tunnel

सुरंग को अंग्रेजी में TUNNEL कहां जाता है. सुरंग एक ऐसा भूमिगत मार्ग होता है, जो जमीन के निचे मिट्टी और पत्थर को खोदकर बनाया जाता है. इस प्रकल्प में उपर की मिट्टी तथा चट्टान को हटाया नहीं जाता. मगर चट्टान या तो फिर भूखंड तोड़ने के उद्देश्य से विस्फोटक पदार्थ भरने के लिए कोई छेद बनाया जाता है, उसे भी ‘सुरंग लगाना’ कहां जाता है. खास करके पत्थर की खदान में सुरंग का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है. 

      रेल्वे लाइन का विस्तार होते ही सुरंगो की आवश्यकता अधिक हो गयी है. पहाड़ी एरिया में पर्वतीय रेल मार्ग सुरंगो में ही होकर जाता है. जिससे दुरी के अंतर में कमी आती है. 

         आजकल तो नदी या खाड़ी के निचेसे पानीके अंदर से सुरंग बनाकर रेल मार्ग बनाया जा रहा है. 400 साल पहले अपनी सुरक्षा के लिये राजा महाराजा लोग संकट समय में किले के अंदर से बाहर निकलने के लिये सुरंग खोदकर मार्ग बनाते थे. 

        हमारे मिरा भाईंदर क्षेत्र की बात करें तो जानकारों का ये भी मानना है, कि पुर्तगाल के समय में उत्तन चौक स्थित विध्यमान धारावी जंजीरा किले के निचेसे वसई किले के अंदर भूमिगत मार्ग जाता था. मुंबई में भी कई बार रास्ते को खोडते समय भुयारी मार्ग मिले है. 

      ऐसा ही सुरंग खोदकर दमण में स्थित नानी दमण और मोटी दमण के बिच खाड़ी है उसीके निचेसे भूमिगत मार्ग बनाया गया था, मगर वर्तमान उसको बुजा दिया गया है. जानकारों का यह भी मानना है कि वसई किले से विरार के अर्नाला किले तक भूमिगत सुरंग बनाई गई थी. कई जगह किले से बाहर निकलनेके लिए भूमिगत गुप्त सुरंग बनाई जाती थी. 

         कहां जाता है कि विश्व में 5,000 से भी अधिक सुरंगें रेल्वे मार्ग के लिए खोदी गई हैं. मेक्सिको रेलवे में 105 किमी लंबे रेल मार्ग में 21 सुरंगें और दक्षिणी प्रशांत रेलवे मार्ग में 32 किमी की लंबाई में 11 सुरंगें हैं, दुनिया में सबसे लंबी सुरंग न्यूयार्क में कैट्सकिल जलसेतु के विस्तार के लिए बनाई गई थी. यह सुरंग 288 किलोमीटर लंबी है. कालका शिमला रेलपथ पर साठ मील लंबाई में कई छोटी सुरंगें हैं, जिनमें सबसे बड़ी की लंबाई 1137 मीटर है.

       विश्व की सबसे लम्बी सड़क सुरंग नार्वे में है.इसकी कुल लम्बाई 24.5 किलोमीटर है. यह ऑरलैंड और लायेरडेल के बीच ओस्लो और बेरजेन को जोड़ने वाले मुख्य राजमार्ग पर स्थित है. निर्माण को 1992 में नार्वे संसद ने मंजूरी दी थी.

      चेनानी-नाशरी सुरंग जिसे पत्नीटॉप सुरंग के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 पर स्थित एक सड़क सुरंग है. इसका कार्य वर्ष 2011 में आरम्भ हुआ तथा उद्धघाटन ता : 2 अप्रैल 2017 के दिन किया गया था. यह भारत की सबसे लंबी सड़क सुरंग है जिसकी लंबाई 9.28 कि.मी. है. 

        गोथार्ड बेस सुरंग स्विस आल्प्स पर्वत के बीचो-बीच में से निकलने वाली दुनिया की सबसे लंबी रेल सुरंग है जो कि स्विट्जरलैंड में है. इस सुरंग की कुल लंबाई 57.09 कि.मी. लंबी बताई जाती है.

        हिमालय क्षेत्र के पीर पंजाल पहाड़ियों में समुद्र तल से 10 हजार फुट की ऊंचाई पर अत्याधुनिक तकनीक और इलेक्टो-मैक्निकल प्रणाली से निर्माण कि गई, अटल सुरंग का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के हस्ते किया गया. यह विश्व की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है.

       सुरंगों का मुख्य उदेश्य आक्रमण से रक्षा करना तथा मार्ग के अंतर को कमी करना है. जिस समय बारूद का आविष्कार नहीं हुआ था. उस समय सुरंग बनाने के लिये प्राचीन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता था. जिसके अंतर्गत कुदाली, छेनी, हथौड़ी का प्रयोग और अग्रचालन के लिए नरम चट्टान तोड़ने के उद्देश्य से लकड़ियों की आग जलाना आदि बताया जाता है. 

        रेलों के आगमन से पहले सुरंगें प्राय: नहरों के लिए ही बनाई जाती थीं और इनमें से कुछ तो बहुत प्राचीन हैं. रेलों के आने पर सुरंगों की आवश्यकता आम हो गई है. 

       हालही में एक विचित्र घटना घटी. चोरोके गिरोह ने एक ज्वेलर की दुकान के बगल वाली दुकान भाड़े से ली. कुछ दिन के बाद गिरोह ने सुरंग खोदना चालू किया. होशियारी से सुरंग खोड़नेके बाद एक दिन उन्होंने वारदात को अंजाम देते दुकान में रखे सभी सोना चांदी के दागिने चुराकर नव दो ग्यारह हो गए. ऐसी घटना विदेशों में भी कई बार हुई है. हुई ना हैरान करने वाली बात ? 

     ——=== शिवसर्जन ===——

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