जम्मू-कश्मीर का रेलवे आर्क ब्रिज.

chenab bridge

आज मुजे बात करनी है चिनाब रेल्वे ब्रिज की जो जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में बक्कल और कौरी के बीच स्टील और कंक्रीट का मेहराबदार बनाया गया पुल है. जिसको दुनिया का सबसे ऊंचा रेल्वे पुल माना जाता है.

यह पुल नदी के ऊपर 359 मीटर (1,178 फीट) की ऊंचाई पर चिनाब नदी तक फैला है, जिससे यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल माना जाता है.

इसकी कुल लंबाई 1,315 मीटर अर्थात 4,314 फीट तथा इसकी नदी के तल से ऊंचाई 359 मीटर यांनी 1,178 फीट और नदी की सतह से इसकी ऊंचाई 322 मीटर अर्थात 1,056 फीट है.और मेहराब (Arch ) की कुल लंबाई 480 मीटर अर्थात 1,570 फीट है.

अप्रैल 2021 में चिनाब रेल ब्रिज के आर्क का काम पूरा हो गया था और पुरा पुल अगस्त 2022 में पूरा हो गया था. इस साल दिसंबर 2022 में यह पुल यातायात के लिए खुला होनेकी उम्मीद की जा रही है. यह रेलवे पुल को 5 फीट 6 इंच अर्थात 1,676 मिमी ब्रॉड गेज रेलवे नेटवर्क का दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज माना जाता है.

भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य के चिनाब नदी पर बन रहा ये पुल रियली इंजीनियरिंग चमत्कार का करिश्मा है.

इसकी ऊंचाई फ्रांस की राजधानी पेरिस के एफिल टॉवर से 35 मीटर ज्यादा है. इसके साथ ही चिनाब नदी पर बन रहे पुल की ऊंचाई चीन में बीपन नदी पर बने ड्यूग पुल की ऊंचाई से ज्यादा है.

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल “चिनाब ब्रिज” की तस्वीर अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए शेयर की है. केंद्रीय मंत्री ने तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा कि, बादलों के ऊपर दुनिया का सबसे ऊंचा आर्क चिनाब ब्रिज. दरअसल तस्वीरों में इस ब्रिज की ऊंचाई इतनी है कि बादल भी उसके नीचे दिख रहे हैं.

इस पुल का मुख्य उद्देश्य कश्मीर घाटी से कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है. वहीं इस पुल पर पटरियों को इस तरीके से बिछाया जाएगा कि ट्रेन की गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा होंगी. वहीं जानकारी के मुताबिक, इस ब्रिज पर -15 डिग्री सेल्सियस टेंपरेचर का भी कोई असर नहीं पड़ेगा.

इस परियोजना में जिस तरह से इंडियन रेलवे की शानदार इंजीनियरिंग नजर आई है, यह इसलिए भी खास है क्योंकि चिनाब ब्रिज जहां बन रहा है उसके आसपास के पहाड़ों की जमीन काफी कच्ची है. ऐसे में कच्चे पहाड़ों और चट्टानों के बीच इतने बड़े पुल का निर्माण करना, अपने आप में ही एक मिसाल और चमत्कार है. अब यह काम पूरा होने की कगार पर है. वहीं जानकारी के मुताबिक, इस ब्रिज पर -15 डिग्री सेल्सियस टेंपरेचर का भी कोई असर नहीं पड़ेगा.

इसके अलावा चिनाब ब्रिज 250 कि.मी. प्रतिघंटा से अधिक रफ्तार से चलने वाली हवाओं को भी आसानी से सहन कर सकेगा. वहीं यह पुल को आतंकवादियों और दूसरे किसी भी तरह के हमले से बचाने के लिए कुछ पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई हैं. ब्रिज के एक तरफ के पिलर की ऊंचाई 131 मीटर की है.

इसके अलावा यह ब्रिज 250 किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक रफ्तार से चलने वाली हवाओं को भी आसानी से सहन कर सकेगा. वहीं इस पुल को आतंकवादियों और दूसरे किसी भी तरह के हमले से बचाने के लिए कुछ पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई हैं. बता दें, ब्रिज के एक तरफ के पिलर की ऊंचाई लगभग 131 मीटर की है.

चिनाब रेल ब्रिज को दिसंबर 2009 में पूरा करने का इरादा था. हालांकि, सितंबर 2008 में, पुल की स्थिरता और सुरक्षा को लेकर आशंकाओं के कारण परियोजना को रोक दिया गया था. सन 2010 में पुल का काम फिर से शुरू हुआ था , तब इसे 2015 में पूरा करने की योजना थी.

आईआईएससी बैंगलोर की मदद से भारत में तीसरा सबसे बड़ा निर्माण समूह, शापूरजी पल्लोनजी समूह का एक हिस्सा एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर को डिजाइन और निर्माण प्रदान किया गया था. प्रमुख निर्माण निर्णय कोंकण रेलवे निगम द्वारा लिए गए थे. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने पुल के डिजाइन में मदद की, जिससे इसे विशेष स्टील का उपयोग करके ब्लास्ट-प्रूफ बनाया गया है.

परियोजना की क्रमांगत स्थिति :

*** दिसंबर 2003 मे परियोजना को मंजूरी दी गई थी.

*** फरवरी 2008 मे निर्माण के लिए ठेका दिया गया था.

*** जुलाई 2017 मे पुल पर निर्माण कार्य फिर से शुरू हुआ था.

*** नवंबर 2017 मे वर्क ब्रिज के आर्च के मई 2019 तक पूरा होने की उम्मीद रखी थी.

*** नवंबर 2018 मे पुल सक्रिय रूप से निर्माणाधीन रहा था.

*** दिसंबर 2018 मे इस परियोजना के 2019 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद थी.

*** अगस्त 2019 तक पुल का 80% निर्माण कार्य पूरा हो चुका था और 2020 के मध्य में खुलने की उम्मीद रखी गई थी.

*** नवंबर 2019 मे पुल पर 83% काम पूरा हो चुका था, और मार्च 2021 में इसके खुलने की उम्मीद रखी थी.

*** जनवरी 2020 मे इसे दिसंबर 2021 तक खोले जाने की उम्मीद रखी थी.

*** अप्रैल 2021 मे पुल के आर्च के दोनों सिरों पर काम आखिरकार पूरा हो गया था. और इसे 2022 में खुलने की उम्मीद रखी गई थी.

*** जून 2022 मे लगभग 90% निर्माण कार्य पूरा हो चुका था, और अब दिसंबर 2022 तक पुल के चालू होने की पुष्टि हो गई है.

*** अगस्त 2022 मे करीब 98 % निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. अंतिम जोड़ पर पुल का शेष कार्य पूरा हुआ, और 13 अगस्त 2022 को इसका उद्घाटन किया गया था.

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