अखबारों में आप लोगोंने तड़ीपार शब्द तो पढ़ा होगा. तड़ीपार किसे कहा जाता है ? आज हम लोग चर्चा करेंगे की तड़ीपार किसे कहते है.
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत जब जिला मजिस्ट्रेट किसी अपराधी को अपने जिले की सीमा से बाहर जाने का आदेश देते हैं तब उसे आम बोल चाल की भाषा मे तड़ीपार कहा जाता है. वैसे तड़ीपार एक हिंदी शब्द है जिसका अर्थ भगौड़ा या हदपार होता है.
जब किसी व्यक्ति को किसी स्थान से भगाया जाता है या तो उसे भगोड़ा घोषित किया जाता है तो उस व्यक्ति को तड़ीपार शब्द से पहचाना जाता है. इस शब्द से गुंडे को दर्शाया जाता है कि जिस गुंडे को उसके इलाके से भगाया जाता है या उसके व्यक्तित्व को उसके इलाके से किसी अन्य इलाके में कुछ समय के लिए रखा जाता है तो ऐसे अ सामाजिक तत्व को हम तड़ीपार शब्द से दर्शाते हैं.
तड़ीपार का मतलब किसी भी व्यक्ति को उसके घर, रहने के स्थान, शहर, गांव, कस्बे या देश से निकाल बाहर कर दिया जाता है तो उसे तड़ीपार करना कहा जाता है.
प्राचीन समय में जब कोई राजा दूसरे देश के राजा को हरा देता था तब या तो उस हारे हुए राजा को मार दिया जाता था या फिर उसे तड़ीपार कर दिया जाता था ताकि वह अपनी सेना तथा प्रजा को पुनः संगठित कर विद्रोह ना कर सके.
ठीक वैसे ही आज के समय में भी जब पुलिस किसी व्यक्ति को गुनहगार मानती है तथा वह बेल पर होता है या किसी भी परिस्थिति में वह जेल से बाहर होता है , तो पुलिस उसे तड़ीपार का आदेश दे सकती है ताकि वह अपने क्षेत्र में रहकर गवाहों और सबूतों से छेड़छाड़ ना कर सके.
इसके अलावा अन्य कारणों से भी तड़ीपार का आदेश दिया जाता है जैसे की ग्राम पंचायतों द्वारा किसी ग्रामवासी को सबकी सहमति पर गाँव से निकाल देना जो एक अवैध प्रक्रिया है. क्योंकि ग्रामपंचायत के पास इसका अधिकार नही है लेकिन फिर भी ग्रामवासियों की सर्वसहमति से ये काम ग्रामस्तर पर कई जगह किया जाता है.
तड़ीपार कार्रवाई के लिए अलग अलग राज्यों मे अलग अलग कानूनी प्रावधान हैं. उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण अधिनियम की धारा 3/4 के तहत ऐसे असामाजिक तत्वों पर, जिनसे समाज में अराजकता व खतरा पैदा होने की आशंका होती है, जिला बदर की कार्रवाई की जाती है.
यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 5 ख के तहत की जाती है.
तड़ीपार के लिए राज्यों मे उनके अपने अपने गुंडा नियंत्रण अधिनियम हैं. गुंडा नियंत्रण अधिनियम के अंतर्गत मारपीट करने/ उपद्रव इत्यादि करने पर जिला मजिस्ट्रेट, जिलाधिकारी / प्रशासन को हक है कि असामाजिक तत्वों को जिलाबदर/ जिले से छह महिने के लिए बाहर भेज दें.
कुछ समय पहले बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपने फैसले में यह निष्कर्ष दिया था कि किसी आरोपी को तड़ीपार करते वक्त यह समझना जरूरी है कि हम एक भारतीय नागिरक को संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकार को बाधित कर रहे हैं, क्योंकि देश के नागरिकों को देश में कहीं भी आजादी से घूमने का मौलिक अधिकार प्राप्त है.
एक व्यक्ति को तड़ीपार करने से वह आजादी से घूम तो क्या, खुद अपने घर में नहीं जा सकता. इस प्रकार तड़ीपारी व्यक्ति के मौलिक अधिकार पर बंदिश लगाने जैसा है. अतः किसी भी आरोपी को तड़ीपार करते वक्त कानून में उल्लेखित सभी प्रक्रियाओं का पालन करना जरूरी है.
“तड़ीपार” नामक बॉलीवुड की एक फ़िल्म सन 1993 में बनी है. जो भारतीय हिंदी भाषा की सुपरडुपर हिट रोमांटिक एक्शन फिल्म है. महेश भट्ट द्वारा निर्देशित है, और मिथुन चक्रवर्ती, पूजा भट्ट और जूही चावला एक विशेष भूमिका में हैं. फिल्म के सुपर-हिट गाने नदीम-श्रवण द्वारा रचित थे