दूध के प्रकार और दूधकी रोचक बातें.

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दूध की दुकान मे हमें विविध प्रकार का दूध मिलता है. जैसे की भैसका दूध, गाय का दूध, अमूल ब्रांड का पॉकेट दूध वगेरा. वैसे गाय, बकरी, भैंस, हथिनी, घोड़ी, ऊँटनी और भेड़ ये पालतू पशु दूध के मुख्य स्रोत हैं. हर साल ता : 1 जून के दिन विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है.

इसकी शुरुआत सन 2001 में हुई थी. यह दुग्ध दिवस लगभग सभी लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है. हमारा संदर्भ यह है कि दूध हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, इसके लिए अधिक से अधिक लोग यह दिवस मनाते हैं. इसके साथ ही इस दिन को मध्य एशिया में मनाया जाता है और इस दिन दूध ब्रांडों में आने वाली कोई समस्याओं के समाधान के बारेमें चर्चा की जाती है.

दूध दुनिया का सबसे पौष्टिक पेय पदार्थ है. दूध में उपस्थित कैल्शियम हमारे हड्डियों के लिए काफी फायदेमंद होता है. दूध से दही, घी, मिठाईयां तथा कई प्रकार के चॉकलेट्स इत्यादि बनाए जाते हैं. नवजात शिशु कई महीनों तक केवल दूध पर ही निर्भर होते हैं.

दूध में 80% पानी होता है और 20% वसा और अन्य पोषक तत्व होते हैं. दूध का रंग सफेद होता है और यह अपारदर्शी होता है. ब्‍लड शुगर को यह नियंत्रित करने मे मदद करता है. दूध में बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए काफी लाभदायक होते हैं. जानते है दूध के प्रकार :

(1) ऊंटनी का दूध :

ऊंटनी का दूध बहुत ताकवतर होता है. इसमें ब्‍लड शुगर को नियंत्रित करने की ताकत होती है. अगर आप रोजाना ऊंटनी का दूध पीएं तो फास्टिंग शुगर लेवल कम हो सकत है. नाश्ते में इसे लें तो दिनभर शुगर मेंटेन रहती है. कोलेस्‍ट्रॉल और यहां तक कि आपके चेहरे से बुढ़ापा दूर करने के लिए यह दूध बहुत अच्‍छा माना गया है. इसीलिए इसे अमृत माना गया है. भारत में ऊंटनी का दूध राजस्‍थान और गुजरात के कई इलाकों में पीया जाता है. कुछ कंपन‍ियां तो इससे दूध, रबड़ी, घी, छाछ, दही, क्रीम, कुल्फी, आइसक्रीम और बर्फी तक बना रही हैं.

(2) गधी का दूध :

गधी का दूध दुनिया भर मे सबसे महंगा बिकता है. भारत में इसके एक लीटर दूध की कीमत 7-8 हजार रुपये है. अमेरिका और यूरोपीय देशों में यह 160 डॉलर यानी तकरीबन 13 हजार रुपये प्रत‍ि लीटर है. एक गधी दिन में 200 से 250 एमएल दूध देती है.

गधी के दूध में विटामिन उपरांत एंटीऑक्सिडेंट और आवश्यक फैटी एसिड त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सहायक होते हैं. अधिकांश लाभ दूध प्रोटीन से आते हैं, जिसमें त्वचा की बाधा को पुनर्जीवित करने और उसकी रक्षा करने के लिए आवश्यक सभी अमीनो एसिड होते हैं. गधी का दूध एक अच्छा मॉइस्चराइजर है.

(3) माता का दूध :

माँ के दूध में ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो आपके बच्चे के मस्तिष्क के विकास और तंत्रिका तंत्र के विकास के लिए सर्वोत्तम होते हैं. स्तनपान करने वाले शिशुओं के अध्ययन से पता चला है कि बड़े होने पर वे बुद्धि परीक्षण में बेहतर प्रदर्शन करते हैं. स्तनपान करने वाले बच्चे की आंखें भी बेहतर काम करती हैं. ऐसा अधिकतर स्तन के दूध में मौजूद कुछ विशेष प्रकार की वसा के कारण होता है.

माँ के दूध में कोलेस्ट्रॉम का उत्पादन होता है जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेड , एन्टीबॉडी, लिपिड, कैल्सियम, मिनरल और बहुत सारे पौष्टिक तत्व होते हैं जो शिशु के शारीरिक तथा आंतरिक विकास के लिए ज़रूरी होता है. माँ के दूध में पानी की मात्रा इतनी होती है वह शिशु के शरीर में पानी की आवश्यकता को पूर्ण करने में पूरी तरह से सक्षम होता है. माँ के दूध की सबसे अच्छी बात ये है कि प्रीमैच्युर हो या नॉर्मल दोनों उम्र के शिशु के ज़रूरत को पूरा करने की ये क्षमता रखता है. इसलिए जन्म से छह महीने तक दूध पिलाना शिशु के लिए बहुत ही आवश्यक होता है. नवजात शिशु तब तक दूध पर निर्भर रहता है जब तक वह अन्य पदार्थों का सेवन करने में अक्षम होता है. दूध में ८५ प्रतिशत जल होता है और शेष भाग में ठोस तत्व अर्थात खनिज व वसा होता है.

(4) बकरी का दूध :

बकरी के दूध में कैल्शियम,आयरन, मैग्नीशियम और फास्फोरस भरपूर पाया जाता है. बकरी का दूध शरीर में खून की कमी को दूर करने में भी काफी सहायक होता है. इसे पीने से शरीर को आयरन अब्जॉर्ब्ड करने में मदद मिलती है. इतना ही नहीं बकरी का दूध शरीर में रेड ब्लड सेल्स को भी बढ़ाता है. भारत में इसकी कीमत 100 रुपये लीटर के आसपास रहती है.

बकरी का दूध हृदय रोगियों के लिए बहुत उपयोगी होता है. बकरी के दूध में मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा होती है. मैग्नीशियम हार्ट की धड़कन को बनाए रखने के लिए जरूरी है. इसलिए बकरी के दूध को हार्ट पेशेंट का सेवन कर करते हैं.

(5) हथिनी का दूध :

हथिनी के दूध में 82.44 फीसदी पानी, 17.56 फीसदी सॉलिड कंटेंट, 5.23 फीसदी प्रोटीन, 15.10 फीसदी फैट और विटामिन ई पाया जाता है. मौसम के बदलने पर हथिनी के दूध में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है. वहीं, इंसानों के दूध में 87 फीसदी पानी, 3.8 फीसदी फैट, 1 फीसदी प्रोटीन और 7 फीसदी लैक्‍टोज होता है.

कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार हथिनी के दूध में बहुत ज्‍यादा मात्रा में अल्‍कोहल पाया जाता है. इसे लेकर वैज्ञानिकों ने भी कई रिसर्च की है. हथिनी का दूध पीकर कोई भी इंसान पूरी तरह झूम सकता है. कई रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि हाथी को गन्‍ना खाना बहुत पसंद होता है, गन्‍ने में अल्कोहल बनाने वाले तत्व ज्यादा मात्रा में मौजूद होता है. इसीलिए हथिनी के दूध में अल्कोहल की मात्रा ज्यादा पाई जाती है. कुछ लोगोंका कहना है कि हथिनी का दूध पिनेमे नुकसानदायक होता है.

(6) भेड़ का दूध :

गाय, बकरी, हथिनी और भैंस के दूध के फायदों के बारेमें हम लोगोंने जानकारी हासिल की. लेकिन आपने भेड़ के दूध के फायदों के बारे में सुना है. भेड़ सिर्फ ऊन देने के काम ही नहीं आती है. भेड़ के दूध के भी अनगिनत फायदें हैं, इसमें कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए, हड्डियों को मजबूत बनाने, प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने, वृद्धि और विकास को प्रोत्साहित, जन्म दोष को रोकने, सूजन को कम, कैंसर से लड़ने के गुण मौजूद होते हैं.

वैसे भेड़ के दूध में प्रचुर मात्रा में विटामिन और मिनरल्‍स होते है जो प्रतिरक्षा प्रणालीको बढ़ाते है.विटामिन्‍स शरीर के भीतर एंटीऑक्सिडेंट की तरह काम करते है और oxidative तनाव की शुरुआत को रोकने के रूप में दोनों काम करते हैं.

भेड़ का दूध गर्म तथा नमकीन होता है. इसके सेवन से पथरी तथा फेफड़ों के घाव में आराम मिलता है. इस दूध में एक बादाम मिलाकर पीने से मर्दाना शक्ति बढ़ती है. खून की उल्टी में यह दूध लाभकारी होता है.

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