” मुंबई समाचार ” मुंबई और अहमदाबाद से रोजाना प्रकाशित हो रहा है. मुंबई समाचार મુંબઈ સમાચાર भारत में प्रकाशित होने वाला गुजराती भाषा का वर्तमान पत्र है. यह एशिया मे तीसरे नंबर पर और देश का सबसे पुराना गुजराती भाषा का अखबार है, जो 1 जुलाई सन 1822 से आज तक नियमित प्रकाशित होते आ रहा है.
भारत मे दूसरे नंबर पर टाइम्स ऑफ़ इंडिया आता है. जिसकी स्थापना सन 1838 मे की गई थी. जो आज तक प्रकाशित हो रहा है.
मुंबई समाचार अब उसके 200 साल पुरा करनेके लिये उत्साहित है. ये भारत सरकार के समाचारपत्रों के पंजीयक कार्यालय द्वारा आर.एन.आई. क्रमांक से पंजीकृत है.
इसका मुख्य ऑफिस मुंबई मे
” रेड हाउस ” सैयद अब्दुल्ला ब्रेलवी रोड , फोर्ट स्थित विध्यमान है, जहासे ये प्रकाशित होता है. पारसी परिवार के श्री फरउदीन कामा ने इस अखबार की प्रथम नींव डाली थी. और आज इसे श्री महेरवानजी रुस्तमजी कामा प्रकाशित कर रहे है.
इसकी स्थापना ता :1जुलाई 1822 के दिन ब्रिटिश इंडिया शासन के समय की गई थी. शुरू मे दस साल सन 1832 तक ये एक साप्ताहिक पत्र था, फिर 1855 तक द्वि-साप्ताहिक रहा, उसके बाद दैनिक के रूप में आज तक प्रकाशित हो रहा है.
मुंबई समाचार का पहला नाम, ” मुमबई ना शमाचार ” था. वो जमाने मे गुजराती लिपि का खास विकास नहीं हुआ था. मुंबई को मुमबई लिखते थे. समाचार को ” शमाचार ” लिखते थे. इससे हमें पता चलता है की तब गुजराती भाषा प्रारंभिक अवस्था मे थी.
मुंबई समाचार के संस्थापक पारसी परिवार से थे. सन 1814 मे फरदूनजी कामा ने देश मे प्रथम देशी मुद्रणालय की स्थापना की थी , सन 1814 मे गुजराती पंचांग का मुद्रण करके प्रकाशित किया गया था.सन 1822 मे मुंबई समाचार पत्र का मुद्रण इसी मुद्रणालय में शुरू किया गया था.
मुंबई समाचार पत्र शुरू से ही गुजराती पाठकों की पहली पसंद रहा है. आजादी के समय इस पत्र ने अहम भूमिका निभाई थी. स्वतंत्रता सेनानी श्री महात्मा गांधी, पंडित श्री जवाहरलाल नेहरु, श्री वल्लभ भाई पटेल ने इस अखबार का व्यापक उपयोग किया था .
आज तक मुंबई समाचार पत्र की भूमिका निष्पक्ष एवं ईमानदार रही है. मुंबई समाचार आज एक वटवृक्ष की तरह फैला हुआ है. जो पाठक आज सत्तर अस्सी के उम्र के है वे सभी लोग बचपन से आज तक मुंबई समाचार पढ़ते आ रहे है.
मुंबई समाचार का संचालन शुरू से आज तक अलग अलग व्यक्तियों के हाथमे रहा. आज श्री निलेश महेंद्र दवे जी इसके तंत्री ( संपादक ) की भूमिका बखूबी निभा रहे है. आज अद्यतन मुद्रणालय द्वारा इसकी छपाई हो रही है.
हमारे भारत में प्रिंटिंग प्रेस की शुरुआत करनेका श्रेय पुर्तगालियों को जाता है. गोवा में सन 1557 में कुछ ईसाई पादरियों ने एक पुस्तक छापी थी, जो भारत में मुद्रित होने वाली पहली किताब थी. सन 1684 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में प्रिंटिंग प्रेस की स्थापना की थी, लेकिन भारत का पहला समाचार पत्र निकालने का श्रेय भी जेम्स ऑगस्टस हिकी नामक एक अंग्रेज को जाता है, ईसवी सन 1780 में ” बंगाल गजट ” का प्रकाशन किया था. मतलब भारत में समाचार पत्रों का इतिहास 232 साल पुराना है.
सरकारकी की गई आलोचना के कारण ” बंगाल गजट ” को जब्त कर लिया गया था. भारतीय भाषा में प्रकाशित होने वाला पहला समाचार पत्र मासिक ” दिग्दर्शक ” था, जो सन 1818 में प्रकाशित हुआ था लेकिन निर्विवाद रूप से भारत का सबसे पहला प्रमुख समाचार पत्र ” संवाद कौमुदी ” था. इस साप्ताहिक पत्र का प्रकाशन सन 1821 में शुरू हुआ था और इसके प्रबंधक संपादक प्रख्यात समाज सुधारक राजा राममोहन राय जी थे.
हिंदी पत्र की बात करें तो ता : 30 मई 1826 के दिन हिन्दी का प्रथम साप्ताहिक पत्र “उदंत मार्तंड” का पहला अंक प्रकाशित हुआ था. अखबार ने भाषायी स्तर पर लोगों को एक सूत्र में बाँधने का प्रयास किया था , मगर पत्र के संपादक श्री जुगल किशोर को सहायता के अभाव में ता : 11 दिसम्बर 1827 को पत्र बंद करना पड़ा था.
उपरोक्त सभी पत्र काल की गर्त मे समा गए है , मगर मुंबई समाचार और टाइम्स ऑफ़ इंडिया आज भी प्रकाशित हो रहे है.
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