अगर आपके पास सच्ची लगन, दूर दृष्टि और पक्का इरादा हो तो सफलता आपके कदमो तले होती हैं. कहते हैं कोशिश करने वालोकी हार नहीं होती.
ऐसे ही एक दूर दृष्टा, महनती और लगनशील व्यक्ति एम पी अहमद की कहानी आज मुझे आपके साथ शेयर करनी हैं.मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स एक भारतीय आभूषण समूह है जिसका मुख्यालय कोझिकोड, केरल, भारत में है. कंपनी की स्थापना सन 1993 में एम. पी. अहमद द्वारा की गई थी. मई 2023 तक, 11 देशों में इसके 330 से अधिक शोरूम हैं, जो इसे दुनिया में आभूषण खुदरा विक्रेताओं की सबसे बड़ी श्रृंखलाओं में से एक माना जाता है. कंपनी के पास पूरे भारत में लक्जरी घड़ी बुटीक का एक नेटवर्क भी है, जो मालाबार वॉचेस के नाम से जाना जाता है.
धनिया-मिर्च बेचने वाला एम. पी. अहमद आज ₹. 27000 करोड़ की कंपनी का मालिक हैं. यह मंजिल तक पहुंचने के लिए उनको घर तक बेचना पड़ा था. आज उसके पास लगी रहती है अमीरों की भीड़.
ऐसी सफलता रातोंरात नहीं मिलती. इसके लिए कड़ी महेनत करनी पड़ती हैं. ” पुरुषार्थ से प्रारब्ध को बदला जा सकता हैं. ” यह कहावत मालाबार एंड डायमंड कंपनी के फाउंडर एम.पी. अहमद पर पूरी तरह सार्थक होती है.
मालाबार के स्टोर में सिर्फ हॉलमार्क वाली ज्वैलरी बिकती है. मालाबार कंपनी का मार्केट कैप भी 27 हजार करोड़ रुपये पहुंच गया है.
मालाबार के फाउंडर पहले मसालों का बिजनेस करते थे, पर जल्द बंद हो गया. उन्होंने सन 1993 में कोझिकोड में अपना पहला स्टोर शुरू किया था.
कहा जाता हैं सफलता एक दिन में नहीं मिलती, लेकिन मेहनत सही दिशा में हो तो एक दिन जरूर मिलती है.
कभी धनिया-मिर्च बेचने वाला यह छोटा दुकानदार आज सोने-चांदी का बड़ा व्यापारी बन गया है. आज उनका धंधा सिर्फ अमीरों के लिए होता है और उनके देशभर में सैकड़ों शोरूम खुल चुके हैं. एम.पी. अहमद मालाबार गोल्ड एंड डायमंड के फाउंडर हैं.
एम.पी. अहमद के परिवार का बिजनेस मसालों से जुड़ा था. उन्होंने भी शुरुआती कुछ साल तक धनिया, मिर्च जैसे मसाले ही बेचे लेकिन यह काम जमा नहीं और छोड़कर कुछ नया करने का सोचा. इसके साथ उन्होंने सोने के आभूषण बेचने शुरू किए और आज उनकी कंपनी की वैल्यू अरबों रुपये तक पहुंच चुकी है. लेकिन, सफलता इतनी आसान नहीं रही जितनी आज उन्हें देखकर लगती है.
एम.पी. अहमद का सारा परिवार छोटे-मोटे कारोबार पहले से कर रहे थे. शुरु शुरूमें तो अहमद को भी परिवार के बिजनेस से जुड़ना पड़ा. उन्होंने 20 साल की उम्र में परिवार से हटके नया बिजनेस करने का फैसला किया और 1978 में मसालों का बिजनेस शुरू कर दिया. अहमद ने शुरुआत में नारियल, धनिया और काली मिर्च का बिजनेस किया, लेकिन जल्द ही पता चल गया कि यह सफल नहीं है और फिर दोबारा बाजार का रिसर्च करने में जुट गए.
अहमद ने अपने रिसर्च में पाया कि उनके शहर मालाबार में गोल्ड को लेकर लोगों का काफी रुझान रहता है. चाहे निवेश की बात हो या उत्सव की, हर एक मौके पर लोग गोल्ड के सामान खरीदना पसंद करते हैं. उन्होंने तय कर लिया कि अब तो ज्वैलरी कंपनी ही
शहर के नाम पर शुरू की जाय. उनका जोर प्रोडक्ट की गुणवत्ता पर था और शहर के नाम पर मालाबार गोल्ड एंड डायमंड के नाम से ज्वैलरी कारोबार शुरू करने का मन बना लिया.
पूरा रोडमैप तैयार हो चुका था और परिवार के लोगों ने भी हरी झंडी दे दी, लेकिन समस्या पैसों को लेकर थी. कहीं से जुगाड़ नहीं बना तो अहमद ने अंत में अपना घर बेचकर पैसे जुटाने का फैसला किया. आखिर उन्होंने प्रॉपर्टी बेचकर 50 लाख रुपये जुटाए और मालाबार गोल्ड एंड डायमंड की नींव डाली गई. सन 1993 में उन्होंने कोझिकोड में 400 वर्गफुट की दुकान में अपना पहला सफर शुरू किया.
अहमद ने अपने बिजनेस का एक खास फॉर्मला बनाया और कारोबार को इतना सफल बनाया. दरअसल, अहमद गोल्ड बार यानी सोने के बिस्कुट या ईंटें खरीदते थे और ज्वैलरी बनाकर बेचते थे. इससे कंपनी का प्रॉफिट और ज्यादा होने लगा. जल्द ही उन्होंने थेलिचेरी और थिरूर में दो और स्टोर खोल दिए. इतना ही नहीं 2015 में कोझिकोड वाले 400 वर्गफुट के शोरूम को 4,000 वर्गफुट के विशाल शोरूम में बदल दिया.
मालाबार ब्रांड से ज्वैलरी बेचने वाले अहमद ने सन 1999 से ही सिर्फ बीआईएस हॉलमार्क वाली ज्वैलरी ही बेचना शुरू कर दिया था. मकसद अपने कस्टमर को हाई क्वालिटी प्रोडक्ट उपलब्ध कराना था. इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और 2001 में भारत के बाहर खाड़ी देश में पहला स्टोर खोला और 10 साल बाद 2011 में रियाद में अपना 50 स्टोर भी खोल दिया. इस समय तक कंपनी का राजस्व 12 हजार करोड़ पार हो चुका था. आज कंपनी के 7 देशों में 103 स्टोर हैं और भारत व यूएई में फैक्टरी भी डाल रखी है.
एम. पी. अहमद की कंपनी में 17500 कर्मचारी हैं. आलिया भट्ट,
करीना कपूर, तमन्ना भाटिया, मानुषी छिल्लर, जैसी मानूनी ब्रांड एंबेसडर हैं.
मिस वर्ल्ड 2017, मानुषी छिल्लर सन 2018 में मालाबार गोल्ड एंड डायमंड की ब्रांड एंबेसडर बनीं थी.
मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स को ओमान में लगातार पांच वर्षों तक सुपर ब्रांड पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. फरवरी 2014 में, मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स को ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी ट्रेड फेडरेशन द्वारा वर्ष की सर्वश्रेष्ठ खुदरा श्रृंखला के पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उसी वर्ष, उन्हें क्लीन अप द वर्ल्ड 2014 जन जागरूकता अभियान के लिए दुबई नगर पालिका द्वारा सम्मानित किया गया. दो साल बाद, दुबई पुलिस ने क्षेत्र में उत्कृष्ट सीएसआर गतिविधियों के लिए उन्हें एक विशेष स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया. कंपनी को रत्न और आभूषण उद्योग में उनके विशेष योगदान के लिए 2017 में रिटेल ज्वैलर्स इंडिया संगठन द्वारा एक पुरस्कार मिला है,
मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स को “द इकोनॉमिक टाइम्स बेस्ट ब्रांड्स 2019” में से एक के रूप में मान्यता दी गई थी. सितंबर 2022 में, ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल ने मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स को दुनिया के छठे सबसे बड़े आभूषण समूह के रूप में चुने जाने पर सम्मानित किया. जुलाई 2023 में, उन्हें केरल ज्वैलरी अवार्ड्स में ग्लोबल रिटेलर ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया.