नव निर्मित “नई संसद भवन” ईमारत.

Parliment house

भारत के पुनर्विकास परियोजना के तहत वर्तमान में एक नई संसद भवन ईमारत का निर्माण हो चूका है. इस नए भवन के लिए भूनिर्माण समारोह ता : 1 अक्टूबर 2020 में आयोजित किया गया था. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में ता : 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी. यह नई बिल्डिंग पुरानी बिल्डिंग के ठीक बगल में है.

करीब 1200 करोड़ की लागत से बनाया गया इस योजना का स्वामित्व भारत सरकार है. 700000 वर्ग फीट भूमि क्षेत्र मे निर्माण किया गया इस योजना के वास्तुकार श्री बिमल पटेल है. इसका ठेका टाटा कंपनी को दिया गया था. इस की बैठक क्षमता कुल 1272 है. जिसमे लोक सभा की 888 बैठक और राज्य सभा की 384 बैठक का समावेश है.

पुराने ढांचे के साथ स्थिरता के कारण 2010 की शुरुआत में मौजूदा कॉम्प्लेक्स को बदलने के लिए प्रस्ताव लाया गया था. वर्तमान भवन के लिए कई विकल्पों का सुझाव देने के लिए एक समिति की स्थापना तत्कालीन अध्यक्ष मीरा कुमार ने सन 2012 में की थी.

भारत सरकार ने 2019 में, एक नई संसद भवन के निर्माण के साथ, नई दिल्ली में अन्य परियोजनाओं के साथ राजपथ को पुनर्जीवित करने, भारतीय प्रधान मंत्री के लिए एक नया कार्यालय और निवास बनाने और सभीको मिलाने के साथ, केंद्रीय पुनर्विकास परियोजना शुरू की थी. इस इमारत का कुल 150 से अधिक वर्षो का आयु होगा.

इसको भूकंप प्रतिरोधी बनाया गया है और यह भारत के विभिन्न हिस्सों से वास्तुशिल्प शैलियों को शामिल किया है . लोकसभा और राज्यसभा के लिए प्रस्तावित कक्षों में वर्तमान में मौजूद सदस्यों की तुलना में अधिक सदस्यों को समायोजित करने बैठने की बड़ी क्षमता होगी, क्योंकि सांसदों की संख्या भारत की बढ़ती जनसंख्या और परिणाम स्वरूप भविष्य के साथ बढ़ सकती है.

लोकसभा को 2026 तक 888 सदस्यों की आवश्यकता हो सकती है. नए परिसर में लोकसभा कक्ष में 888 सीटें और राज्यसभा कक्ष में 384 सीटें है . वर्तमान संसद भवन के विपरीत, इसमें एक केंद्रीय हॉल नहीं होगा और लोकसभा कक्ष में ही संयुक्त सत्र के मामले में 1274 सदस्य होंगे. इमारत के बाकी हिस्सों में मंत्रियों और समिति के कमरों के साथ यह 4 मंजिलें ईमारत है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा सचिवालय ने नई संसद बिल्डिंग के लिए सांसदों के लिए नए स्मार्ट आईडी कार्ड दिया जायेगा. स्मार्ट कार्ड सिस्टम में एम्बेडेड कई सेफ्टी फीचर्स हैं जो बिल्कुल सेफ हैं.

संसद भवन की नई बिल्डिंग के निर्माण में करीब 26,045 मीट्रिक टन स्टील, 63,807 मीट्रिक टन सीमेंट और 9689 क्यूबिक मीटर फ्लाई ऐश का इस्तेमाल किया गया है. निर्माण की गई नई पार्लियामेंट बिल्डिंग कैम्पस कुल 64,500 वर्ग मीटर के दायरे में फैला है.

तारिख : 28/05/2023 के दिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर मोदी के करकमलो द्वारा इसका उद्घाटन विधी संपन्न हुआ.

पुरानी संसद भवन बिल्डिंग सन 1927 मे बनाई गई थी, जिसे 96 साल हो चुके है. जिसे बनानेमें 83 लाख का खर्चा हुआ था. नये बने संसद भवन के निर्माण मे करीब 1200 करोड़ रुपये खर्च हुआ है. इसको बनाने मे 28 महीने का समय लगा है. जब की पुरानी संसद 6 साल मे बनकर तैयार हुईं थी.

ये भवन इको फ्रेंडली, भूकंप रोधक है. इसमे 1700 से अधिक दरवाजे व खिड़किया लगी हुईं है. नई संसद भवन मे तीन द्वार है. (1) ज्ञान द्वार (2) शक्ति द्वार और (3) कर्म द्वार. नये संसद भवन की छत पर बना अशोक स्तंभ का वजन 9500 किलो है. और उसकी लंबाई 6.5 मीटर है.

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने संसद मे सेंगोल की स्थापना की. सेंगोल नाम से आपमे से कई लोग परिचित नहीं होंगे. इसे सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक माना जाता था. ये परंपरा चोल वंश से चली आ रही थी. तारीख 14 अगस्त की आधी रात को जब भारत देश को आजादी मिली. उस दौरान तत्कालीन प्रथम प्रधानमंत्री पंडित श्री जवाहर लाल नेहरू को भी वायसराय लॉर्ड माउंट बेटन ने सेंगोल सौंपी थी.

सेंगोल को हम लोग राजदंड के नाम से भी जानते हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने इसके इतिहास के बारेमें बताया था. अब ये सिंगोल म्यूजियम में नहीं बल्कि नई संसद भवन में स्थापित होगा. इससे पहले इस सिंगोल प्रयागराज के म्यूजियम में रखा गया था.

तमिल भाषा में इसे सेंगोल कहा जाता है. इसका अर्थ होता है संपदा से संपन्न सत्ता का प्रतीक होता है.

सेंगोल शब्द की उत्पत्ति के बारेमें जानना दिलचस्प होगा. सेंगोल शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के “संकु” शब्द से हुई है. इसका मतलब होता है शंख. हिंदू धर्म में यह बहुत मान्यता रखता है. इसकी पूजा होती है. युद्ध के समय शंखनाद इसी से किया जाता है.

आज भी मंदिरों में या घरों में जब भी भगवान की आरती की जाती है तो शंखनाद उस वक्त भी किया जाता है. सेंगोल राजदंड निष्पक्ष-न्यायपूर्ण शासन का प्रतीक होता है. ये जिस भी राजा, सम्राट हो सौंपा जाता था उसके ऊपर जिम्मेदारी होती थी कि वो निष्पक्षता के साथ न्यायपूर्ण शासन करे.

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