शराब नशेड़ियों का पसंदीदा नशा है. शराब अनेक प्रकारकी होती है. हर शराबी अपनी-अपनी फेवरेट ड्रिंक्स को पीते हैं. शराब का अधिक सेवन करना स्वास्थय के लिए हानिकारक होता है. वैसे शराब कई प्रकार की होती है जैसे बीयर, शैंपेन, साइडर, पोर्ट और शेरी, व्हिस्की, रम, ब्रांडी और जिन आदि. साथ ही बीयर में अल्कोहल की मात्रा बेहद कम होती है, जबकि रम में यह मात्रा बहुत अधिक होती है. शैंपेन सबसे महंगी शराब है.
बाल्कन 176 वोडका को सबसे ज्यादा नशीली शराब मानी जाती है. इसके सेवन से लोग हाई लेवल पर पहुंच जाते हैं. यह वोटका इतनी स्ट्रांग है कि इसके बोतल पर 13 अलग-अलग लेबल वार्निंग लगाए गए हैं. ज्यादा मात्रा में इसके सेवन से मौत भी हो सकती है इसलिए इससे आप दूरी बनाए रखें तो ही ज्यादा अच्छा है.
अल्कोहल के तीन मुख्य प्रकार हैं : मिथाइल, आइसोप्रोपिल और एथिल जिन्हें क्रमशः प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक अल्कोहल के रूप में भी जाना जाता है. सभी विषैले हैं. मनुष्य केवल एथिल, या अनाज, अल्कोहल का उपभोग कर सकते हैं, लेकिन अन्य का उपयोग स्टरलाइज़िंग एजेंट या ईंधन के रूप में किया जाता है.
सामान्य तौर पर शराब एक स्वस्थ विकल्प नहीं है, लेकिन कुछ शराब आप के लिए दूसरों की तुलना में बेहतर है. रेड वाइन, व्हिस्की, टकीला और हार्ड कोम्बुचा बीयर शर्करा युक्त पेय की तुलना में स्वास्थ्यवर्धक विकल्प हैं. यदि आप पुरुष हैं तो शराब को दिन में 2 पेय तक और यदि आप महिला हैं तो 1 पेय तक सीमित रखना चाहिए.
शराब को दारू, मदिरा, सुरा के नाम से जाना जाता है. इसका सामान्य सूत्र CnH2n+1OH है. वैसे देखा जाय तो रम, विस्की, चूलईया, महुआ, ब्रांडी, जीन, बीयर, हंड़िया, आदि सभी एक है क्योंकि सबमें अल्कोहल होता है. हाँ, इनमें एलकोहल की मात्रा और नशा लाने कि अपेक्षित क्षमता अलग-अलग जरूर होती है परन्तु सभी को हम लोग “शराब” ही कहते है. कभी-कभी लोग हड़िया या बीयर को शराब से अलग समझते हैं जो कि बिलकुल गलत है. ये दोनों में एल्कोहल तो होता ही है.
शराब कैसे छूट सकती है :
शराब पीने वाले को खुद यह तय करना चाहिए कि अब मैं शराब कदापि नही पीउँगा, तो चिकित्सक इनकी मदद कर सकते है. अक्सर देखा जाता है कि परिवार वाले तो उनके इलाज के लिए तैयार होते है किन्तु व्यसनी स्वयं इलाज नहीं कराना चाहता है. ऐसी हालत में चिकित्सक का प्रयास सार्थक हो नहीं सकता.
मनश्चिकित्सा केन्द्रों में नशा विमुक्ति केन्द्र होते है जहाँ डी-टोक्सीफिकेशन द्वारा शराब छुड़ाने तथा उसके उपरांत मोटिवेशन थैरपी, फिजियोथैरपी तथा ग्रुप थैरपी द्वारा इससे निजात पाने की कोशिश की जाती है. व्यसनी प्रबल इच्छाशक्ति तथा परिवार के सहयोग तथा चिकित्सकों के सतत् प्रयास से सफलता पूर्वक इसका इलाज संभव है.
गावठी दारू किसे कहते है :
गावठी दारु अयोग्य मार्ग से बनाई जाती है. मगर देशी दारु सरकार मान्य होती है. जो योग्य मार्ग से बनाई जाती है. गावठी दारु से कई बार विषबाधा होने से कई लोगोंने अपनी जान गवाई है.
एथिल अल्कोहल को इथेनॉल या अनाज अल्कोहल भी कहा जाता है.यह चीनी और खमीर को किण्वित करके बनाया जाता है, और इसका उपयोग बीयर, वाइन और शराब में किया जाता है. एथिल अल्कोहल का उत्पादन कृत्रिम तरीके से भी किया जा सकता है.
सबसे पुरानी शराब चीन में सात हाजर ईसा पूर्व की है. शराब 6000 ईसा पूर्व में काकेशस में बनाई गई थी, सुमेरियों ने 3,000 ईसा पूर्व में बीयर बनाके पी थी. अमेरिका में, एज़्टेक ने एलोवेरा जैसे एक पौधे का इस्तेमाल करके एक पेय बनाया, जो टकीला के लिए उपयोग किया जाता है.
2000 ईसा पूर्व के प्राचीन वैदिक ग्रंथ भारत में शराब का उल्लेख करने वाले सबसे पहले पाए गए हैं. वे सोम और सुरा के नशे के प्रभाव के बारे में बात करते हैं. सोमा एक पेय है जो इसी नाम के पौधे से उत्पन्न होता है और सुरा चावल, जौ और बाजरा से बनाया गया एक किण्वित मादक पेय है.
दारु के प्रकार और संक्षिप्त विवरण :
व्हिस्की :-
खास करके व्हिस्की बनाने में गेंहू और जौ जैसे अनाज का उपयोग किया जाता है. शराब के अलग-अलग ब्रांड में अल्कोहल की मात्रा भी अलग-अलग होती है. व्हिस्की में अल्कोहल की मात्रा करीब 30 से 65% तक होती है. इसे बनाने के लिए गेंहू और बारली को फर्मेंट किया जाता है. फर्मेंट होने के बाद कुछ समय के लिए ओट कास्क में रखा जाता है.
वोदका :
वोदका को भी शराब पीने वाले शौकीन लोगों के बीच में काफी पसंद किया जाता है. मार्केट में अलग-अलग फ्लेवर की वोदका आती हैं. वोदका में अल्कोहल की मात्रा 40-60% तक होती है. वोदका आलू से निकलने वाले स्टार्च को फर्मेंट और डिस्टिल्ड करके बनाई जाती है. हालांकि, वोदका को अनाज और शीरे से बनाया जाता है. ये अलग अलग फ्लेवर में मील जाती है.
रम :
रम को ज्यादातर , ठंड प्रदेश में ज्यादा पीना पसंद किया जाता है. रम डिस्ट्रिल्ड ड्रिंक है. अगर रम की बात करें तो रम फर्मेंटेड गन्ने आदि से बनती है. इसमें 40 % तक अल्कोहल होता है. लेकिन ओवरप्रूफ रम भी होती है, जिनमें अल्कोहल की मात्रा ज्यादा होती है और 60-70 % तक अल्कोहल होता है.
बीयर :
बीयर तैयार करने के लिए फल और साबुत अनाज के रस का प्रयोग किया जाता है. इसमें बहुत ही कम मात्रा में अल्कोहल मिलाते हैं. बीयर में 4 से 8 प्रतिशत अल्कोहल की मात्रा होती है.
जिन :
जिन किसी भी अनाज से बन सकता है. अनाज को पहले फर्मेंट किया जाता है उसके बाद उसे डिस्टिल्ड करके निकाला जाता है. डिस्टिलेशन के टाइम उसमें जुनिपर बेरीज डाले जाते हैं. इसके अलावा भी कई बोटैनिकल को डाला जाता है. जिन को एक तरह की वोदका ही लेकिन उसमें कई तरह के फ्लेवर डाले जाते हैं. जिन में 35 से 55 % तक अल्कोहल होता है.
रेड वाइन :
रेड वाइन एक तरह का फर्मेंटेड ग्रेप जूस है. रेड वाइन लाल और काले अंगूर से तैयार की जाती है. रेड वाइन तब बनाई जाती है जब कुचले हुए अंगूरों को ओक बैरल में एक या दो सप्ताह के लिए फर्मेंट किया जाता है. रेड वाइन को ओक बैरल में एज्ड किया जाता है. वाइन में 14% तक अल्कोहल मात्रा होती है.
शैंपेन :
शैंपेन एक तरह की स्पार्कलिंग वाइन होती है. शैंपेन को रेड ग्रेप्स से बनाया जाता है. अगर एल्कोहॉल प्रतिशत के आधार पर बात करें तो इसमें 11 फीसदी तक एल्कोहल की मात्रा होती है. इसको टैंक में भरकर रखा जाता है और लंबे समय यानी कई महीनों या कई सालों तक फर्मन्टेशन प्रोसेस में रखा जाता है.
आमतौर पर लोग मौज-मस्ती के लिए शराब पीते हैं. नशे में रहने से उन्हें ख़ुशी और “उत्साही” महसूस होता है और दोस्तों के साथ शराब पीना एक मज़ेदार अनुभव हो सकता है. यदि लोग सामाजिक परिस्थितियों में घबरा जाते हैं, तो शराब पीने से उन्हें आराम मिलता है और अधिक मज़ा आता है.
1200 से 1700 ईस्वी के दौरान, मुगल काल में इस्लाम में मद्य निषेध पर बहुत जोर था लेकिन शराब का उपयोग तभी भी अधिक था. मुगल बादशाह खुद नियमित रूप से शराब और अफीम का सेवन करते थे. भारत के ब्रिटिश शासन के दौरान, केवल लाइसेंस प्राप्त सरकारी भट्टियों में शराब के निर्माण की अनुमति थी.
हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर के अनुसार, उत्तर प्रदेश के लोग हर रोज 115 करोड़ रुपये की शराब और बीयर गटक जा रहे हैं. आंकड़े बताते हैं कि पूरे राज्य में शायद ही कोई ऐसा जिला है, जहां शराब और बीयर की डेली बिक्री ढाई-तीन करोड़ रुपये से कम की हो. पिछले कुछ सालों के दौरान राज्य में शराब की खपत तेजी से बढ़ रही है. सिर्फ 2 साल पहले राज्य में शराब की औसत खपत हर रोज करीब 85 करोड़ रुपये की थी.
भारत में शराब की खपत 2020 में लगभग पांच बिलियन लीटर थी और 2024 तक लगभग 6.21 बिलियन लीटर तक पहुंचने का अनुमान है. इस
राज्यों की कमाई का बड़ा हिस्सा शराब बिक्री से आता है.
ज्यादातर राज्यों के राजस्व का 15 से 30 फीसदी हिस्सा शराब की बिक्री से ही आता है. शराब बिक्री से वित्त वर्ष 2019 से 20 में महाराष्ट्र ने 24,000 करोड़, उत्तर प्रदेश ने 26,000 करोड़, तेलंगाना ने 21,500 करोड़, कर्नाटक ने 20,948 करोड़, पश्चिम बंगाल ने 11,874 करोड़, राजस्थान ने 7,800 करोड़ और पंजाब ने 5,600 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया था. दिल्ली ने इस दौरान करीब 5,500 करोड़ रुपये का आबकारी शुल्क हासिल किया था, जो कुल राजस्व का 14 प्रतिशत है.
शराब पर शायरी :
महफ़िल -ऐ- इश्क सजाओ
तो कोई बात बने,
दौलत -ऐ- इश्क लुटाओ
तो कोई बात बने,
जाम हाथों से नहीं पीना मुझको
कभी आँखों से पिलाओ
तो कोई बात बने.
शराबी पर जोक्स :
एक शराबी एक मंदिर में गया. और पुजारी से बोला कि सबसे बड़ा कौन ?
पुजारी बोला : मंदिर बड़ा….
शराबी : मंदिर बड़ा तो धरती पर क्यू खड़ा ?
पुजारी बोला : धरती बडी.
शराबी : धरती बडी तो शेषनाग पर क्यू खड़ी ?
पुजारी बोला : शेषनाग बड़ा.
शराबी : शेषनाग बड़ा तो शंकरके गले क्यों पडा
पुजारी बोला : शंकर बड़ा.
शराबी : शंकर बड़ा तो पर्वत पर क्यों पडा.
पुजारी बोला : पर्वत बड़ा.
शराबी : पर्वत बड़ा तो हनुमानके हाथ क्यों खड़ा
पुजारी बोला : हनुमान बड़ा.
शराबी : हनुमान बड़ा तो राम के पैर क्यों पडा ?
पुजारी बोला : श्री राम बड़ा.
शराबी : राम बड़ा तो रावण के पीछे क्यों पडा ?
पुजारी बोला : रावण बड़ा.
शराबी : रावण बड़ा तो सिता के पीछे क्यों पडा?
पुजारी बोला : मेरे बाप! अब तू ही बता कौन बड़ा?
शराबी : सबसे वो बड़ा , जो एक बोतल पीनेके बाद भी सीधा खड़ा !
*** शराबी पर चुटकुले :
एक शराबी शराब पीकर एक अर्थी से टकरा गया…
बॉडी नीचे गिर गई
लोग शराबी को पीटने लगे..
शराबी – अबे जो गिरा वो कुछ तो बोल नहीं रहा…
तुम काहे नेता बन रहे हो !
***
एक शराबी ने दोस्तों की दावत का प्रोग्राम बनाया, और अपने ही घर से रात को बकरा चोरी किया. रात को अपने दोस्तों के साथ खूब दावत का मजा लिया और सुबह जब घर पहुंचा तो बकरा घर में ही था. यह देख उसने बीवी से पूछा, “ये बकरा कहाँ से आया?”
बीवी बोली, “बकरे को मारो गोली, ये बताओ रात को तुम चोरों की तरह कुत्ते को कहाँ ले गए थे?”