“पश्चिम रेल्वे ट्रैन का सुहाना सफर” Part -99

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देश की प्रथम ट्रैन विक्टोरिया टर्मिनल ( बोरीबंदर ) से ठाणे के बिच तारीख : 16 अप्रेल 1853 के दिन चलीं थी, वह ट्रैन स्टीम इंजिन वाली ट्रैन थी. उसके बाद तारीख : 12 अप्रेल 1867 के दिन विरार से चर्चगेट प्रथम लोकल ट्रैन का शुभारंभ हुआ था.

उस समय विरार से चर्चगेट तक सिर्फ 13 स्टेशन विध्यमान थे, जिसमे..

(1) विरार = आजका विरार.

(2) नीअल = आजका (नालासोपारा),

(3) बसीन = आजका वसई रोड,

(4) पाणजू = वसई खाडी का द्वीप,

(5) बेरेवाला = आजका बोरीवली,

(6) पहाडी = आजका गोरेगाव,

(7) अंदारु = आज का अंधेरी,

(8) सांताक्रूझ = आजका सांताक्रूझ,

(9) बंदोरा = आजका बांद्रा,

(10) माहिम = आजका माहिम,

(11) दादुरे = आजका दादर ,

(12) ग्रांट रोड = आजका ग्रांट रोड,

(13) चर्चगेट = आजका चर्चगेट.

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"पश्चिम रेल्वे ट्रैन का सुहाना सफर" Part -99 4

आदि स्टेशनो का समावेश था. वर्तमान में 29 स्टेशन है. कई साल बाद भाईंदर स्टेशन का निर्माण 1900 के आसपास हुआ था. भाईंदर स्टेशन निर्माण के पीछे ब्रिटिश शासन का मुख्य उदेश्य नमक उद्योग को बढ़ावा देना था.

विरार चर्चगेट ट्रैन की शुरुआत हुई तब सिर्फ एक गाडी सुबह 6=45 बजे विरार से छुटती थी और वही गाडी शाम को 5=30 बजे चर्चगेट से वापस विरार लौटती थी. तब यातायात का मुख्य साधन घोड़ा और दूंगी ( नाव ) था. तब घोड़बंदर ( भाईंदर पूर्व ) अरबी घोड़ो की खरीद बिक्री का मुख्य बाजार था.

लोकल ट्रैन यात्रा का प्रति मिल का किराया 7 पैसे था. व तीसरी श्रेणी का दर 3 पैसे प्रति मिल था. ट्रेनके इतिहास मे शब्द ” लोकल ” 1 फरवरी 1865 के दिन निकाला गया , समयसारिणी पत्रक ( TIME TABLE ) मे दर्शाया गया.

चर्चगेट- बोरीवली – विरार स्टेशन के दरम्यान 3 डिब्बा ( शटल सर्विस ) 6 डिब्बा, 8 डिब्बा 9 डिब्बा, 12 डिब्बा और वर्तमान 15 डिब्बेकी लोकल ट्रैन अब तक चलाई गई है.

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"पश्चिम रेल्वे ट्रैन का सुहाना सफर" Part -99 5

पश्चिम रेल्वे ने दुनिया की प्रथम लोकल ” लेडीज स्पेशल ” ट्रैन चलाई. ट्रेनों मे आज तो स्पीकर लगे हुए है. लकड़े की सीट के बदले नयी आधुनिक सीट लग गई है. स्टेशनो पर लिफ्ट और स्वयं संचालित सीढिया लग गई है. ट्रैन आगमन के लिए घंटा बजाव सिस्टिम को अलाविदा कहकर इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले सिस्टिम आ गई है. स्टेशनो पर सबवे बन गये है.

शुरु में भाईंदर में 2 प्लेटफार्म थे अब 6 हो गये है. जब भाईंदर स्टेशन का निर्माण हुआ तब स्टेशन के नजदीक एक भी रहवासी घर नहीं था. भाईंदर पश्चिम में कस्टम की चाल थी जो आज भी मौजूद है. भाईंदर पूर्व में सन 1960 के करीब पहला बंगला श्री बालाराम पाटिल घराना ने निर्माण किया था. उस वक्त जेसल पार्क का नामों निशान नहीं था. बी पी रोड, नवघर रोड चार फीट चौड़ा मिट्टी का था.

70 के दशक में यहां पर कोयला से चलने वाली भाप इंजन गाडी चलती थी. जो बंबई सेंट्रल टर्मिनल से चलती थी. और मरम्मत का काम लोको परेल सेंटर में होता था.

तारिख : 1 सितंबर 1988 के दिन विधायक श्री जनार्दन गौरी ने नारियल फोड़कर भाईंदर टर्मिनल का उद्घाटन किया तथा सांसद शांताराम ढोलप ने झंडी दिखाकर पहली भाईंदर लोकल को चर्चगेट की ओर रवाना किया. ये पत्रकार श्री पुरुषोत्तम ” लाल ” जी के मार्गदर्शन में और श्री गौतम जैन की अध्यक्षता में संघर्ष सेवा समिति द्वारा सन 1985 में रेल रोको आंदोलन के बाद संभव हुआ था.

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