आप प्रबुद्ध लोगोंने PAKISTAN OCCUPIED KASHMIR – (POK) पीओके के बारेमें अवश्य सुना होगा. जिसे हम लोग पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर कहते है.
कश्मीर का कुछ हिस्सा आज भी पाकिस्तान के इलाके में आता है. जिसे लेकर आज भी दोनों देशों के बीच में हमेशा संघर्ष होते रहता है. भारत और पाकिस्तान के बटवारें के बाद ” जम्मू और कश्मीर ” दोनों देशों के लिए सबसे बड़ा विवादित विषय बना हुआ हैं.
कश्मीर दो हिस्सों में बट गया है. आज कश्मीर का जो हिस्सा भारत के कब्जे मे है वह जम्मू और कश्मीर के नाम से जाना जाता हैं, और जो कश्मीर का हिस्सा पाकिस्तान मे है उसे POK के नाम से जाना जाता है. Pakistan Occupied Kashmir (POK) यांनी पाक के कब्जे वाला कश्मीर का मतलब कश्मीर का वह हिस्सा जो पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्ज़ा किया हुआ है.
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के पास अनुमानित 5,134 वर्ग मील यानी करीब 13 हजार 296 वर्ग किलोमीटर इलाका है. इसमें कुल 10 जिले हैं. और मुजफ्फराबाद इसकी राजधानी है.
वहीं गिलगित बाल्टिस्तान में 28 हजार 174 वर्ग मील यानी करीब 72 हजार 970 वर्ग किलोमीटर इलाका है. गिलगित-बाल्टिस्तान में भी 10 जिले हैं. इसकी राजधानी गिलगित है.
सन 1947 में भारत की स्वतंत्रता के समय, अंग्रेजों ने रियासतों पर अपना दावा छोड़ दिया और उन्हें भारत या पाकिस्तान में शामिल होने या स्वतंत्र रहने के विकल्पों पर निर्णय लेने की आजादी दी गई थी.
जम्मू और कश्मीर के महाराजा श्री हरि सिंह ने भारत और पाकिस्तान किसी को नहीं चुना और जम्मू और कश्मीर को एक स्वतंत्र प्रभुत्व वाला देश बनानेका तय किया गया था.
सन 1947 में जम्मू और कश्मीर राज्य में बहुत जनसांख्यिकीय विविधता थी. कश्मीर की घाटी, सबसे अधिक आबादी वाला क्षेत्र और ऐतिहासिक रूप से शक्तिशाली राज्य था, जिसमें अफगान-तुर्क और अरब लोगों की आबादी थी. इसलिए यहाँ की 97% जनसंख्या मुस्लिम और बाकी शेष 3% धार्मिक अल्पसंख्यक थे जो ज्यादातर कश्मीरी पंडित समुदाय से थे.
जम्मू संभाग के पूर्वी जिलों में एक हिंदू बहुसंख्यक आबादी सांस्कृतिक रूप से हिमाचल प्रदेश की तरफ लगाव रखती थी जबकि दूसरी ओर पश्चिमी जिलों जैसे कोटली, पुंछ और मीरपुर में मुस्लिम बहुमत था और इनका रूख पाकिस्तान की तरफ था.
वास्तव मे POK भारत का हिस्सा है क्योंकि कश्मीर के राजा हरि सिंह और स्वर्गीय पीएम जवाहर लाल नेहरू के बीच ” इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेस ” पर समझौता हुआ था. ता : 21अक्टूबर
1947 को उत्तरी-पश्चिमी सीमा प्रांत के कई हजार पश्तून आदिवासियों ( जिन्हें पाकिस्तान की सेना का समर्थन प्राप्त था ) ने इस इलाके को महाराज के शासन से मुक्त करने के लिए विद्रोह कर दिया था.
महाराज के सैनिकों ने इस आक्रमण को रोकने की पुरी कोशिश की लेकिन पाकिस्तान समर्थक विद्रोह आधुनिक हथियारों से सज्ज थे. एक छोटा राज्य होने की वजह उन्होंने ता : 24 अक्टूबर 1947 को लगभग पूरे पुंछ जिले पर नियंत्रण हासिल कर लिया था.
आक्रमणकारियों ने मुजफ्फराबाद और बारामूला के शहरों पर कब्जा कर लिया और राज्य की राजधानी श्रीनगर से उत्तर-पश्चिम में बीस मील दूर तक पहुँच गए. उन्होंने इन जिलों में दुकानों को लूटना शुरू क़र दिया, महिलाओं और बच्चियों के साथ बलात्कार किये.
बिगडते हालात को देखते हुए महाराजा हरी सिंह ने ता : 24 अक्टूबर 1947 को भारत से सेन्य की मदद मांगी और भारत ने कहा कि वह तभी मदद करेगा जब राजा उसके साथ “Instruments of Accession of Jammu & Kashmir to India” पर अपने हस्ताक्षर करेंगे.
इस प्रकार महाराजा हरि सिंह ने जम्मू & कश्मीर की रक्षा के लिए शेख़ अब्दुल्ला की सहमति से जवाहर लाल नेहरु और तत्कालीन भारत के गवर्नर जनरल माउंटबैटन के साथ संधि करके कश्मीर को भारत में विलय करना स्वीकार कर लिया था.
बाद मे ता: 26 अक्टूबर 1947 को भारत के साथ जम्मू और कश्मीर के अस्थायी विलय की घोषणा कर दी गई और ” INSTRUMENTS OF ACCESSION OF JAMMU & KASMIR TO INDIA. पर अपने हस्ताक्षर कर दिये गये.
इस नये समझौते के तहत जम्मू और कश्मीर ने भारत के साथ सिर्फ तीन विषयों (1) रक्षा, (2) विदेशी मामले और (3) संचार को भारत के हवाले कर दिया था.
समझौते के बाद भारतीय सैनिकों को तुरंत श्रीनगर ले जाया गया, इसके बाद पाकिस्तान की सेना खुलकर भारत के साथ लड़ने लगी. इसी लड़ाई के बीच दोनों देशों के बीच यथास्थिति बनाये रखने के लिए समझौता हो गया और जो जिले पाकिस्तान ने हथियाए थे वे उसके पास ही रह गए. इन्हीं हथियाए गए जिलों को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) कहा जाता है जिन्हें पाकिस्तान आजाद कश्मीर कहता है.
पाकिस्तान ने अपनी प्रशासनिक सुविधा के लिए POK को दो भागों में बाँट कर रखा है. जिन्हें आधिकारिक भाषाओं में हम जम्मू और कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान कहते है.
आज़ाद कश्मीर अंतरिम संविधान अधिनियम 1974 के तहत शासित किया जाता है. आज़ाद कश्मीर में एक राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और एक परिषद है, लेकिन शासकीय संरचना पूरी तरह से शक्तिहीन है और पाकिस्तान सरकार के अधीन काम करती है.
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के दक्षिणी हिस्से में आठ जिले हैं. (1) नीलम, (2) मीरपुर, (3) भीमबार, (4) कोटली, (5) मुजफ्फराबाद, (6) बाग, (7) रावलकोट और (8)सुधनोटी.
वैसे अगर देखा जाय तो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) मूल कश्मीर क्षेत्र का एक अभिन्न अंग है, जो 1947 से पाकिस्तान के गैरकानूनी नियंत्रण में है और अगर अब भारत सरकार इस हिस्से को पाकिस्तान से वापस लेने के लिए कूटनीतिक प्रयास कर रही है तो कोई गलत बात नहीं है.