स्व : श्री रघुनाथ त्रिंबक दामले.
पुराने समाज सेवकों मे दामले जी का नाम आदर के साथ लिया जाता है. 100 साल पहले पश्चिम रेल्वे के डिवीज़नल पे मास्टर की नौकरी करने वाले श्री रघुनाथ दामले भाईंदर पुलिस स्टेशन के नजदीक वर्त्तमान भाईंदर पश्चिम की पोस्ट ऑफीस के पास रहने आये थे.
श्री दत्तात्रेय दामले उनके बड़े भाई थे , उन्होंने “सहकारी ग्राहक सोसाइटी” की नींव रखी और घर मे काम शुरु किया था. आज ये “भाईंदर सेवा सहकारी सोसाइटी ” के नाम से जानी जाती है. उनको शिक्षण क्षेत्र मे भी रूचि थी अतः उनका नाम भाईंदर शेतकरी शिक्षण मंडल के संस्थापक सदस्यों मे उनका नाम है.
आप खेलकूद मे दिलचस्पी रखते थे. आप बेडमिंटन के चैम्पियन थे. उनका साइकिल पसंदीदा शौक था.वे हर हप्ते भाईंदर से पुणे साइकिल पर सवार होकर जाते थे. भाईंदर पश्चिम का श्मशान गृह दामले जी की एक शानदार यादगार है.
गांव के तरुण बच्चोंको साथ लेकर जाकर काशीमीरा रोड के किनारे वे वृक्षारोपण कार्यक्रम करते थे. और मांडली तालाब से साइकिल पर पानी लेजाकर सींचते थे. अंतिम समय मे वे बाहर चले गये और उनकी अंतिम इच्छा अनुसार उसके मृत शरीर को भाईंदर श्मशान गृह मे नही लाया जा सका.
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श्री सोहनराज भीकमचंदजी जैन. ( वैद )
सन 80 के दशक में मोबाईल का चलन नहीं था. धर, ऑफिस में लैंड लाइन फोन होना प्रतिष्ठा की निशानी मानी जाती थी. सामान्य कैटेगरी में लैंड लाइन फोन आगमन के लिये 12 से 14 साल तक इन्तेजार करना पड़ता था.पुरा विभाग भ्रस्ट्राचार में लिप्त था.भाईंदर टेलीफोन का कारोबार कांदिवली एक्सचेंज कार्यालय से चलता था. ऐसी विकट परिस्थिति को देखकर भाईंदर भूमि के प्रधान संपादक श्री पुरुषोत्तम लाल चतुर्वेदी गुरूजी जी के मार्गदर्शन में कांग्रेस आई के तत्कालीन नगर सेवक श्री सोहनराज बी. जैन की अध्यक्षता में भाईंदर टेलीफोन एक्शन कमिटी संस्था की एवं भाईंदर रेल्वे पैसेंजर एसोसिएशन की विधिवत स्थापना की.
जैन साहब के प्रयत्नों से ता : 16 जुलाई 1989 के दिन केंद्रीय संचार मंत्री श्री गिरधर गोमांगो भाईंदर पधारे. भाईंदर में केंद्रीय मंत्री को आनेका वो पहला प्रसंग था. भाईंदर पश्चिम वर्तमान पुराना नगरपालिका कार्यालय है वहां पहले खुला मैदान था. वहां पर हुए समारोह में मंत्री ने भाईंदर टेलीफोन एक्सचेंज को महा नगर टेलीफोन निगम मे समाहित करने का विधिवत ऐलान किया गया. उसके बाद भाईंदर पश्चिम फाटक वर्त्तमान सबवे स्थित विशाल टेलेफोन भवन का निर्माण किया गया.
दूसरी बार केंद्र मंत्री श्री अशोक गेहलोत जी श्री सोहनराज जैन साहब के नगर पालिका चुनाव में प्रचार करने आये थे.
आपका जन्म राजस्थान के जोधपुर जिले के फलौदी तहसील के देनोक गांव में 17 नवंबर 1950 में हुआ था. सन 1977 में आप गोरेगांव मुंबई आये वहासे सन 1981 में आप भाईंदर पधारे. जैन साहब श्री राजस्थान श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ के अध्यक्ष रह चुके है. आप भाईंदर मैन्यूफैक्चरर्स एंड मर्चेन्ट असोसिएशन के अध्यक्ष पद और ब्लॉक इंदिरा कांग्रेस कमिटी के कोषाध्यक्ष पद पर कार्य कर चुके है.
जैन साहब के कार्य की कदर करते महाराष्ट्र सरकार ने उनको ता : 21 दिसंबर 1989 के दिन विशेष कार्यकारी दंडाधिकारी ( S.E.M.) पद पर नियुक्त किया था.
वर्तमान आप ” गुरुजी ” के मार्गदर्शन में भाईंदर रेल्वे पैसेंजर एसोसिएशन संस्था चलाकर मिरा भाईंदर के रेलयात्री ओकी रेल समस्या ओको रेल्वे प्रशासन तक पत्रव्यवहार करके पहुंचाकर , रेल यात्रि की सुविधा के लिये प्रशंसनीय कार्य कर रहे है.
आप मृदुभाषी कांग्रेस के पुराने निष्ठावान राष्ट्र समर्पित कार्यकर्त्ता है. ता : 1 दिसंबर 1988 के दिन भाईंदर स्टेशन टर्मिनल का उद्घाटन विधायक श्री जनार्दन गौरी तथा सांसद सभ्य श्री शांताराम घोलप द्वारा किया गया था. तथा ता :7 दिसंबर 1987 के दिन भाईंदर रेलवे स्टेशन पर नये प्लाटफॉर्म नंबर और 4 का निर्माण कार्य शुरु किया गया था. उसमे श्री सोहनराज बी. जैन सहित, रेल रोको आंदोलन के प्रणेता श्री गौतम जैन, भाईंदर भूमि केवरिष्ठ पत्रकार श्री पुरुषोत्तम ” लाल “, श्री एस. एस. राजू साहब का विशेष योगदान रहा था.
उल्लेखनीय है कि रेल रोको आंदोलन के बाद भाईंदर विश्व स्तर पर छा गया था. उस वक्त पुलिस द्वारा बर्बरता पूर्वक अंधाधुंध कीये गोलीबार में सात निर्दोष लोगोंकी मौत हो गई थी.
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श्री आगुस्टीन कोली.
( स्वतंत्रता सेनानी )
भाईन्दर के शिपकारो में एक नाम श्री आगुस्टीन कोली जी का नाम भी प्रमुखता से लिया जाता हैं.
सेंट जोसफ हाई स्कूल उत्तन के पहले मुख्य अध्यापक रहे श्री आगुस्टीन कोली जी उत्तन गाँव में करीब 17 साल तक ग्राम सरपंच रहे.
आप ठाणे तालुका प्री -एक्सटेंशन कमिटी के सदस्य रह चुके थे. पंचायत समिति सदस्य, उप सभा पति और सभा पति का भी काम किया. बोरीवली तालुका कोरा ग्राम उद्योग केंद्र के सदस्य रहे थे. उन्होंने डोंगरी ग्राम पंचायत की स्थापना करने में प्रमुख भूमिका निभाई तथा पाली चौक रास्ता , उत्तन लाइट हाउस, नयी सरकारी संस्था, स्टेला अस्पताल, उत्तन गोराई रोड आदि विकास कार्य किया.
आप वसई लघु उद्योग केंद्र के संस्थापक सेक्रेटरी रहे. मच्छीमारी करने वाले युवको के लिये आपने तैरता हुआ वाचनालय शुरू किया था. काका बाप्टिस्ट स्मारक संस्था की स्थापना की तथा ज्येष्ठ नागरिक मंडल के संघठन के रूप में कार्य किया.
आप कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्त्ता थे. स्वतंत्रता आंदोलन, नमक सत्याग्रह में सक्रिय भाग लिया था. आप स्वतंत्रता सैनिक होते हुए भी सरकारी लाभ नहीं लिया.
आप का शिक्षण पापड़ी के थॉमस बैपटिस्टा हाई स्कूल में हुआ. सन 1941 में आपने मेट्रिक की परीक्षा पास की और नौकरी करते हुए स्नातक तक की पढाई की.
ऐसे महान शिल्पकार को नत मस्तिक प्रणाम.
——=== शिवसर्जन ===——