पुराने भाईंदर गांव की बीती हुई यादे| Part XI – स्व : बालाराम पाटील – खारीगांव.

श्री मिलन वसंत म्हात्रे. ( जनता दल )

भाईन्दर के शिल्पकारों में जनता दल के एक श्री मिलन म्हात्रे जी का नाम उभरकर सामने आता हैं. अस्सी के दशक में श्री रोहित सुवर्णा जी, स्व : श्री मोहित मिश्रा , श्री राजेश खिराडे जैसे साथीओ ने मिलकर ” सिटीजन फ्रंट ” नामक संस्था की स्थापना की थी. जिसके अंतर्गत उन्होंने हक की लड़ाई जारी रखी.

स्पस्ट वकता श्री मिलन म्हात्रे ने झोपड़ी ओमे रहने वाले अनेक गरीब लोगों को सरकारी काम करने मे मदद की थी और आज भी कर रहे हैं.

भारत रत्न पंडित भीमसेन जोशी रुग्णालय – तेम्बा को जिला परिषद की हकूमत से मिरा भाईन्दर महा नगर पालिका में स्थानांतरण करने में प्रमुख भूमिका निभाई हैं.

आप स्वयं वार्ड में घूमकर समस्या का जायजा लेते हैं. सुशासन के लिए राजनीत में विरोधीओ का होना जरुरी हैं. जहां भी गलती दिखे तो शासक पक्ष का नासुर बनके जनता और सरकार का ध्यान आकर्षित करते हैं.

आप पर दो बार जानलेवा हमला हुआ था, फिरभी अपने कर्तव्य पथ पर कायम रहे हैं.

जब मिरा रोड पश्चिम में नाजरेथ आगर स्थित गाँव में नल नहीं थे तब टेंकर से पानी पहुंचाकर लोगों की प्यास बुजाते थे. आज भी जन समर्थन श्री मिलन जी के पक्ष में हैं. अन्यान्य का डटकर सामना करने वाले ऐसे गरीबो के मसीहा श्री मिलन महात्रे जी, भाईन्दर विकास के शिल्पकारों में से एक नाम यह भी हैं.

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स्व : बालाराम पाटील – खारीगांव.

वर्तमान मे भाईन्दर पूर्व स्टेशन से गोड़देव नाका तक के रोड को बी. पी. रोड के नाम से जाना जाता है. ये रोड स्व : बालाराम पाटील को समर्पित है.

स्थानीय प्रशासन ने उनके काम की कदर करते हुए इस रोड का नाम बालाराम पाटील रोड रखा है.

श्री बालाराम बचपन से ही दयालु स्वभाव के थे, भाईन्दर पूर्व स्टेशन से गोड़देव मार्ग तथा स्टेशन से नवघर मार्ग कितना जरुरी है वो लोगोको समजाया मगर कुछ लोंगो ने कड़ा विरोध किया फिर भी चार फुट चौड़ा मिट्टीके रोड का निर्माण किया गया.

बारिस मे रोड कीचड़ से भर जाता था तब गांवके लोग भापवाली ट्रैन का जला हुआ कोयला जो नजदीकी यार्ड से लाकर रोड पर डालते थे. बालाराम सहित कई लोग इस श्रमदान मे हिस्सा लेते थे.

बादमे उनकी कदर करते गोड़देव तक का मार्ग को बी पी रोड का नाम दिया गया. बालाराम जी ने किसीकी पढाई में, किसीकी बीमारी में, किसी को लगान भरने में दिलो जान से मदद की.

फलस्वरुप लोगोंने उनकी कदर करते स्टेशन से गोड़देव नाका तकके रोड को बालाराम पाटील रोड रखा. उनके अन्य भाई में श्री लक्ष्मण पाटील, श्री पांडुरंग पाटील, श्री हरिचंद पाटील भी स्वभाव से अच्छे थे.

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सौ. संध्या पुरुषोत्तम चतुर्वेदी. “अंजान”

आज मुजे बात करनी है एक निर्भीक, निडर, संकट की स्थिति मे पतिका साथ देने वाली एक अनजान आम महिला की , जिसने मिरा भाईंदर के सर्वांगीण विकास मे अपना पुरा जीवन समर्पित कर दिया है. ये महिला मिरा भाईंदर पत्रकार जगत के भीष्मपितामह कहे जाने वाले श्री पुरुषोत्तम लाल चतुर्वेदी ऊर्फ “‘ गुरूजी ” की धर्मपत्नी है.

कौन महिला चाहेगी कि अपना पति भर जवानी मे दाढ़ी बाल बढाकर साधु संत जैसा जीवन व्यतीत करें ? सामने पति ने प्रण लिया था की जब तक मिरा भाईंदर वासियों को पर्याप्त पिनेका पानी नही मिलेंगा तब तक अपने दाढ़ी बाल नही निकालूंगा और ये प्रण 14 साल तक लंबा चला था. मगर इस महिलाने चट्टान की तरह पति के साथ खड़ा रहकर भाईंदर के विकास के लिए अपना अनमोल सहयोग दिया.

इस महिला को स्थानीय गुंडों द्वारा प्रताड़ित किया गया, अपमानित किया गया. तीसरे माले से उनके घर से बाहर निकालकर , बाल पकड़कर घसीटते निचे लाकर अपहरण की कोशिश की गई. हाथ और पाव मे खरोच आ गये. उपस्थित जनता मूक दर्शक बनके तमासा देखते रही मगर कोई आगे नही आया. वो रोती रही, चिल्लाते रही.मदद की गुहार लगाती रही. मगर सब बेकार.

उसका ये गुनाह था की उसने मिरा भाईंदर का विकास चाहा. उसका ये गुनाह था कि उसने पतिका साथ दिया. उसका ये गुनाह था की उनके पतिने भाईंदर की जनसमस्या के खिलाफ जन हित मे स्थानीय प्रशासन के खिलाफ अपनी आवाज उठाना शुरु किया था..

आज आप मिरा भाईंदर का विकास देख रहे हो उसके नींव के पत्थरों मे इस नारी की चीत्कार दबी हुई है. इस नारी ने मिरा भाईंदर के विकास को अपने लहुसे सींचा है. इसकी एक एक बूंद का कटरा नारी उत्पीड़न का गवाह दे रहा है. नारी को नारायणी कहा जाता है. क्या इसे हमारी हिंदू संस्कृति कहेंगे ?

भाईंदर भूमि पत्र को कुचलनेकी कोशिश की गई. मिरा भाईंदर नगर पालिका के विज्ञापन बंद कर दिये गये. एक तरफ पेपर का खर्चा तो दूसरी और गृहस्थी चलाना मुश्किल हो गया. एक एक रुपये के लिए मोहताज बना दिया गया मगर यह महिला डटकर चट्टान की तरह अपने पतिके साथ खड़ी रही. उसे संबल देते रही ताकी मिरा भाईंदर शहर का विकास होते रहे.

आप एम.ए. बी.एड. डिग्री धारक है. संगीत मे रुची रखती है. आप एक लेखिका है. आपका बचपन भोपाल मे बिता. आपका पुरा परिवार शिक्षा क्षेत्र से जुडा है और जन हित और देश हित मे साक्षरता अभियान चला रहा है.

ऐसी मानवता वादी, महान महिला, निर्भीक, निडर, लेखिका, हर विकट परिस्थिति का डटकर मुकाबला करने वाली शेरदिल, हिम्मतवान आदरणीय महिला श्रीमती संध्या पुरुषोत्तम लाल चतुर्वेदी ऊर्फ ” अंजान ” महान महिला को नतमस्तिक सलाम करता हूं.

——=== शिवसर्जन ===——

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