भाईंदर की झोपड़पट्टी :
मिरा भाईंदर शहर क्षेत्र मे एक ओर आलीशान बिल्डिंगे है तो दूसरी ओर हजारों झोपड़पट्टी मे लाखो लोग रेन बसेरा करते है.
भाईंदर पश्चिम की झोपड़पट्टी की बात करें तो स्टेशन के सामने जय अंबे नगर , भोला नगर, नाना बंदर , देवल आगर , नहेरु नगर,भाईंदर स्मशान रोड का पश्चिमी भाग , मूर्धा खाड़ी ब्राह्मण देव नगर , शिवनेरी नगर, भाठी आगर झोपड़पट्टी एवं मूर्धा खाड़ी से राई गांव तक उत्तन रोड के उत्तरीय छोर स्थित आदि प्रमुख झोपड़पट्टी एरिया हाल विद्यमान है.
क्या ? मीरा भाईंदर महा नगर पालिका क्षेत्र की उपरोक्त झोपड़ीओ मे रहने वाले विदेशी है ? बांग्लादेशी है ? या फिर घुसपैठिया है ? बिलकुल नहीं…… ! तो फिर इन लोगों के साथ क्यों सौतेला व्यवहार किया जाता है ?
मीरा भाईंदर क्षेत्र की झोपड़पट्टीओ मे बसने वाले लोगों का कोई सक्षम नेता है ? यदि वास्तव मे होता तो आज ये लोगोंकी ऐसी दुर्दशा नहीं होती.
ये वो भारतीय नागरिक है जो भारत के अन्य राज्यों से, मज़बूरी से नौकरी पेशा की तलाश मे यहां तक अपना परिवार पालने के लिये आ पहुचे है. इनका गुनाह इतना है की ये ईमानदार है, बिल्डिंगो मे अपना खुदका फ्लैट लेनेमें असमर्थ है. ये वो लोग है जो मज़बूरी मे यहां झोपडपट्टीओ मे रह रहे है. ये लोग है जो परिवार का पालन करने के लिये कोई रिक्शा चलाता है, तो कोई सब्जी बेचता है , तो कोई रोड पर फेरीवाले का धंदा करता है.
ये वो भारतीय नागरिक है जो हर सरकारी टेक्स ( कर ) चुकाते है. चाहे फिर वो हाउस टैक्स ( घर पट्टी ) हो या फिर लाइट बिल मे अदा किये जाने वाले केंद्र या राज्य सरकार के टेक्स हो या सरकारी ड्यूटी. ये वो लोग है जो मोबाइल नेटवर्क रिचार्ज करके या बिल के जरिये सरकारी टेक्स अदा करते है.
इन लोगों का गुनाह ये है की उपर दर्शायी गईं अधिकांश झोपड़पट्टी साल्ट डिपार्टमेंट ( कस्टम ) की या तो फिर खारलैंड (समुद्र किनारा) की जमीन पर बसाई गयी है. जिसका जमींन मालकी हक भारत सरकार का है. सरकार सन 2024 तक हर एक को अपना घर मुहैया करांने का वादा करती है तो क्यों ना यहीं जमीन इनके नाम पर की जाती है ? ताकी स्वाभिमान से जी सके.
अपनी महेनत की कमाई का इतना कुछ टेक्स भरने के बाद भी ये गरीब लोगोंको प्रताड़ित किया जाता है.
बताया जाता है की कोई रहवासी अपनी जगह मे उपर एक माला उठाता है तो कुछ लोग अपने आप को नगर सेवक कहकर तो कुछ ब्लैक मेलिंग करने वाले पत्रकार अपनी बाप की अमानत समज कर वहां पहुंच जाते है. और दस पंद्रह हजार रुपये की रिश्वत मांग कर हप्ता वसूली करते है. ना देने पर तुड़वाने की धमकी देते है.
जमीन सरकार की है माला उपर उठाने के लिये पैसा, मालिक लगा रहे है तो ये कौन होते हे हप्ता वसूलने वाले?
क्या इन लोगोंके साथमे नगर पालिका के वरिष्ठ अधिकारी भी मिले है ? जरूर ऐसे लोगों पर एंटी कर्रप्शन विभाग की पुलिसिया कार्रवाई होनी जरुरी है.
क्यों ना इसके लिये एक फोन नंबर जाहिर किया जाता, जिसपर ये अपनी शिकायत दर्ज कर सके. और उनके नाम गुप्त रखनेकी हमी दी जाय.
जरुरत है इसके लिये इन लोगोंको गाइड करने की. यदि वो घर मे वापर क्षेत्र मे बढ़ोतरी करता है तो उनके एरिया के हिसाब से टैक्स मे बढ़ोतरी की जाय. यहां तो मालपानी दो, नहीं तो
अपना घर टूटनेका इंतजार करो.
प्रशासन प्रजा की परेशानी के लिये है या सुविधा के लिये ? प्रश्न यक्ष है !.
सरकार आवास योजना के तहत रुपये 2 लाख 67 हजार की सब्सिडी देती है. जो सालोसे यहां वास्तव्य कर रहे है तो यह झोपड़पट्टी वालों को जमीन का मालकियाना हक क्यों नहीं दीया जाता ? कुछ झोपड़ी वाले तो पचास – साठ साल से यहां पर वास्तव्य कर रहे है.
यहीं मिरा भाईंदर महानगर पालिका है जहां कर निर्धारक और संकलक की मिलीभगत से नकली असेसमेंट उतरा बनाकर ईमारत को तोड़ दी जाती है. और किरायेदार लोगो का माल सामान चोरी करने के बाद भी भाईंदर पूर्व पुलिस स्टेशन द्वारा विधी अधिकारी के आदेश अनुसार जांच नही की जाती.
हे कोई विधायक , सांसद जो गरीब झोपड़पट्टी वाले और किरायेदार के हित के लिये लड़कर इनका हक प्रदान कर सके ?
यही लोग है जो नगर सेवको को चुनकर देते है, ओर जितने के बाद कुछ नगर सेवक इन्हीको लूटना चालू कर देते है. झोपड़पट्टी वालों के लिये अब समय आ गया है की ऐसे हप्ताखोर रिश्वतखोर लोगों को उनकी असली औकाद दिखा दी जाय और ये साबित कर दे की कभी भी लोकशाही मे मतदाता ही असली राजा होता है.
आज कई लोग करोड़पति अरब पति बन रहे है. और ये महेनत मजदूरी करके ईमानदारी से दो टंक की रोटी जुटाने वालों को रहनेके लिये संघर्ष करना पड रहा है. जबकि पिछला पचास – साठ सालका रिकॉर्ड देखा जाय तो हजारों एकड़ जगह सरकार ने निजी संस्था ओको दान मे दिये जानेका प्रमाण मिल सकता है.
क्या कोई क्रांति की आवश्यकता है ? क्या महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री सहित हमारे अधिनायक इस ओर ध्यान देंगे ? या फिर राजकरण की संगीत कुर्सी का खेल खेलते रहेंगे ?
——=== शिवसर्जन ===——