पुराने भाईंदर गांव की बीती हुई यादे. Part – IV – विशेष व्यक्ति : ( संक्षिप्त परिचय )

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मिरा भाईंदर महानगर पालिका क्षेत्र मे हजारों कार्यकर्त्ता कार्यरत है. मगर यहां पर कुछ नींव के पत्थर समान पुराने समाज रत्न को प्रस्तुत कर रहा हूं :

विशेष व्यक्ति : ( संक्षिप्त परिचय )

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श्री बंकटलाल हजारीमल गाड़ोदिया.

यह परिवार भाईंदर मे करीब 200 साल पहले आया था. श्री बंकटलाल जी सन 1972 से सन 1975 साल तक भाईंदर ग्राम पंचायत का सरपंच पद पर रहे थे. दरम्यान उन्होंने सड़क, गटर, मर्क्युरी स्ट्रीट लाइट, आदि ग्राम सुधार के काम सुचाररूपसे कीये थे.

उनके पुत्र श्री अनिल गाड़ोदिया, श्री पुरुषोत्तम गाड़ोदिया एवं पुत्री मीना गाड़ोदिया ने कराटे मे ब्लैक बेल्ट डिग्री हासिल की है. और समाज और भाईंदर का नाम रोशन किया है.

मानव सेवा की चाहत से आपने ई. सन 1964 मे जिला परिषद के प्राथमिक दवाखाना मे प्रसूति गृह का निर्माण करवाया. आपही के प्रयत्नों से भाईंदर पश्चिम मे प्रथम देना बैंक की शाखा खोली गयी थी.

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स्व : श्री हरिनारायण लाडूरामजी.

आप भाईंदर सॉल्ट मर्चेन्ट चैरिटी ट्रस्ट के सस्थापक अध्यक्ष थे. इस ट्रस्ट के माध्यम से भाईंदर पश्चिम स्टेशन से भाईंदर पुलिस तक सीमेंट कंक्रीट का रोड बनाया गया जिसमे, सेठ चंदूलाल तथा श्री भाऊसाहब वर्तक जी का सहरानीय योगदान रहा था.

आप भाईंदर सॉल्ट मर्चेन्ट असो.- के अध्यक्ष थे तब संस्था के सचिव श्री रामेश्वरलाल जी कन्दोई के साथ तथा श्री ईश्वरभाई पारीख और श्री वी के मेनन जी की सहायता से गांव मे प्रथम बिजली और पानी की योजना को कार्यान्वित किया था.

आप भाईंदर सॉल्ट मर्चेन्ट एजुकेशन ट्रस्ट के ट्रस्टी उपरांत भाईंदर शिक्षण मंडल ( वर्तमान भाईंदर शेतकरी शिक्षण मंडल ) के सक्रिय सदस्य रहे थे. पारंभ मे आपने फर्म गोपीलाल बंकटलाल द्वारा स्कूल का निर्माण करवाया. आज भाईंदर सेकेंडरी स्कूल इसी की देन है. आप श्री राम मंदिर देवस्थान ट्रस्ट के व्यवस्थापक ट्रस्टी थे.

भाईंदर सेवा सहकारी सोसाइटी के आप 24 साल तक चेयरमैन पद पर रहे. भाईंदर चिकित्सक समिति के सक्रिय सदस्य रहे. आपके प्रयत्नों से स्व : हजारीमल जी की स्मृति मे जिला परिषद संचालित अस्पताल मे मेटरनिटी होम का निर्माण करवाया.

आप 20 वर्ष तक ग्रामपंचायत के सदस्य रहे. द्रितीय सरपंच पद पर आपने 5 साल काम किया. आप हमेशा निर्विरोध चुने गये. आपके कारकिर्दी की महक आज भी लोग महसूस करके याद करते है..

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श्री कृष्णाराव गोविंदराव म्हात्रे.

कोंग्रेस के निष्ठावान समर्पित कार्यकर्त्ता श्री कृष्णाराव गोविंदराव म्हात्रे जी की तपस्चर्या भाईंदर के इतिहास मे सुवर्ण अक्षरों से अंकित हो चुकी हे. सन 1967 मे आप भाईंदर ग्रुप ग्राम के सरपंच पद पर कार्यरत थे.

श्री कृष्णाराव म्हात्रे साहब ने मीरा भाईंदर गांव के लोगों के लिये जो संघर्ष किया वो काबिले तारीफ है. भाईंदर पश्चिम स्थित किसान परिवार मे 18 जनवरी 1918 के दिन जन्मे श्री म्हात्रे साहब का प्राथमिक शिक्षण लोकल बोर्ड की मराठी शाला मे हुआ. फिर आगे की पढाई दादर की अंग्रेजी स्कूल, छबीलदास हाई स्कूल मे हुआ था.

सन 1942 के भारत छोडो आंदोलन के समय ग्वालिया टैंक मैदान मे भाग लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप मे आपने शुरुआत की तबसे अंतिम श्वास तक कांग्रेस के निष्ठावान, सक्रिय कार्यकर्ता बने रहे. सन 1949 मे ग्राम पंचायत के सदस्य के रूप मे पहली बार म्हात्रे साहब निर्विरोध चुन कर आये थे.

सन 1957 मे आप जब भाईंदर ग्राम पंचायत के उप सरपंच थे, तब आपके कार्य काल मे गटर , स्ट्रीट लाइट , सीमेंट कंक्रीट रोड , प्रसृति गृह , हॉस्पिटल का निर्माण हुआ था.

विधायक श्री ईश्वर भाई पारिख के प्रयास तथा नमक व्यापारी संघ के आर्थिक सहयोग से सन 1967 मे मुंबई महा नगर पालिका से प्रति दिन 60 हजार गेलन पानी भाईंदर को मिलने लगा इसका उद्घाटन श्री भाऊराव वर्तक ने किया उस समय श्री म्हात्रे साहब भाईंदर के सरपंच थे.

सन 1962 मे सरपंच श्री चंदूलाल शेठ का निधन हुआ तो श्री म्हात्रे साहब को सरपंच पद पर चुना गया. उसके बाद ठाणे तालुका पंचायत समिति मे निर्विरोध रूपसे सदस्य चुना गया. सन 1967 मे ठाणे तालुका पंचायत समिति के सभा पति पद पर निर्विरोध चुनाव के बाद आपके कार्य को देखते दुबारा सन 1978 तक सभा पति पद पर चुना गया.

भाईंदर सहकारी सेवा सोसाइटी के संस्थापक सदस्य तथा सन 1950 मे उसके सेक्रेटरी पद पर कार्य किया. सन 1962 से सन 1979 तक ठाणे जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक मे संचालक के रूप मे आपने कार्य किया. आपने ठाणे तालुका अल्प बचत एजेंट के रूप मे सन 1976 से सन 1996 तक करीब 20 साल से ज्यादा समय तक काम किया. श्री म्हात्रे साहब ने न्यू भारत मीठ उद्पादक सहकारी संस्था के सदस्य पद पर रहते सहरानीय कार्य किया.

महाराष्ट्र शासन ने उन्हें विशेष कार्यकारी दंडाधिकारी नियुक्त करके सम्मानित किया गया. आपने सन 1972 से करीब 15 साल से अधिक समय तक भाईंदर शेतकरी शिक्षण मंडल संस्था के अध्यक्ष पद सफल रुप से कार्य किया.

श्री कृष्णा.म्हात्रे साहब एक अनुभवी समाज सेवक थे. आपने गरीब , अपंग, आदिवासी, समाज मे दबे हुए लोगों के लिये निस्वार्थ भाव से कार्य किया. आप का लायंस क्लब भाईंदर सहित कई संस्थाओ द्वारा उनका सम्मान किया गया है.

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श्री गंगाधर गाड़ोदिया.

नगर संघ चालाक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ.

गाड़ोदिया परिवार आजसे करीब 160 साल पहले मारवाड़ से यहां आकर भाईंदर पश्चिम पुराना गांव मे बसे थे. गाड़ोदिया परिवार जब भाईंदर मे पधारे उस वक्त यहां पर कच्चे कवेलू के घर थे.गंगाधर गाड़ोदिया के पिताजी लादूराम जी गाड़ोदिया ने मारवाड़ से कारीगर लाकर संवत 2000 मे प्रथम आर सी सी बिल्डिंग बनाई थी.

उस समय गांव मे पानी, रोड, गटर, लाइट, दवाखाना जैसी जन सुविधा का अभाव था. लोग कुए का पानी पीते थे.

जन समस्या को देखते भाईंदर मे नमक उत्पादको का एक ट्रस्ट बनाया गया. और ट्रस्ट के पैसों से उन्होंने श्री राम मंदिर का वर्तमान 155 साल पुराना राममंदिर का निर्माण किया.

टेम्भा स्थित पुराना प्राथमिक उपचार केंद्र शुरू करवाने मे गाड़ोदिया परिवार का सहरानीय योगदान रहा. भाईंदर गांव की एक गली को लोग आज भी ” मारवाड़ी गली ” के नामसे पुकारते है.

गंगाधर गाड़ोदिया के अनुसार तब यातायात के कोई साधन नहीं थे. लोग पैदल या नाव की सवारी करके गंतव्य स्थान तक पहुंचते थे. कई साल बाद यहां बैलगाडी और घोड़ा गाड़ी चलने लगी. सन 1957 मे भाईंदर गांव मे अंथोनी गोम्स की घोड़ागाड़ी चलती थी.

नगर संघ चालाक राष्ट्रीय स्वयं संघ के श्री गंगाधर जी गाड़ोदिया के अनुसार उत्तन रोड स्थित विध्यमान केशव सृस्टि प्रकल्प राष्ट्रीय स्वयं संघ का महत्वकांक्षी बड़ा प्रकल्प है जिसके लिये भारत सरकार के गोल्ड मेडलिस्ट तथा मुंबई के डॉ. अर्जीके ने 200 एकड़ जमीन राष्ट्रीय स्वयं संघ को दान मे दी है.

आज यह प्रकल्प वटवृक्ष की तरह फैला हुआ है. यह प्रकल्प पहाड़, समुद्र, नदी नाले हजारों नयनरम्य हरे भरे पेड़ से घिरा हुआ कश्मीर जैसा उपवन है. इसके तत्वविधान मे निवासी राम रतन विद्यालय चलाई जा रही है जो 20 एकड़ मे फैली हुई है. यहां प्रवेश द्वार पर श्री हनुमान मंदिर भाविक भक्तों के लिये दर्शनीय है. यहां का खूबसूरत नजारा प्रेक्षणीय है.

——=== शिवसर्जन ===——

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