पुराने भाईंदर गांव की बीती हुई यादे | Part V

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स्वतंत्रता सैनानी श्री आगुस्टीन कोली.

पुराने भाईंदर वासियों मे श्री आगुस्टीन कोली का नाम आदर के साथ लिया जाता है. उत्तन गांव के मूल निवासी आगुस्टीन जी की माध्यमिक शिक्षा वसई पापड़ी के थॉमस बेप्टिस्टा हाई स्कूल मे हुई. सन 1941 मे मेट्रिक परीक्षा पास करके नौकरी करते हुए स्नातक तक की पढाई की.

स्थानीय ग्रामस्थ लोगोने उन्हें उत्तन मे हाई स्कूल खोलने की जिम्मेदारी दी थी. और सेंट जोसेफ हाई स्कूल उत्तन के ये पहले मुख्याध्यापक बने और पूरी महेनत करके एस एस सी के पहले बैच का परिणाम 94 प्रतिशत लानेमें सफलता हासिल की.

उनकी कदर करते हुए उत्तन के लोगों ने उन्हें 17 साल तक सरपंच के रूपमें चुन लिया गया. आप बोरीवली तालुका कोरा ग्राम उद्योग केंद्र के सदस्य , ठाणे तालुका प्री एक्सटेंशन कमिटी सदस्य, पंचयात समिति सभापति पद पर बडी निष्ठा के साथ काम किया.

उनके कार्यकाल मे डोंगरी ग्रामपंचायत की स्थापना , उत्तन लाइट हाउस , पाली चौक रास्ता. मोरवा पूल , स्टेला मारिया हॉस्पिटल , उत्तन गोराई रोड आदि विकास के कार्य को प्रगति प्रदान की.

मच्छीमारी करने वाले युवकों के लिये उन्होंने दरियाई तट पर, ” तैरता हुआ वाचनालय ” शुरू किया. आप कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्त्ता थे. स्वाधीनता संग्राम , नमक सत्याग्रह मे सक्रिय भाग लिया.

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श्री सदाशिव मुकुंद तेंदुलकर.

कुछ लोग अपने लिये जीते है तो कुछ लोग समाज के लिये जीते है. ऐसे ही समर्पित भाव से सेवा करने वाले समाज सेवी श्री सदाशिव मुकुंद तेंदुलकर जी के बारेमें आज कुछ बाते आप के साथ शेयर करनी है.

राई, मूर्धा, मोरवा ग्रामपंचायत की स्थापना के बाद आपमें लगातार 24 साल तक जन हित का कार्य बडी लगन के साथ किया. उस समय आपने 5 साल तक डिप्टी सरपंच और 6 साल तक सरपंच पद पर कार्य किया.

भाईंदर सेकेंडरी स्कूल के सेक्रेटरी पद पर सात साल कार्य किया. दो साल आप राई गांव की विविध कार्यकारी सेवा संस्था के चेयरमैन पद पर रहे. आपने धारावी देवी जीर्णोद्धार समिति के सभासद तथा धारावी देवी माता मंदिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष पद पर लगातार 15 साल तक कार्य किया.

आपने आदर्श विद्या मंदिर स्कूल के कोषाध्यक्ष पद पर 7 सालसे ज्यादा वक्त तक सेवा कार्य किया. आपने नमक उत्पादक छोटे शिलोत्री संघ के अध्यक्ष पद पर 5 साल तक कार्य किया. आपने, ” ठाणे तालुका खरीद विक्री संघ ” के सभासद पद पर 5 साल काम किया.

आपने राई गांव मे एम्बुलेंस आदि वाहनों के लिये नया रास्ता बनवाया जिसका नाम, ” कै. यशवंत मास्टर रोड ” रखा गया है. आपने अपने कार्यकाल मे पानी, रोड, गटर, बस सेवा तथा स्ट्रीट लाइट का काम किया तथा सरपंच रहते राई गांव का श्मशान रोड बनाया. ऐसे महान विकास पुरुष को आदर के साथ सैलूट.

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स्व: श्री जे.बी.सी. नरोना.

स्व: श्री जे. बी. सी. नरोना नाम आपके लीये नया हो सकता हैं , मगर जो मिरा भाईन्दर में सत्तर के दशक के प्रारंभ से रहता हो और राजनित में रूचि रखने वाले सभी लोगोमे नरोना साहब का नाम मान , सम्मान और आदर के साथ लिया जाता हैं.

भाईन्दर के लोगप्रिय समाचार पत्र ” भाईंदर भूमि ” ने तो इस महान व्यक्ति को , ” भाईन्दर के विकास का प्रथम चिराग ” के नाम से संबोधिक किया था. आज जो भाईन्दर आपको विकसित दिखाई दे रहा हैं इसमें अनेको लोगोंका अवं सामाजिक संस्थाओ का महा योगदान रहा हैं. इसमें एक नाम श्री नरोना जी का भी जुगनू की तरह चमकता दिखाई देता हैं. आप भाईन्दर विकास के नींव का पत्थर समान हैं.

श्री जॉन बाप्टिस्ट सिजितन नरोना का जन्म 26 जून 1891 में के दिन यहाके प्रतिष्ठित क्रिश्चियन परिवार में हुआ. नरोना का परिवार आजसे 150 साल पहले वसई से भाईन्दर आकर बसा था. उनका परिवार मच्छीमारी का जहाज ( दूंगी ) अवं छोटी बड़ी नाव बननेमें कुशल था. काष्ठकारी ( लकड़े ) की निपुणताके के लिये कई बार उनको सम्मानित भी किये गये थे.

सन 1934 में उन्हें ठाणे जिला लोकल बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया गया. सरकारी चिकित्सालय कमिटी के आप छह साल चेयरमैन रहे.

तत्कालीन गवर्नर सर फ्रेडिक साइक ने जो ग्राम विकास योजना बनाई थी उसीके अंतर्गत , ” विलेज अपलिफ्ट कमिटी ” की स्थापना की गयी. दस सदस्यों की इस कमिटी में श्री आनंदराव गणपति राव रकवी को चेयरमैन तथा श्री नरोना जी सेक्रेटरी नियुक्त किये गये.

14 अक्टूबर 1936 में तत्कालीन जिलाधिकारी खान बहादुर शैख़ से मिलकर भाईन्दर के प्रतिनिधि मंडल ने बताया की भाईन्दर ठाणे शहर के स्तर का हैं मगर ग्राम पंचायत न होनेकी वज़ह से रोड , गटर , स्ट्रीट लाइट , पानी, सार्वजानिक टॉयलेट नही हैं. सरकार यहा ग्राम पंचायत बनानेकी मान्यता नही दे रही हैं..

बादमे भाईन्दर वासी ओने धन एकत्रित करके महिला ओके लिये तीन टॉयलेट अवं 30 स्टीट लाइट के खम्भे लगाये. जब 7 मई 1938 में मुंबई के पहले कोंग्रेसी मंत्री बाला साहेब गंगाधर खेर भाईन्दर पधारे तो उनके स्वागत समारोह में नरोना जी ने यहा ग्राम पंचायत स्थापन करने का निवेदन किया. बादमे……

ग्रामपंचायत की स्थापना :

सन 1942 में भाईन्दर गाँव, गोड़देव , नवघर , खारीगाव, बंदरवाड़ी , ग्रुप ग्राम पंचायत की स्थापना की गयी और प्रथम सरपंच के रूप में श्री नरोना साहब की नियुक्ति हुई. और शुरुआत हुयी विकास के नये युग की.

सन 1962 की साल में भाईन्दर ग्रुप ग्राम पंचायत से नवघर , गोड़देव , खारीगाँव , बंदर वाड़ी को अलग करके भाईन्दर पूर्व में अलग , ” नवघर ग्रुप ग्राम पंचायत की स्थापना की गयी.

शिल्पकार नरोना जी ने अनेकों सामाजिक संस्था ओके पदाधिकारी रहकर निष्ठा से समाज सेवा की. आप अवर लेडी ऑफ़ नाज़रेथ चर्च स्कूल कमिटी के कोषाध्यक्ष तथा भाईन्दर केथोलिक असोसिएशन के सभी पदों पर रहे. ठाणे एक्ससाइज एडवाइजरी कमिटी के सदस्य , सेंट जोसेफ ड्रामेटिक क्लब के अध्यक्ष पद पर रहे.

नरोना जी ने अनेक देशो की यात्रा करके अनुभव लिया. वृद्धावस्था तक काम करते 80 साल की उम्र में 1 फरवरी 1971 मे शरीर त्याग कर प्रभु येशु की अमर आत्मज्योति में विलीन हो गये. ऐसे महान सेवाभावी आत्मा को सत सत प्रणाम.

——=== शिवसर्जन ===——

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