सेठ श्री गिल्बर्ट मेंडोसा.
राष्ट्रवादी कांग्रेस को मिरा भाईन्दर क्षेत्र में मजबूत बनानेका बहुमान श्री गिल्बर्ट मेंडोसा के नाम जाता हैं. सेठ के नामसे प्रसिद्ध श्री गिल्बर्ट मेंडोसा के पिताश्री जॉन मेंडोसा समाज सेवी थे. सेठ का बचपन भाईन्दर पश्चिम स्थित राव तालाब के नजदीक बिता हैं.
बचपन में शरारती स्वभाव के रहे सेठ गिल्बर्ट मेंडोसा का जन्म ता : 9 अक्टूबर 1952 के दिन किसान परिवार में हुआ था. आप पुराने भाईन्दर गाँव में ग्रामपंचायत के सदस्य अवं ” सरपंच ” पद पर कार्य कर चुके हैं.
मिरा भाईन्दर नगर पालिका परिषद का 50 वार्डों में नगर सेवको के लिये 24 नवम्बर 1991 के दिन आम चुनाव संपन्न हुए थे. उस समय भाईन्दर ( पूर्व ) ग्रुप ग्राम पंचायत के माजी सरपंच श्री परशुराम दामोदर पाटील का भाईन्दर (पूर्व ) में दबदबा था.
बताया जाता हैं की प्रथम नगर अध्यक्ष बनने के लिये श्री परशुराम सेठ ने रातो रात अनेक नगर सेवको का समर्थन लेने तन , मन, धन से प्रयत्न किये, लाखो का जुगाड़ हुआ, फिर भी 17 दिसंबर 1991 के दिन श्री गिल्बर्ट जॉन मेंडोसा ने चुनाव जीतकर प्रथम नगर अध्यक्ष बनने का बहुमान प्राप्त किया था.
नगर अध्यक्ष का चुनाव जीतते ही उसने अपने विश्वसनीय साथी ओको काम पर लगाया. अनेक शोषित लोगों को न्याय देनेमे मदद की. और गरीबो के मसीहा के रूप में प्रसिद्ध हुए. तो कुछ असंतुष्ट लोगों ने उसे गुंडा कहकर बदनाम किया. सरकारी मामलोंमें उलझे रहे मगर आज भी ” शेरदिल ” जिंदगी जी रहे हैं. आपकी बेटी कटरीना अवं पत्नी स्व : मायरा मेंडोसा नगर अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं.
भाईन्दर क्षेत्र के प्रथम आमदार बननेका बहुमान आप ही के खाते में जाता हैं. आपसी मन मुटाव की वज़ह से आप ने राष्ट्रवादी से शिवसेना पार्टी में अपने सभी समर्थको के साथ प्रवेश किया हैं.
आपके शुरू के कार्यकाल में रोड , गटर स्ट्रीट लाइट , नगर नगरभवन , नगर पालिका कार्यालय, मैदान, चौपाटी आदि का निर्माण हुआ. तब भाईन्दर अनेक जन समस्या से हैरान परेशान था. पानी की किल्लत से लोग परेशान थे.
सन 1984 में जब भिवंडी में हिन्दू मुसलमान दंगे हुए उसकी असर भाईन्दर पूर्व में भी हुयी. भाईन्दर पूर्व प्रशांत होटल से विजय पंजाब होटल तक रात को हुए दंगो में 14 लोगों की जान चली गयी थी , मगर गिल्बर्ट जोन मेंडोंसा की धाक की वज़ह से भाईन्दर पश्चिम सलामत रहा. जब तक सेठ ने राज़ किया यहाका माहौल शांत और सलामत रहा.
भूमि पुत्र गिल्बर्ट सेठ अपने कार्यकर्ता ओको दिलों जान से चाहता हैं. प्रथम नगर अध्यक्ष बनने के कुछ महीने बाद , एक दिन मेरे मित्र लाल साहब, ऊर्फ गुरूजी ने उसे बताया की सेठ इस वक़्त आप मिरा भाईन्दर में बहोत सहरानीय काम कर रहे हैं मगर आपके कुछ साथीओ की बेहूदी हरकतों की वज़ह से आप बदनाम हो रहे हैं ,
इसपर उत्तर देते सेठ ने बताया , कि जिस समय में संघर्ष कर रहा था, तब यही लोगोने मुझे रात दिन महेनत करके यह मुकाम तक पहुंचाया हैं. आज जब मैं सर्वोच्च स्थान पर बैठा हुँ तो मेरे साथी मेरा नाम का उपयोग करते हैं तो मुझे क्यों ऐतराज होना चाहिए….?.
सेठ अपने कार्यकर्त्ता ओको ही अपनी शक्ति समजते है. दिलो जान से प्यार करते थे. कदर करते थे.
सेठ पर जमीन माफिया लॉबी के साथ संबंध होने के तथा जमीन सेटलमेंट के नाम पर करोड़ों रुपिये कमाने के आरोप हैं. तो दूसरी और सेठ का नाम, मान सम्मान और आदर के साथ लिया जाता हैं.
भाईन्दर पूर्व में भारतीय जनता पार्टी के श्री नरेंद्र महेता के उभरने के बाद में भी सेठ के समर्थक को में उत्साह की कमी नही दिखाई दे रही हैं. पूर्व में भले ही श्री महेता जी का पल्ला भारी हो मगर आज भी मूर्धा , राई , मोरवा , डोंगरी , उत्तन , पाली , चोक , अवं भाईन्दर के कुछ भागो में गिल्बर्ट सेठ का वर्चस्व कायम हैं.
नरेंद्र महेता पर भ्रस्टाचार के कई आरोप लगे है. उसके विरोधीओ भी कम नही हैं. पार्टी का आपसी विवाद भाजपा के लिए दीमक बन शकता हैं.
यहा पर उल्लेखनीय हैं की श्री नरेंद्र महेता जी को राजनित में प्रथम साथ देने वाले में श्री गिल्बर्ट मेंडोसा का ही हाथ हैं.
सेठ के शिवसेना में प्रवेश के बाद शिवसेना का पल्ला भारी जरूर हुआ हैं मगर आगे राजनीत कैसे करवट बदलती हैं , किस पार्टी से किस पार्टी का गठबंधन होता हैं, या नही होता हैं, उस पर उम्मीदवार का भावी नक्की होगा. अब समीकरण कैसा बनता हैं उसके उपर अवं मतदाता के मूड पर परिणाम निर्भर होगा.
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श्रीमती रीना नरेंद्र महेता.
( पूर्व पार्षद मिरा भाईंदर )
अस्सी के दशक मे मिराभाईन्दर विविध जनसमस्याओं से त्रस्त था. ता : 12 जुन 1985 में नगर पालिका की स्थापन हुई थी. आज के अनुपात में उस समय मे महिला कार्यकर्त्ता राजनीत में कम ही दिखाई देती थी. ऐसे में श्रीमती रीना नरेंद्र महेता जी ने कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्त्ता के रूपमें विकास के कार्यो को गति प्रदान की थी.
सन 1997 मे मिरा भाईंदर नगर पालिका के हुए आम चुनाव में आप भाजपा की नजदीकी प्रतिस्पर्धी समाज सेविका श्रीमती शाह रक्षा सुरेश को मिले 629 मतों के सामने, मंच से 861 मत हासिल करके आपने जीत हासिल की थी.
उसके बाद आपकी महिला बालविकास समिति की सभापति के रूपमें नियुक्ति की गई थी. जब स्व : श्री प्रफुल्ल पाटील नगराध्यक्ष थे तब उनके साथ मिलकर भाईंदर के विकास को गति प्रदान की थी.
मॅक्सस मॉल के सामने स्थित रीना महेता कॉलेज इन्ही की देन है..
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