पृथ्वी पर विनाशकारी भूकंप| Earthquake

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भूकंप का नाम सुनतेही आंखों के सामने बर्बादी , घर , इमारतों का ध्वंस होना. कई लोगोंकी जान जाने की वारदात स्मृति पट पर उभर आती है. भूकंप एक कुदरती आपदा है. 

       बीते दिनों मे महाराष्ट्र के कोयना – लातूर एवं गुजरात के भुज के भूकंप की बर्बादी हम लोगोने देखी है. हमारे हजारों लोगों को हम लोगोने खोया है. भाईंदर ने भी कई बार छोटे छोटे भूकंप आ चुके है मगर कुछ इमारतों को थोड़ा नुकसान के शिवा कोई जान हानि नहीं हुई थी. 

      26 जनवरी 2001 मे जब सारा देश गणतंत्र दिन मना रहा था, तब खुशी के अवसर पर गुजरात का कच्छ मे मातम छा गया था गुजरात कच्छ के भुज से 29 किलोमीटर और भचाऊ तहसील से 9 किलोमीटर की दुरी पर सुबह 8 बजकर 46 मिनट पर रिएक्टर स्केल पर 7.7 की तीव्रता का जोरदार भूकंप आया था, जिसमे 20 हजार लोगोंकी मौत हो गयी थी और 167000 लोग घायल हुए थे. और 4 लाख मकान की तबाही हुई थी. 

    इस भूकंप मे 450 गांव का नामोनिशान मिट गया, भूकंप की असर 700 किलोमीटर तक हुई और 21 जिलेके 6 लाख लोग बेघर हुये.इसका झटका पाकिस्तान तक पंहुचा और वहां 18 लोगोंकी मौत हो गईं. 

        रिएक्टर स्केल पर 7 का भूकंप को बड़ा माना जाता है. जिसमे ज्यादा जानहानी – तबाही होती है. पृथ्वी की सतह परतों पर हिलचाल होने से भूकंप आते है. समुद्र मे जो भूकंप आते है उसे सुनामी कहते है. ऐसा होने पर समुद्र का पानी आजु बाजु के किनारे की तरफ बढ़ जाता है. और सैलाब घरों को और पड़ी चीजों को बहाकर ले जाती है. इसमे धन और जन हानि काफ़ी मात्रा मे होती है. 

     भूकंप की आगामी चेतावनी पशु पक्षी ओको पहले आ जाती है. घोड़ा ही….ही… करके चिल्लाने लगता है. पक्षी आसमान मे उड़कर चिल्लाने लगते है. गाय, भैंस पागल की तरह इधर उधर दौड़ कर हरकते करती है. हर साल 20, 000 भूकंप आते है मगर उसमेंसे सिर्फ 100 भूकंप खतरनाक होते है जिसमे धन और जान हानि होती है. 

      तारीख 22 मई 1960 मे चिली मे आया भूकंप अब तक का सबसे बड़ा भूकंप रहा. रिएक्टर स्केल पर उसकी तीव्रता 9.5 नापी गईं थी. उसके बाद तारीख 28 मार्च 1964 मे यूनाइटेड स्टेट मे आया भूकंप की तीव्रता 9.2 मेग्निट्यूड नापी गईं थी. दो या तीन रिएक्टर स्केल का भूकंप हल्का माना जाता है जबकि 6 से उपर का भूकंप शक्ति शाली माना जाता है. 

     ज्वालामुखी या न्यूक्लियर टेस्टिंग वजह से भी भूकंप आते है. जापान मे सबसे ज्यादा भूकंप आते है अतः वहां के घर भूकंप प्रूफ बनाये जाते है. बिल्डिंगो का स्ट्रक्चर भी इस तरह का बनाते हे की वो भूकंप के झटके सह सके. उनको भूकंप की आदत पड़ गयी है. 

      सन 1556 मे शांसी चीन मे आया भूकंप मे कुल मिलाकर 8, 30, 000 लोग मारे गये थे. ये दुनिया का सबसे ज्यादा विनाशक भूकंप था. सन 2004 मे हिन्द महासागर मे आया भूकंप 10 मिनट चला था. भूकंप की तीव्रता मापने वाली रिएक्टर स्केल का विकास अमेरिकन वैज्ञानिक चार्ल्स रिएक्टर ने सन 1935 मे किया था. 

     भूकंप से लोग नहीं मरते मगर भूकंप की वजह से घरों का गिरना ही मृत्यु का निमित्त बनती है. 

     भूकंप की परिस्थिति मे धर से बाहर खुली जगह या मैदान मे जानेकी कोशिश करें. यदि खुली जगह ना हो तो धर मे ही रहना चाहिए. भूकंप के बाद कभी आफ्टर शॉक आते है तो कुछ समय तक बाहर सुरक्षित जगह पर रहे. अफवाह पर ध्यान ना दे. बीमार, बुजुर्ग की सहायता करें. 

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                       शिव सर्जन प्रस्तुति.

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