प्रभावशाली और अलौकिक नागमणि.

Leonardo Phoenix a serpents head emerging from a dark mystical 2

आपने कभी नागमणि का नाम सुना हैं ? नागमणि जिसे सर्पमण‌ि भी कहा जाता हैं. यह विशेष नाग के स‌िर पर स्‍थ‌ित होती है. नागमणि में इतनी चमक होती है कि जहां यह होती है वहां पर आस-पास तेज रोशनी फैल जाती है. नागमणि मोर के कंठ के समान और अग्नि के समान चमकीली दिखती है. नागमणि अन्य मणियों से अधिक प्रभावशाली और अलौकिक होती है.

मणि का अर्थ होता है एक चमकता हुआ पत्थर. लेकिन इसकी चमक इतनी तेज होती है कि टूटते हुए तारे और हीरे की चमक भी फीकी पड़ जाती है. कहा जाता है कि जिसके पास मणि होती है उसकी किस्मत रातों रात चमक जाती है और वह संसार का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बन जाता है.

मगर वैज्ञानिक लोग नागमणि की संभावना से इनकार करते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसी कोई चमकीली धातु नाग के सिर में नहीं पाई जाती है. उन्होंने कहा कि सिर्फ काल्पनिक कहानियों में लोग सांप और नागमणि के किस्से का जिक्र करते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि ना तो नागमणि होती है, ना ही सांपों के पास कोई ऐसा रत्न होता है, जिसमें अलौकिक शक्तियां होती हैं. ये सिर्फ एक बनी बनाई बात है.

पुराणों में नागमणि का जिक्र :

कुछ पौराणिक कहानियों में नागमणि का जिक्र मिलता है. पुराणों में नागलोक का जिक्र है, जहां सांप, अपनी इच्छा से रूप बदल सकते हैं. पुराणों में लिखा है कि महाराज जनमेजय को डंसने वाले नागराज तक्षक भी इंसान का रूप रख सकते थे. इसके अलावा पुराणों में सर्प मणि के भी प्रसंग सामने आते है.

कहते हैं कि नागमणि में अद्भुत चमक होती है, वहीं जिसके पास यह मणि होती है, उसे अलौकिक शक्तियां मिल जाती हैं. मगर इसका अभी तक कोई प्रमाण नहीं मिला है.

प्राचीन कथाओं में यह भी कहा जाता है कि वराहमिहिर ने वृहत्ससंहिता में बताया है कि पहले जिस राजा के पास भी नागमणि होता था, वह अपने शत्रुओं पर हमेशा विजय प्राप्त करते थे. इतना ही नहीं ऐसे राजाओं के राज्य में हमेशा समय पर वर्षा होती थी और उनकी प्रजा भी हमेशा खुश रहती थी.

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार संसार में मणिधारी नाग की हयाती हैं. * ५४ वृहत्ससंहिता ग्रंथ के अनुसार, संसार में मणिधारी वाले दुर्लभ नाग होते हैं. लेकिन आज के दौर में मणि को लेकर लोग यकीन नहीं करते. जानते हैं नागमणी से जुड़े तथ्य और रहस्यों के बारे में….

भले आज के समय में नागमणि के बारे में लोग केवल कल्पना मात्र ही कर सकते हैं. हालांकि वेद, पुराणों, रामायण और महाभारत से जुड़ी कथा-कहानियों में चमत्कारिक मणियों का जिक्र मिलता है. पौराणिक कथाओं में सर्प के सिर पर मणि होने का उल्लेख किया गया है.

कहा जाता है कि नागमणि में अलौकिक शक्तियां होती हैं और नागमणि की चमक के आगे हीराे की चमक भी फीकी पड़ जाती है. धर्म ग्रंथ रामायण में ऐसा वर्णन मिलता है रावण ने कुबेर से चंद्रकांत नाम की मणि ले ली थी. जिसके बल पर वह शक्तिशाली हो गया. वहीं महाभारत ग्रंथ में अश्वस्थामा के पास एक मणि होने का उल्लेख किया गया है.

देवताओं के पास भी मणि होने का उल्लेख धर्म ग्रंथों में मिलता है. इसके अनुसार ब्रह्मा जी चिंतामणि को तथा भगवान विष्णु कौस्तुभ मणि को और महादेव रुद्रमणि को धारण किए होते हैं.

कहा जाता है कि जिसके पास नागमणि होती है, उसपर विष का प्रभाव नहीं पड़ता है. ऐसे लोग लोग कई रोगों से भी मुक्त रहते हैं.

वृहत्ससंहिता ग्रंथ में यह भी उल्लेख मिलता है कि स्वाति नक्षत्र में हुई वर्षा की बूंदें जब नाग के मुख में जाती है तो यह नागमणि बनती है. हालांकि इसका भी कोई प्रमाण नहीं मिलता है और ये बात भी रहस्य ही है.

ग्रंथों में नागमणि के साथ ही पारस मणि, नीलमणि, कौस्तुभमणि, चंद्रकांता मणि, स्यमंतक मणि, स्फटिक मणि, लाजावर्त मणि, घृत मणि, तैल मणि, भीष्मक मणि, उलूक मणि, उपलक मणि जैसे मणियों का उल्लेख मिलता है. ( समाप्त )

𝗗𝗜𝗦𝗖𝗟𝗔𝗜𝗠𝗘𝗥D :

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