प्रेस को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है और स्वतंत्र भारत में प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई ) ने शुरू में इस स्तंभ को एक मजबूत आधार प्रदान किया. पीटीआई की स्थापना ता : 27 फरवरी 1947 के दिन मद्रास में की गई, लेकिन एक फरवरी 1949 का दिन देश की पत्रकारिता के इतिहास में एक बड़ा मील का पत्थर बना गया , जब प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया ने ब्रिटिश संवाद समिति ‘रायटर्स’ की भारतीय इकाई एसोसिएटिड प्रेस ऑफ इंडिया का अधिग्रहण किया और समाचार संप्रेषण शुरू किया.
पी टीआई संस्था आज दुनियाभर में खबरों की गुणवत्ता और विश्वसनीयता के मामले में मिसाल खुद बन गई है.
प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) भारत की प्रमुख समाचार एजेंसी है, जिसकी पहुंच भारत के हर कोने तक है. इसमें भारत के लगभग हर शहर और छोटे कस्बे को कवर करने के लिए 600 से ज़्यादा पत्रकार और 800 स्ट्रिंगर काम करते हैं.
सामूहिक रूप से, उनके पत्रकार रोज 1,000 से ज़्यादा टेक्स्ट स्टोरी, लगभग 200 लाइव वीडियो, लगभग 130 रॉ वीडियो स्टोरी, 30 से ज़्यादा वॉयस वीडियो स्टोरी और करीब 250 फ़ोटोग्राफ़्स सहित विविध ग्राहकों की भूख को शांत करने के लिए प्रकाशित करते हैं, जिनमें मुख्यधारा का मीडिया, विशेष प्रेस, शोध समूह, कंपनियाँ और सरकारी और गैर-सरकारी संगठन शामिल हैं.
पीटीआई के संवाददाता दुनिया भर की प्रमुख राजधानियों और महत्वपूर्ण व्यापारिक और प्रशासनिक केंद्रों में भी स्थित हैं. इसने अपने वैश्विक समाचार पदचिह्न को बढ़ाने के लिए कई विदेशी समाचार एजेंसियों के साथ में आदान प्रदान व्यवस्था भी की है.वर्तमान में, पीटीआई भारत में समाचार एजेंसी बाजार के 90 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा रखती है.
पीटीआई ( PTI ) का पंजीकरण सन 1947 में हुआ था और इसने सन 1949 में काम करना प्रारंभ किया था. आज प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया अपने काम की विरासत और भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष मीडिया के निर्माण में अपने योगदान पर गर्व कर सकता है.
सन 1999 में अपनी स्वर्ण जयंती पर, राष्ट्रपति केआर नारायणन ने कहा : “हमें अगस्त 1947 में स्वतंत्रता मिली. लेकिन समाचार और सूचना के क्षेत्र में स्वतंत्रता हमें 1949 में पीटीआई की स्थापना के साथ ही मिली. यही पीटीआई का महत्व है.”
प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया भारत के बाहर स्थित 100 समाचार एजेंसियों जैसे एसोसिएटेड प्रेस,एजेंस फ्रांस-प्रेस, द न्यूयॉर्क टाइम्स और ब्लूमबर्ग एलपी सहित कई अन्य समाचार एजेंसियों के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान करती है. पीटीआई के प्रमुख भारतीय ग्राहकों में द हिंदू , द टाइम्स ऑफ इंडिया , द इंडियन एक्सप्रेस , हिंदुस्तान टाइम्स , द स्टेट्समैन, द ट्रिब्यून, न्यूज 18, NDTV इंडिया टुडे , दूरदर्शन, ऑल इंडिया रेडियो और द वायर शामिल हैं.
प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के बैंकॉक , बीजिंग , कोलंबो , दुबई , इस्लामाबाद , कुआलालंपुर , मॉस्को , न्यूयॉर्क सिटी और वाशिंगटन डीसी में कार्यालय हैं.
इसके वर्तमान अध्यक्ष अवीक सरकार हैं. वे एबीपी समूह के उपाध्यक्ष भी हैं.
वरिष्ठ पत्रकारों, समाचार-पत्र मालिकों और पंडित नेहरू तथा सरदार पटेल जैसे राष्ट्रीय नेताओं के बीच दो वर्षों के विचार-विमर्श और योजना के बाद, स्वतंत्र भारत की पहली राष्ट्रीय समाचार एजेंसी, प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया, ता : 27 अगस्त 1947 के दिन मद्रास में स्थापित की गई थी.
पीटीआई की कहानी वस्तुतः स्वतंत्र भारत की कहानी है. स्वतंत्रता प्राप्ति के समय, विदेशी दासता से मुक्त हुए एक पुनरुत्थानशील राष्ट्र के बारे में सूचना के उद्देश्यपूर्ण प्रसारक के रूप में स्वतंत्र भारत की अपनी राष्ट्रीय समाचार एजेंसी चलाने के विचार उभरे थे.
“राष्ट्रीय समाचार एजेंसी की अवधारणा का विकास भारत छोड़ो आंदोलन के दिनों से देश में व्याप्त स्वतंत्रता की भावना का प्रत्यक्ष परिणाम था. निर्भीक प्रेस दिग्गज और स्वतंत्रता सेनानी रामनाथ गोयनका जी कहते हैं कि “समाचार आपूर्ति के क्षेत्र में साम्राज्यवादी वर्चस्व को खत्म करने की इच्छा इस विकसित विचार के केंद्र में थी.”
हालांकि पीटीआई ने 1949 में अपना परिचालन शुरू किया, लेकिन इसकी उत्पत्ति 20वीं सदी के शुरुआती वर्षों में जाती है, जब एक उद्यमी भारतीय केशव चंद्र रॉय ने इसकी पूर्ववर्ती संस्था – एसोसिएटेड प्रेस ऑफ इंडिया (एपीआई) – की शुरुआत की. ब्रिटिश साम्राज्य की राजधानी में राजनीतिक संवाददाता के रूप में काम करने वाले पहले भारतीय, रॉय एक हाईस्कूल ड्रॉपआउट थे, जिन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में करियर बनाया और एक प्रतिष्ठित पत्रकार के रूप में केंद्रीय विधान सभा के मनोनीत सदस्य बने.
लाहौर के द ट्रिब्यून, बॉम्बे के इंडियन डेली मेल और कलकत्ता के अमृत बाजार पत्रिका सहित एक समय में एक से अधिक समाचार पत्रों के लिए काम करते हुए, रॉय ने अपने काम को जारी रखने के लिए यूरोपीय पत्रकारों के साथ समाचार पूलिंग व्यवस्था करना आसान पाया. इस अनुभव से ही रॉय के मन में एक समाचार एजेंसी का विचार आया.
हालांकि इसके जन्म का सही समय कुछ अस्पष्ट है, लेकिन ग्राहम स्टोरी की पुस्तक ‘रॉयटर्स सेंचुरी: 1851-1951’ के अनुसार, इसकी शुरुआत 1910 में हुई थी. केसी रॉय ने अंततः 1919 में भारतीय स्वामित्व वाली घरेलू समाचार एजेंसी चलाने का अपना साहसी प्रयास छोड़ दिया और रॉयटर्स सरकार और भारत के समाचार पत्रों को विदेशी और घरेलू समाचारों का एकमात्र आपूर्ति कर्ता बन गया.
रॉयटर्स के स्वामित्व वाली लंदन स्थित ईस्टर्न न्यूज एजेंसी ने केवल एसोसिएटेड प्रेस ऑफ इंडिया नाम का उपयोग किया. एपीआई को एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में पंजीकृत किया जाना था, जो कि रॉयटर्स के पूर्ण स्वामित्व में थी, बहुत बाद में सितंबर 1945 में. पीटीआई के शेयरों की शुरुआत में सदस्यता लेने वाले सात व्यक्ति थे……
के श्रीनिवासन, संपादक, ‘द हिंदू’, मद्रास, खासा सुब्बा राव, संपादक, ‘स्वतंत्र’, मद्रास, एसएस वासन, संपादक, ‘द आनंदविकटन’, मद्रास, एस सदानंद, प्रबंध संपादक, ‘फ्री प्रेस जर्नल’, बॉम्बे, सीआर श्रीनिवासन, संपादक, ‘स्वदेशमित्रन’, मद्रास, एए हेल्स, संपादक और निदेशक, ‘द मेल’, मद्रास और एसवी स्वामी, संपादक, ‘फ्री प्रेस’, मद्रास.
सन 1952 में स्वतंत्र भारत के पहले आम चुनाव, एक वर्ष पूर्व प्रथम एशियाई खेल, 1962 में चीन के साथ युद्ध, 1964 में पंडित नेहरू की मृत्यु, 1969 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का महान विभाजन, 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का जन्म हुआ, 1974 में भारत का पहला परमाणु परीक्षण, 1975 में आपातकाल, 1980 के दशक में पंजाब में आतंकवादी हिंसा, 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या तथा 1990 के दशक की उत्तेजक घटनाएं, सभी की रिपोर्टिंग पीटीआई के पत्रकारों द्वारा विस्तार से की गई, जिनमें से अधिकांश ने अपना नाम गुप्त रखा.
आज PTI टेली प्रिन्टर सर्विस के अलावा यह एजेंसी कम्प्यूटर संगणक की सहायता से भी समाचार देती है.
भारत की सबसे बड़ी समाचार एजेंसी हैं. आज 500 समाचार पत्र व बीसीयों विदेशी समाचार समिति जुडी हैं. तथा
अपनी स्वयं की उपग्रह डिलीवरी इनसेट उपग्रह पर एक ट्रांसपोंडर के जरिये समाचार सीधे ग्राहक तक
इंटरनेट के जरिये भी समाचार पंहुचाता हैं. उनके पास करीब 1300 कर्मचारी, जिनमें 350 पत्रकार हैं.
देश में 80 कार्यालय व विदेशों के प्रमुख शहरों में संवाददाता कार्य कर रहे हैं. 350 स्ट्रिंगर हैं. 20 अंशकालिक संवाददाता हैं.