” बुल्गारिया ” यहां दुल्हन बिकती है.

bulgariya bribe market

शादी पति पत्नी के बिचका एक पवित्र बंधन है. कहा जाता है , ये सात जन्म तक होता है. हर जाती में अलग अलग रिवाज़ होते है. मगर बुल्गारिया में एक ऐसा शहर है , जहां दुल्हनों की “मंडी” लगती है. माता-पिता खुद बोली लगाकर दुल्हन को बेचती है.

इस अनोखा रिवाज को निभाने वाली क्लाइजिस कम्युनिटी है जिन्हें अपने इस रिवाज पर बहुत गर्व है. यह कम्युनिटी मूलत: तांबे और पीतल की मूर्तियां बनाने का काम करती है. उनके हिसाब से लड़के और लड़कियां दोनों के लिए ही यह रिवाज फायदेमंद है. इस रिवाज के जरिए गरीब परिवार के लोग अपने बच्चों की शादी बहुत ही अच्छी तरह से करवा सकते हैं.

इस रिवाज़ की खास बात ये होती है कि इस समुदाय के लोगों के अलावा कोई बाहरी व्यक्ति दुल्हन नहीं ख़रीद सकता है. बाज़ार में लड़कियों के साथ में उनके परिवार के लोग भी आते हैं. हमारे भारत देश में लड़के वाले दहेज लेते हैं लेकिन यहाँ परम्परा उल्टी है. यहाँ पर लड़की वाले दहेज के रूप में रक़म लेते हैं. बाज़ार में लड़के को पसंद आयी लड़की को ही परिवार वालों को अपनी बहु मानना पड़ता है.

बुल्गारिया की स्तारा जागोर नाम की जगह पर दुल्हनों की ये मंडी साल में चार बार सजती है. जहां बच्चोंकी शादी बहुत ही अच्छी तरह से कर सकते हैं. ये मेला उन गरीब परिवारों द्वारा लगाया जाता है जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होती है. जो लोग अपनी बेटी की शादी का ख़र्च नहीं उठा सकते हैं.

बाज़ार में लड़कियों को दुल्हन की तरह सजाकर लाया जाता है. यहाँ लगभग हर उम्र की महिलाएँ बिकती हैं. यहाँ दुल्हन ख़रीदने के लिए अक्सर लड़के के साथ उसके परिवार वाले भी पहुँचते हैं.

पहले लड़का अपनी पसंद की लड़की का चुनाव करता है, फिर बाद में उसके साथ बातचीत करता है. लड़की पसंद आने के बाद उसे दुल्हन के रूप में स्वीकार कर लेता है और लड़की के परिवार वालों को तय रक़म देता है.

यहां दुल्हन बेचने और ख़रीदने का यह चलन सदियों से चल रहा है और इसपर कोई क़ानूनी रोक-टोक भी नहीं है. दुल्हनों का यह बाज़ार बुल्गारिया के कलाइदझी समुदाय के लोग लगाते है. ये एक अजीब रिवाज़ है मगर यहाके लोग इसे अपनी परंपरा मानते है.

बुल्गारिया की स्तारा जागोर नाम की जगह पर दुल्हनों की ये मंडी में शादीशुदा युवक भी दूल्हे बनकर पहुंचते हैं और अपने मनपसंद दुल्हन को ज्यादा से ज्यादा बोली लगाकर खरीदने की कोशिश करते हैं. आमतौर पर इस बाजार में बिकने वाली ज्यादा लड़कियां नाबालिग होती हैं. अधिकांश लड़कियों की उम्र मात्र 13 से 17 साल होती है.

बुल्गारिया कलाइदझी समाज के करीब 18000 लोग स्तारा जागोर में रहते हैं और इस समुदाय की लड़कियों को भी इस परंपरा से खास आपत्ति नहीं होती, क्योंकि उन्हें शुरू से ही मानसिक तौर पर तैयार किया जाता है. परंपरागत रूप से शादी होने के कारण किसी ने अभी तक इस परंपरा पर आपत्ति भी नहीं ली है. दरअसल इस समुदाय के लोग अपनी बेटियों को ज्यादा पढ़ाते नहीं है.

दुल्हनों की मंडी में ऐसी लड़की की बोली ज्यादा लगती है, जो दूल्हे को पसंद आ जाती है और साथ में घर का कामकाज भी अच्छे से जानती हो. इस बाजार में लड़कियों का सौदा 300 से 400 डॉलर तक में होता है. दुल्हनों के बाजार में पहुंचने के लिए ये लड़कियां कई दिनों पहले से ही तैयारी शुरू कर देती हैं ताकि बोली में ज्यादा से ज्यादा पैसा मिल सके.

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