भगवान विष्णु द्वारा वर्णित गरुड़पुराण.

garuda puran

” पुराण’ ” का शाब्दिक अर्थ होता है, “प्राचीन” या “पुराना”. आज मुजे बात करनी है, गरुड़ पुराण की जिसे श्री भगवान विष्णु जी ने पक्षीराज गरुड़ को मृत्यु के बारे में वर्णन किया है. गरुड़ पुराण एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें जन्म, मृत्यु , पुनर्जन्म, आत्मा, नीति – नियम, पाप – पुण्य, कर्म, धर्म और ज्ञान से संबंधित बातें बताई गई है.

शस्त्रों में कुल अठारह पुराण बताये गये हैं. (1) ब्रह्मपुराण, (2) पद्मपुराण, (3) विष्णुपुराण, (4) शिवपुराण, (5) भागवतपुराण, (6) भविष्यपुराण, (7) नारदपुराण, (8) मार्कण्डेयपुराण, (9) अग्निपुराण, (10) ब्रह्मवैवर्तपुराण, (11) लिंगपुराण, (12) वाराहपुराण, (13) स्कन्दपुराण, (14) वामनपुराण, (15) कृर्मपुराण, (16) मत्स्यपुराण, (17) गरुडपुराण, (18) ब्रह्माण्डपुराण.

कुल18 पुराणों में सबसे बड़ा पुराण स्कन्दपुराण है. यह पुराण शिव के पुत्र स्कन्द (कार्तिकेय, सुब्रह्मण्य) के नाम पर है. यह सबसे बडा पुराण है. इसमें कुल 91000 श्लोक हैं.

” गरुड़ पुराण ” में बताया गया है कि जब एक आत्मा शरीर त्यागती है, तब सबसे पहले वह यमलोक जाती है. वहां यमदूत 24 घंटे के लिए आत्मा को रखते हैं और व्यक्ति के कर्मों को देखा जाता है. 24 घंटे पूर्ण हो जाने के बाद आत्मा को पुनः अपने परिजनों के पास 13 दिनों के लिए भेज दिया जाता है, जहां उनका सम्पूर्ण जीवन बीता था. 13 दिन पुरा होनेपर आत्मा अंतिम बार यमलोक की तरफ प्रस्थान करती है.

गरुड़ पुराण के अनुसार 13 दिन पश्चात यमलोक के मार्ग में आत्मा को तीन मार्ग (1)स्वर्ग लोक, (2) नर्क लोक और (3) पितृ लोक मिलते हैं. कर्मों के आधार पर व्यक्ति को आत्मा को इन तीनों में से किसी एक लोक में स्थान मिलता है. अपने जीवन काल में यदि व्यक्ति धर्म और अध्यात्म के मार्ग पर चलता है तो उसे देवलोक की प्राप्ति होती है. जो कोई व्यक्ति अपने जीवन काल में कुकर्म करता है और भक्ति से दूर रहता है उसे नर्कलोक में ही स्थान मिलता है.

गरुड़ पुराण हमें यह भी बताता है कि कर्मों के आधार पर अगले जन्म में व्यक्ति किसी रूप में जन्म लेगा. जानते है किस तरह तय होता है अगला जन्म :

(1) महिलाओं का शोषण करने वाला :

जो लोग महिलाओं का शोषण करते या कराते हैं ऐसे लोग अगले जन्म में भयानक रोगों से पीड़ित होते है. वहीं अप्राकृतिक रूप से संबंध बनाने वाला अगले जन्म में नपुंसक, गुरु पत्नी के साथ दुराचार करने वाले लोग कुष्ठ रोगी होता है.

(2) धोखा देने वाला :

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जो मनुष्य छल, कपट और धोखा देते हैं वो अगले जीवन में उल्लू बनते हैं. वहीं झूठी गवाही देने वाला दूसरे जन्म में अंधा पैदा होता है.

(3) हिंसा करने वाला :

गरुड़ पुराण के अनुसार जो व्यक्ति हिंसा करके परिवार का पालन-पोषण करते हैं, जैसे लूटपाट, जानवरों को सताना या शिकार खेलने वाले अगले जन्म में किसी कसाई हत्थे चढ़ने वाला बकरा बनते हैं.

(4) परिवार को प्रताड़ित करने वाला :

माता-पिता या भाई-बहन को प्रताड़ित करने वाले मनुष्य को अगला जन्म तो मिलता है लेकिन वह धरती पर नहीं आ पाते क्योंकि उनकी मृत्यु गर्भ में ही हो जाती है.

(5) गुरु का अपमान करने वाला :

गुरु का अपमान यानी भगवान का अपमान. ऐसा करना नरक के द्वार खोलने जैसा है. गरुड़ पुराण में कहा गया है कि गुरु से कुतर्क करनेवाला शिष्य अगले जन्म में जल रहित वन में ब्रह्मराक्षस बनता है.

(6) पुरुषका महिलाओं जैसा व्यवहार :

यदि कोई पुरुष महिलाओं वाला आचरण करता है स्वभाव में महिलाओं वाली आदतें ले आता है तो ऐसे पुरुषों को अगले जन्म में स्त्री रुप मिलता है.

(7) मृत्य के समय भगवान का नाम :

अगर कोई मृत्यु के समय भगवान का नाम लेता है तो वो मुक्ति के मार्ग पर अग्रसर हो जाता है. इसलिए शास्त्रों में कहा गया है कि मरते समय राम का नाम लेना चाहिए.

(8) हत्या करने वाला :

स्त्री की हत्या, गर्भपात करने या कराने वाला भिल्ल रोगी, गाय की हत्या करने वाला मूर्ख और कुबड़ा, ये दोनों नरक की यातनाएं भोगने के बाद अगले जन्म चांडाल योनी में ही पैदा होते हैं.

गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु से कुछ समय पहले ही मरने वाले को मरने का आभास हो जाता है. गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु ने यह स्वयं बताया है कि मरने वाले व्यक्ति को कुछ दिन पहले से ही कुछ संकेत मिलने लगते हैं. ताकि वे इन संकेतोंको समझते हुए अपनी अधूरी इच्छाएं पूरी कर लें. परिजनों, संबंधियों, दोस्तों से मिल-जुल लें. क्योंकि माना जाता है कि जिनकी इच्छाएं अधूरी रह जाती हैं, तो ऐसे आत्मा को शांति नहीं मिलती है. इस लेख में जानते है, गरुण पुराण में बताए गए मौत के संकेत…

गरुण पुराण में बताए गए मौत के संकेत…

(1) जब किसी व्यक्ति के मृत्यु का समय करीब आता है तो उसे अपने यतीत के हर अच्छे-बुरे कर्म याद आने लगते हैं. हालांकि ये संकेत बहुत ही कम समय के लिए रहते हैं.

(2) माना जाता है कि जब मृत्यु करीब होती है, तो हाथों की लकीरें हल्की पडऩे लगती हैं. यहां तक कि कई बार मिटने भी लगती हैं.

(3) मृत्यु के कुछ दिन पहले सपने में पूर्वज नजर आने लगते हैं. यदि वे रोते हुए या उदास नजर आएं तो मानना चाहिए कि मृत्यु नजदीक है.

(4) जिस व्यक्ति की मृत्यु एक पहर में होने वाली है, तो उसे यमराज के दूत नजर आते हैं. ऐसे लोगों को कुछ नेगेटिव शक्तियों का भी अहसास होने लगता है.

(5) वहीं यदि व्यक्ति के मरने में केवल एक घंटा ही बचा है, तो वह इस बीच बेहोश हो जाता है. इससे शरीर में रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है और शरीर ठंडा पडऩे लगता है. यह संकेत मिलते ही परिजनों से अंतिम मुलाकात कर लेना चाहिए

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