भाईंदर विकास के शिल्पकार गुजराती| Part – XLXI

पत्रकार सदाशिव माछी

मीरा भाईंदर महा नगर पालिका क्षेत्र मे गुजराती समुदाय का भी विशेष योगदान रहा हे. गुजराती परिवार करीब 200 साल पूर्व भाईंदर मे आकर स्थायी हुए है.

वैसे देखा जाय तो भाईंदर आगरी , कोली समाज का मूल गांव था. उसके बाद पुर्तगाल लोग धर्मान्तर किया और केथलिक समाज अस्तित्व मे आया. बादमे व्यापार रोजगार हेतु गुजराती और मराठी लोग आकर बसे.

शाह परिवार के पूर्वज स्व : श्री कबला बापू शाह आजसे करीब 175 साल पहले यहाके नगर सेठ थे. तद्पश्चात उनके भतीजे स्व : छबीलदास वनमालीदास शाह भी यहां के नगरसेठ रहे थे. उन्होंने भाईंदर पुलिस स्टेशन से भाईंदर (प ) रेल्वे स्टेशन तक का सीमेंट कंक्रीट का रोड बनवाया था.

चदुलाल छबीलदास शाह श्री नरोना के बाद भाईंदर के दूसरे सरपंच के रूपमे चुने गये थे. भाईंदर पश्चिम राव तालाब स्थित भाईंदर का प्राचीन और प्रसिद्ध श्री शंकर मंदिर श्री चंदूलाल छबीलदास शाह के परिवार ने बनाया था. जो आज भी विध्यमान है. शाह परिवार की नौवी – दसवीं पीढ़ी आज भाईंदर मे वास्तव्य कर रही है.

शाह परिवार के श्री चंद्रकांत भाईदास शाह भी भाईंदर के सरपंच पद पर रह चुके है. आप और श्री शशिकांत शाह के प्रयत्नों से भाईंदर पश्चिम स्थित पोद्दार स्कूल की ईमारत का निर्माण किया था. श्री शशिकांत शाह भाईंदर के सरपंच पद पर रह चुके थे. श्री केशवजी डोसा ने भाईंदर पश्चिम की श्मशान भूमि ईमारत बनाके दी थी. अन्य सेवाभावी मे श्री मथुरादास भाटिया ने भी सक्रिय योगदान दीया था.

श्री चंद्रकांत के शाह का परिवार करीब 150 साल से गणपति उत्सव मनाते आया है. आज उनके बेटे समाज सेवी श्री वीरेन्द्र , श्री हेमंत , श्री धीमन शाह ने परंपरा को चालू रखी है. भाईंदर पश्चिम राव तालाब स्थित उनके गणपति को लोग दूर दूर से यहां देखने आते है. प्राचीन छोटी छोटी मूर्तियां दार्शनिक होती है.

भाईंदर पश्चिम के राई , मूर्धा गांव मे श्मशान भूमि बनवाने मे उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दीया है. उन्होंने घोड़बंदर स्थित करीब 1500 वार जमीन अस्पताल के लिये एक धर्मादा संस्था को भेट मे दी थी.

भाईंदर पश्चिम स्टेशन रोड स्थित मोदी पटेल रोड के सामने श्री लल्लूभाई बेचारदास शाह ने क्रिश्चन भाइयोंके लिये होली क्रॉस बनाने सन 1915 मे जमीन दी थी. उसके बाद श्री चंद्रकांत के शाह ने 1987 मे प्रार्थना सभा के लिये ज्यादा जमीन दी थी. तथा मुस्लिम बिरादरी के लिये कब्रस्तान जाने वाले रोड के लिये भी जगह दी थी.

श्री देवचंद जेठालाल शाह ने महाराष्ट्र का गौरव समान जैन तीर्थ श्री बावन जिनालय का निर्माण किया था. जहां आज हजारों भाविक भक्त पूजा अर्चना करते है.

सुदामा बिल्डर के श्री वजुभाई वोरा ने कपोल वाडी का निर्माण करके गुजरातीयो की शान बढाई थी.

कोई भी प्रकार की संकट की स्थिती मे गुजराती सदैव तैयार रहता है, फिर अतिवृष्टि हो, बाढ़ हो या अकाल जैसी हर स्थिति मे मदद करने आगे रहता है. श्री गोवर्धन केशवजी डोसा जो पूर्व प्रधानमंत्री श्री मोरारजी देसाई के रिश्ते मे मामा लगते थे, आप गुजराती थे और भाईंदर के विकास मे नीव के पत्थर समान कार्य किया था. यहाके आप धनी व्यक्ति थे.

वरिष्ठ पत्रकार श्री सदाशिव माछी गुजराती है. जो बरसो से यहां अपने परिवार के साथ वास्तव्य कर रहे है. और यहांकी समस्या को उजागर कर रहे है. भाईंदर पूर्व की सरस्वती स्कूल के संस्थापक तथा प्रिंसिपल श्री गिरीश भाई पंडिया गुजराती है.

मानवता वादी श्रीमती नीलम तेली जैन भी गुजराती है जो शांति सेवा समिति की संस्थापक अध्यक्ष तथा श्रेष्ठम स्ट्रीट स्कूल चलाकर जन हित और देश हित मे गरीब बच्चों को मुफ्त मे शिक्षा देकर साक्षरता अभियान चला रही है. आप सरदार वल्लभ भाई पटेल स्कूल की राष्ट्रीय महा सचिव के पद पर कार्य कर रही है.

मानव मसीहा कहे जाने वाले डॉ. गुणवंत त्रिवेदी भाईंदर के पुराने और मानवता वादी डॉक्टर थे. आप गुजराती थे. महाभारत सीरियल के रावण स्व. श्री अरविंद त्रिवेदी के चचेरे भाई थे. उनकी पत्नी भी डॉक्टर थी.

इसके अलावा कई गुजराती नगर सेवक तथा नगर सेविका और प्रतिष्ठ व्यक्ति के रिपमे यहां कार्य कर चुके है. टिप्पणी आवकार्य है. हम उसका स्वागत करेंगे.

ये थी गुजराती ओकी गौरवगाथा आप लोगोंको जरूर पसंद आयी होंगी.

——=== शिवसर्जन ===——

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