भारतीय क्रिकेटमें पिता-पुत्र का प्रभुत्व.

भारतीय क्रिकेट में पिता – पुत्र का प्रभुत्व रहा है. पटौदी से लेकर सचिन तेंदुलकर तक सूची में शामिल है. हर बाप चाहता है कि उनका बेटा खुद से आगे बढे और अपना नाम रोशन करें.

ऐसे है कुछ भारतीय खिलाड़ियोंकी आज हम चर्चा करेंगे.

लाला अमरनाथ और मोहिंदर अमरनाथ

भारतीय टेस्ट क्रिकेट में श्री लाला अमरनाथ और श्री मोहिंदर अमरनाथ पिता- पुत्र की जोडी को सफल मानी जाती है. शुरूमे टेस्ट क्रिकेट का चलन था. टेस्ट क्रिकेट में भारत की ओर से पहला शतक लगाने का रिकॉर्ड लाला अमरनाथ के नाम है.

उन्होंने सन 1933 में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू मैच में 118 रन बनाए थे. लाल अमरनाथ ने 24 टेस्ट मैचों में टीम का प्रतिनिधित्व किया था. और अपने करियर में एक शतक, चार अर्धशतक और 46 विकेट भी लिए थे. वहीं उनका पुत्र मोहिंदर अमरनाथ सन 1983 की विश्व विजेता इंडियन टीम का सदस्य था. मोहिंदर ने वर्ल्ड कप सेमीफाइनल और फाइनल में मैच ऑफ द मैच का पुरस्कार जीता था. उन्होंने 69 टेस्ट और 85 वनडे खेलते हुए क्रमश 4378 और 1924 रन बनाए थे.

विजय मांजेरकर और संजय मांजरेकर

मुंबई स्थित रहने वाले पिता-पुत्र विजय मांजरेकर और संजय मांजरेकर ने इंटरनेशनल क्रिकेट में प्रभावशाली प्रदर्शन किया है. विजय ने 55 टेस्ट में 39.12 की औसत से कुल 3208 रन बनाए थे. जिसमें सात सेंचुरी शामिल है. विजय मांजरेकर के बेटे संजय ने भी अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में अच्छी पारियां खेली है. 1989 में ब्रिजटाउन में वेस्ट इंडीज के खिलाफ 118 रन बनाने के साथ ही उसी साल पाकिस्तान के दौरे पर चार टेस्ट मैचों में 569 रन बनाए. संजय मांजरेकर ने 37 टेस्ट और 74 एकदिवसीय मैचों में 2043 और 1994 रन बनाएं थे.

इफ्तिखार और मंसूर अली खान पटौदी

इफ्तिखार अली खान पटौदी भारत और इंग्लैंड दोनों के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले पहले क्रिकेटर हैं. इफ्तिखार ने सन 1932 में सिडनी टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू मैच में शतक जड़ा था. इंग्लैंड के लिए तीन टेस्ट खेलने के बाद उन्होंने तीन मैचों में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया था. उनके बेटे मंसूर अली खान पटौदी भारीय क्रिकेट का अहम हिस्सा था. “टाइगर” के नाम से मशहूर मंसूर की कार हादसे में दाहिनी आंख चली गई थी. 21 साल की उम्र में मंसूर अली ने भारतीय टीम की कप्तानी संभाली. उन्होंने 40 टेस्ट में इंडिया का नेतृत्व किया और 2793 रन बनाए.

सुनील गावस्कर और रोहन गावस्कर :

सुनील गावस्कर की गिनती दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में की जाती है. सन 1970-71 में गावस्कर ने वेस्टइंडीज के खिलाफ चार टेस्ट मैचोंमें कुल 774 रन बनाए. सुनील ने 125 टेस्ट मैच खेले और 10,122 रन बनाए. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 34 शतक लगाए. हालांकि उनके बेटे रोहन सुनील गावस्कर को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ज्यादा सफलता नहीं मिली. बाएं हाथ के बल्लेबाज और स्पिनर रोहन ने 11 एकदिवसीय मैच खेले.

रोजर बिन्नी और स्टुअर्ट बिन्नी :

रोजर बिन्नी सन 1983 में वर्ल्ड विजेता भारतीय टीम का हिस्सा थे. वह इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी थे. उन्होंने 27 टेस्ट और 72 वनडे मैच खेले. उन्होंने 124 विकेट लेते हुए 6 अर्धशतक लगाए. रोजर के बेटे स्टुअर्ट ने 6 टेस्ट, 14 वनडे और 3 टी 20 मैच खेले. स्टुअर्ट बिन्नी ने 2014 में बांग्लादेश के खिलाफ चार रन देकर 6 विकेट लिए थे.

सचिन तेंदुलकर और अर्जुन तेंदुलकर :

सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन को दो साल के इंतजार के बाद IPL में डेब्यू करने का मौका मिला. क्रिकेटर अर्जुन ने कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ पदार्पण किया. वहीं, मैदान पर कदम रखते ही रिकॉर्ड बनाया. सचिन और अर्जुन तेंदुलकर IPL में खेलने वाले पहले पिता-पुत्र की जोड़ी बने. खास बात यह है कि दोनों ने मुंबई इंडियंस का हिस्सा है. पिता-पुत्र की यह जोड़ी इससे पहले इंडियन प्रीमियर लीगमें कभी भी नहीं खेली है.

अर्जुन तेंदुलकर ने रणजी डेब्यू मैच में शतक लगाया था. गोवा की तरफ से खेलते हुए अर्जुन तेंदुलकर ने राजस्थान के खिलाफ 120 रन बनाए. संयोग से सचिन तेंदुलकर ने भी अपने रणजी पदार्पण पर शतक जड़ा था.

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