“भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ” Archaeological Survey of India ( ASI ) एक भारतीय सरकारी एजेंसी है जो पुरातात्विक रिसर्च और देश में सांस्कृतिक ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण और संरक्षण के लिए कार्य करती है. इसकी स्थापना सन 1861 में संस्थापक अलेक्जेंडर कनिंघम द्वारा की गई थी जो प्रथम महानिदेशक भी रह चुके हैं.
संस्थापक अलेक्जेंडर कनिंघम ने सन 1861से लेकर सन 1865 के बीच पुरातत्व सर्वेक्षणकर्ता के रूप में कार्य भार संभाला था. इस सर्वेक्षण विभाग में अब तक कुल 29 महानिदेशक कार्य कर चुके हैं. हाल मे इसके महानिदेशक वी. विद्यावती ( IAS ) कार्य संभाले हुए है. इसके कार्यालय का पता ” धरोहर भवन ” 24 तिलक मार्ग, नई दिल्ली, भारत स्थित हैं.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संस्कृति मंत्रालय का एक संबंधित कार्यालय है. सन 1958 के AMASR अधिनियम के प्रावधानों के तहत ये कार्य करता हैं.
” भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ” Archaeological Survey of India ( ASI ) 3650 से अधिक प्राचीन स्मारकों, पुरातात्विक स्थलों और राष्ट्रीय महत्व के अवशेषों का प्रशासन करता है. इनमें मंदिरों, चर्चों , मस्जिदों, मकबरों और कब्रिस्तानों से लेकर महलों, किलों, बावड़ियों और चट्टानों को काटकर बनाई गई गुफाओं तक सब कुछ शामिल हो सकता है.
सर्वेक्षण में प्राचीन टीलों और अन्य समान स्थलों का भी रखरखाव किया जाता है जो प्राचीन आवास के अवशेषों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
” भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ” (ASI) विभाग का नेतृत्व एक महानिदेशक करता है , जिसकी सहायता के लिए एक अतिरिक्त महानिदेशक, दो संयुक्त महानिदेशक और 17 निदेशक होते हैं. इसको कुल 34 मंडलों में विभाजित किया गया है, जिनमें से प्रत्येक का नेतृत्व एक अधीक्षण पुरातत्वविद् करता है. प्रत्येक वृत्त को आगे उप-वृत्तों में विभाजित किया गया है.
” भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ” (ASI) विभाग का प्रथम नेतृत्व सन 1871 से सन 1885 तक संस्थापक अलेक्जेंडर कनिंघम ने किया था.वर्तमान मे सन 2020 से अब तक वी विद्यावती इसका नेतृत्व कर रहे हैं.
भारत का पहला संग्रहालय 1814 में कलकत्ता (अब कोलकाता ) स्थित एशियाटिक सोसाइटी द्वारा स्थापित किया गया था. इसका अधिकांश संग्रह भारतीय संग्रहालय को दिया गया था, जिसे 1866 में शहर में स्थापित किया गया था. पुरातत्व सर्वेक्षण ने अपना स्वयं का रखरखाव नहीं किया था. इसके तीसरे महानिदेशक, जॉन मार्शल के कार्यकाल तक संग्रहालय,उन्होंने सारनाथ (1904), आगरा (1906), अजमेर (1908), दिल्ली किला (1909), बीजापुर (1912), नालंदा (1917) और सांची (1919) में विभिन्न संग्रहालयों की स्थापना की पहल की थी. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के संग्रहालय परंपरागत रूप से उन साइटों के बगल में स्थित हैं जहां उनकी सूची उनके प्राकृतिक परिवेश के बीच अध्ययन किया जा सके और परिवहन के दौरान ध्यान न खोए.
एक समर्पित संग्रहालय शाखा की स्थापना 1946 में मोर्टिमर व्हीलर द्वारा की गई थी, जो अब देश भर में फैले कुल 50 संग्रहालयों का रखरखाव करती है.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ( ASI )तिलक मार्ग, मंडी हाउस, नई दिल्ली में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण मुख्यालय भवन में एक केंद्रीय पुरातत्व पुस्तकालय का रखरखाव करता है.सन 1902 में स्थापित, इसके संग्रह में एक लाख से अधिक पुस्तकें और पत्रिकाएँ हैं. पुस्तकालय दुर्लभ पुस्तकों, प्लेटों व मूल चित्रोंका भंडार भी है.
स्थानीय शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं को पूरा करने के लिए सर्वेक्षण विभाग अपने प्रत्येक मंडल में अतिरिक्त रूप से एक पुस्तकालय रखता है.
भारत में पुरातात्विक कार्य और स्मारकों का संरक्षण भी कुछ राज्यों में राज्य सरकार के पुरातत्व विभागों द्वारा किया जाता है. इनमें से अधिकांश निकाय स्वतंत्रता से पहले विभिन्न रियासतों द्वारा स्थापित किए गए थे.
आजादी के बाद जब इन राज्यों को भारत में मिलाया गया था, तब इन राज्यों के अलग-अलग पुरातत्व विभागों को (ASI) के साथ एकीकृत नहीं किया गया था. इसके बदले उन्हें स्वतंत्र निकायों के रूप में कार्य करने की अनुमति दी गई थी.