भारतीय मानक संस्थान “ISI”.

isi

आप बाजार से कोई PRODUCT खरीदते है तो आपने कई बार देखा होगा की उस प्रोडक्ट के उपर ” ISI ” का मार्क लगा रहता है. कई लोग सोचते होंगे की ये ISI मार्क क्या होता है ? यह एक सर्टिफिकेट होता है जो प्रोडक्ट के लिए कंपनी को दीया जाता है.  

          ” ISI ” का फुल फॉर्म INDIAN STANDARDS INSTITUTE होता है. जिसे हिंदी भाषा में भारतीय मानक संस्थान कहा जाता है. जो सरकार द्वारा प्रमाणित करके कंपनी आवेदन कर्ता को जारी किया जाता है. जो सर्टिफिकेट के रूपमें होता है.

           ” ISI ” मार्क की इच्छा रखने वाली कंपनी को अपने प्रोडक्ट सहित संस्थान को एक आवेदन देना पडता है. उसके बाद संस्थान द्वारा उस प्रोडक्ट की गुणवत्ता की कड़ी जाँच की जाती है. हर तरह की जाँच मे खरा उतरने के बाद उस कंपनी को ” ISI ” का सर्टिफिकेट दीया जाता है. 

       प्रमाणपत्र मिलने के बाद कंपनी अपने प्रोडक्ट के उपर ” ISI ” का मार्क अंकित कर सकता है और ग्राहकों को बता सकता है की हमारा प्रोडक्ट गुणवत्ता सभर है. 

       उद्योगों की वृद्धी और औद्योगिक उत्पादन में गुणवत्ता बनाए रखने के लिए ” ISI ” की स्थापना की गई थी. यह एक ” ISI ” मार्क प्रदान करता है जो भारत में औद्योगिक उत्पादों के लिए प्रमाणित चिह्न है. 

     ” ISI ” मार्क यह सुनिश्चित करता है कि उत्पाद भारतीय मानक संस्थान द्वारा उल्लिखित भारतीय मानकों के अनुरूप है या नहीं ? यह भारत देश के राष्ट्रीय मानक निकाय द्वारा विकसित किया गया है . वैसे भारत में ‘ ISI ” मार्क कुछ विशेष उत्पादनो के लिए अनिवार्य है, जैसे बिजली के कई उपकरण, इलेक्ट्रिक मोटर, हीटर, स्विच, वायरिंग केबल, रसोई के उपकरण तथा और अन्य उत्पाद जैसे पैकेज्ड खाद्य पदार्थ, थर्मोमीटर , और पीने का पानी, पैकेज्ड किराना माल आइटम, एलपीजी सिलेंडर, एल पी जी वाल्व , पोर्टलैंड की सीमेंट, मोटर वाहन टायर आदि कुल 90 उत्पादनो के लिये अनिवार्य किया गया है.   

       अधिकांश अन्य उत्पादों के मामले में ” ISI ” मार्क का लगाना स्वैच्छिक है. बाजार में कई उत्पाद नकली ” ISI ” के निशान के साथ हो सकते है. जिसकी उपभोक्ताओं को कड़ी सावधानी बरतना जरुरी है. 

        यदि आप कोई चीज का उत्पादन कर रहे हो और आप लोगोंको ये बताना चाहते हो की आपका प्रोडक्ट सौ प्रतिशत सुरक्षित और गुणवत्ता युक्त है तो आपको ये साबित करने के लिये भारतीय मानक संस्था मे प्रोडक्ट सबमिट करके संस्था से प्रमाण पत्र लेना आवश्यक है. 

      आप कभी बाजार मे कोई उत्पादन खरीदने जाते है और 

 उस प्रोडक्ट के ऊपर ” ISI ” का कोई चिन्ह नही देखे तो इसका मतलब यह हुआ है की वह प्रोडक्ट भारत सरकार की अनुमति के बिना बाजार में सेल किया जा रहा है, जो की गैर कानूनी है और वह प्रोडक्ट नकली भी हो सकता है. जब भी आप कुछ भी सामान ख़रीदे तो उस पर ” ISI ” मुहर जरुर देखकर ख़रीदना चाहिए. 

        वैसे ” ISI ” के अंकन का जालसाजी करना कानूनन दंडनीय अपराध है, जिसमे अपराधी को द्रव्य दंड और सजा का प्रावधान है. भारत मे ” ISI ” का चलन सन 1955 से प्रभावी हुआ था, जिसको सरकार द्वारा मान्यता मिली हुई है.

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