भारतीय रेलवे स्टेशन का नाम और संक्षिप्त मे स्टेशन कोड की सूची :
रेलवे स्टेशन को हिंदी में ” लौह पथ गामिनी विराम बिंदु ” या ” लौह पथ गामिनी विश्राम स्थल ” कहा जाता है. वास्तव मे ये नाम इतना लंबा और बोलने में इतना कठिन है कि सभी लोग अंग्रेजी नाम ही ज्यादा प्रयोग करते हैं. अब अगर थोड़ा सा आसान भाषा में बोला जाए तो रेलवे स्टेशन को रेलगाड़ी पड़ाव स्थल भी कहा जाता है.
” रेलगाड़ी ” को हिंदी में ” लौह पथ गामिनी ” कहा जाता है. ” स्टेशन ” का नाम भारतीय रेलवे स्टेशन का नाम या शहर निर्दिष्ट करता है , जो रेलवे स्टेशन से संबंधित है. रेलवे स्टेशन “शॉर्ट कोड” स्टेशन का नाम निर्दिष्ट करने के लिए शॉर्ट कट कोड निर्दिष्ट करता है.
यह प्रारूप सभी ऑनलाइन रेल पूछताछ के साथ-साथ आईआरसीटीसी टिकट बुकिंग प्रक्रिया के लिए सबसे आम है.
स्टेशन कोड की आवश्यकता :
भारत मे रेलवे स्टेशन के कोड की आवश्यकता रेलवे अपने आंतरिक कार्यों के लिए करती है, जैसे वाणिज्य विभाग में गुड्स और पार्सल बुकिंग में स्टेशन का नाम कोड में ही लिखा जाता है. परिचालन विभाग में भी स्टेशन का नाम कोड में ही लिखते हैं. जैसे कि हम अपने लम्बे नाम को, अपनी सुविधा के लिए संक्षिप्त मे लिखते हैं.
उदाहरण के लिए BHAYNDAR का कोड BYR है. 8 कैरेक्टर के नाम को हमने 3 कैरेक्टर (Alphabet) में बदल दिया. जानना जरुरी है कि स्टेशन कोड किस आधार पर बनाया जाता है.
एक रेलवे स्टेशन का कोड ( छोटा नाम ) 1 अल्फाबेट से 4 अल्फाबेट तक हो सकता है. मगर प्रश्न उठाता है कि अंग्रेजी भाषा में ही क्यों बने स्टेशन कोड ? इसका यह उत्तर है कि भारत में रेलवे सिस्टम का डैवलपमैंट ब्रिटिश समय में हुआ था.
प्रथम ट्रेन ता : 16/4/1853 को बाडीबंदर (बम्बई फिर मुम्बई) से थाना (अब ठाणे) तक चली थी. इसलिए उस समय रेलवे स्टेशन के नाम अंग्रेजी में ही लिखे जाते थे. तबसे यह प्रथा शुरु है.
स्टेशन कोड बनाने के लिए कुछ ऐसे नियम है जो समजना जरुरी है. एक स्टेशन कोड बनाने के लिए 1 से 4 तक के अल्फाबेट का प्रयोग किये जा सकते हैं. वह अल्फाबेट उस स्टेशन के नाम में से ही लेने की कोशिश की जाती है.
मगर आज की तारीख मे भारत में 7000 से ज्यादा रेलवे हो गये हैं. शुरु में जब कम स्टेशन रहे होंगे तो यह काम आसान रहा होगा,मगर जैसे-जैसे नये स्टेशन बढ़े तो उसी स्टेशन के नाम में से अल्फाबेट छाँट कर कोड बनाना कठिन हो गया, तब कुछ डमी अल्फाबेट जैसे Q, Z, X आदि का प्रयोग किया गया जो स्टेशन के पूरे नाम में कहीं नहीं होता है.
सबसे बड़ी बात कोई भी कोड रिपीट नहीं होना चाहिए यानि एक कोड एक ही स्टेशन का हो सकता है.
अब कुछ स्टेशनों के कोड नाम के बारे में चर्चा करते हैं. दिल्ली (DELHI) का कोड DLI रखा गया था. नई दिल्ली (NEW DELHI) रेलवे स्टेशन बाद में बना तो उसका कोड रखा गया NDLS. अब यहाँ कहा जा सकता है कि NDLI क्यों नहीं तो NDLI किसी और स्टेशन का कोड होगा.
अब तो सभी रेल्वे स्टेशन के कोड नाम की एक कोड बुक है. किसी भी नये स्टेशन का कोड नाम रखते समय यह ध्यान रखना पड़ता है कि कहीं यह रिपीट न हो जाए. आज कम्प्यूटर के जमाने में तो यह काम आसान है. मगर पहले मैन्यूअली चैक करना पड़ता था.
आपकी जानकारी के लिए चर्चगेट से डहाणू रोड तक के मुख्य स्टेशनो की कोड सूची प्रस्तुत है :
चर्चगेट (CCG)
मरीन लाइन्स (MEL)
चर्नीरोड (CYR)
ग्रांट रोड (GTR)
दादर (DDR)
बांद्रा (BA)
अंधेरी (ADH)
बोरीवली (BVI)
भाईंदर (BYR)
वसई रोड (BSR)
विरार (VR)
वैतरना (VTN)
सफाले (SAH)
केलवे (KLV)
पालघर (PLG)
उमरोली (UOI)
बोइसर (BOR)
वाणगाव (VGN)
डहाणू रोड (DRD)
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