” मुंबई ” अपने विविध दर्शनीय स्थलोंके के लिए प्रसिद्ध है. यहांकी विविध भव्य ऐतिहासिक विरासत को देखने देश – विदेश से पर्यटक यहांपर आते है. आज मुजे मुंबई की क्रॉफर्ड मार्केट की बात करनी है, जिसका नाम आजादी के बाद में बदलकर महात्मा ज्योतिबा फुले मंडई रखा गया है.
यह इस क्षेत्र का सबसे बड़ा बाजार है और इसमें किराने के सामान से लेकर मांस और खिलौनों से लेकर कई पालतू जानवरों तक सब कुछ बेचने वाली दुकानें हैं. यह मुंबई में खरीदारी करने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है.
क्रॉफर्ड मार्केट, आधिकारिक तौर पर महात्मा ज्योतिबा फुले मंडई दक्षिण मुंबई के सबसे प्रसिद्ध बाजारों में से एक है. यह इमारत 1869 में बनकर तैयार हुई थी. इसे मूल रूप से शहर के पहले अंग्रेज नगर आयुक्त आर्थर क्रॉफर्ड के नाम पर रखा था, बादमे बाजार का नाम भारतीय समाज सुधारक महात्मा जोतीराव फुले जी के सम्मान में रखा गया था.
आज़ादी के काफी समय बाद तक यह मुंबई का सबसे पसंदीदा थोक बाज़ार हुआ करता था. और आज भी, क्रॉफर्ड मार्केट घरेलू सामानों और ताजे फलों और सब्जियों पर अच्छे सौदे पाने के लिए एक लोकप्रिय स्थान है.
इमारत का बाहरी भाग चित्रों और भित्तिचित्रों से ढका हुआ है, और प्रवेश द्वारके चित्र भारतीय किसानोंको उनकी फसलों के साथ चित्रित करते हैं. कुछ हिस्सों में आप वास्तुकला की गॉथिक शैली की झलक भी पा सकते हैं क्लॉक टॉवर को नक्काशी से सजाया गया है जो विक्टोरियन शैली से मिलती जुलती है. बाजार 22,471 वर्ग मीटर अर्थात 2,41,877 वर्ग फुट के क्षेत्र को कवर करता है, जिसमें से 5,515 वर्ग मीटर यांनी 59,363 वर्ग फुट पर इमारत बनी है. यह संरचना बेसिन के लाल पत्थर के साथ, मोटे भूरे रंग के कुर्ला पत्थर का उपयोग करके बनाई गई थी. इसमें 15 मीटर ऊंची रोशनदान वाली शामियाना है, जिसे सूरज की रोशनी से बाजार को रोशन करने के लिए डिजाइन किया गया है.
मूल डिज़ाइन में प्रवेश द्वार पर तीन दरवाजे शामिल थे, प्रत्येक दरवाजे को एक स्तंभ से विभाजित किया गया था, जिसमें हर दिन के जीवन को दर्शाने वाले नक्काशीदार पैनल के लिए जगह थी. ऐसे दो पैनल कलाकार जॉन लॉकवुड किपलिंग ( लेखक रुडयार्ड किपलिंग के पिता ) द्वारा बनाए गए थे, जिसमें काम कर रहे श्रमिकों की एक छवि दिखाई गई थी, लेकिन वह भारत छोड़ने से पहले तीसरे को पूरा करने में सक्षम नहीं थे.
क्रॉफर्ड मार्केट का नाम मुंबई शहर के पहले नगर निगम आयुक्त आर्थर क्रॉफर्ड के नाम पर रखा था. इसका निर्माण कावसजी जहांगीर के दान की मदद से सन 1869 में पूरा किया था और दुकानें सन 1871 से संचालित होने लगीं थी.
महात्मा ज्योतिबा फुले मार्किट 2.25 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है और इसमें मुख्य इमारत शामिल है. 1882 में क्रॉफर्ड मार्केट की इमारत भारत में बिजली पाने वाली पहली इमारत थी.
यहां पर खिलौने, यात्रा के सामान, फैशनके सामान, उपहार और आयातित सामान क्रॉफर्ड मार्केट स्टोर्समें उपलब्ध असंख्य चीजों में से हैं. वैसे क्रॉफर्ड मार्केट महिलाओं और बच्चों के कपड़ों, सूखे मेवों और घर की सजावट की वस्तुओं की थोक खरीदारी के लिए प्रसिद्ध है. सुबह के समय बाजार ताजे फल और सब्जियों के विक्रेताओं से भरा रहता है. मांस और पोल्ट्री अनुभाग में भी सुबह से लेकर दोपहर तक यहां ग्राहकोकी खरीददारी रहती है.
क्रॉफर्ड मार्केट के थोक स्टोरों में चॉकलेट और बेकरी उत्पादों में अच्छी चीज़ें पा सकते हैं. यह स्थान कुत्तों, बिल्लियों और पक्षियों जैसे पालतू जानवरों को बेचने के लिए भी जाना जाता है. आप जो चाहे हर चीज यहां मील जाती है. इस ईमारत का नाम बदलकर महात्मा ज्योतिबा फुले मंडई कर दिया गया है, लेकिन कई ड्राइवर अभी भी इसे इसके पुराने नाम से ही पुकारते हैं.
बाजार सोमवार से शनिवार तक प्रातः 9:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक खुली रहती है और रविवार के दिन अवकाश रहता है. क्रॉफर्ड मार्केट की अधिकांश दुकानों के खुलने का समय सुबह 11 बजे के आसपास है और वे रात 8 बजे तक खुले रहते हैं. हालाँकि, रविवार को बाज़ार केवल सुबह के समय ही खुला रहता है. साथ ही कुछ दुकानें मंगलवार को भी बंद रहती हैं. इसलिए, रविवार और मंगलवार को क्रॉफर्ड मार्केट की यात्रा से बचना बेहतर होगा.
यहां तक पहुंचने के लिए आप लोकल ट्रेन का उपयोग कर सकते है . छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस निकटतम क्रॉफर्ड मार्केट रेलवे स्टेशन है. वह स्टेशन मुंबई को देश के अन्य हिस्सों से भी जोड़ता है.
सड़क मार्ग द्वारा :
सपनों का शहर मुंबई, राष्ट्रीय राजमार्गों के नेटवर्क के माध्यम से अन्य कस्बों और शहरों से जुड़ा हुआ है. मुंबई पहुंचने के लिए आप या तो कार चला सकते हैं, कैब किराए पर ले सकते हैं या बस ले सकते हैं. कई सार्वजनिक और निजी बसें आसपास के शहरों जैसे औरंगाबाद, नागपुर और पुणे से चलती हैं. अधिकांश बसें मुंबई सेंट्रल डिपो में रुकती हैं, जो क्रॉफर्ड मार्केट से केवल 3 किमी दूर है.
रेल मार्ग द्वारा :
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस मुंबई के प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से एक है, और इस विरासत शॉपिंग आर्केड से केवल कुछ सौ मीटर की दूरी पर स्थित है. कई लंबी दूरी की ट्रेनें वहां रुकती हैं. एक बार जब आप वहां पहुंच जाते हैं, तो क्रॉफर्ड मार्केट/महात्मा ज्योतिबा फुले मंडई थोड़ी पैदल दूरी पर है. तीन किमी दूर मुंबई सेंट्रल, दूसरा प्रमुख रेलवे टर्मिनल है.
हवाई मार्ग द्वारा :
लगभग 23 किमी दूर छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, मुंबई को विदेश के शहरों से जोड़ता है. विश्व के कई देशों से इसकी लगातार उड़ानें होती हैं. आप ऑस्ट्रेलिया, यूके और थाईलैंड सहित अन्य देशों से नियमित उड़ानें पा सकते हैं. साथ ही, देश के सभी प्रमुख हवाई अड्डों से मुंबई के लिए दैनिक उड़ानें चलती है. ( समाप्त )
आजका जोक्स :
एक दिन दादा और पोता स्कूल के बाजूसे गुजर रहे थे. सामने से स्कूल का प्रिंसिपल आ रहा था. दादा बोला छुप जा बबलू तेरा प्रिंसिपल सामनेसे आ रहा है.
बबलू बोला, दादाजी आप छुप जाओ. में प्रिंसिपल को बोलके आया हूं, मेरा दादाजी का स्वर्गवास हो गया है, मैं तीन दिन स्कूल नहीं आऊंगा.