भारतभर मे एक से बढ़कर एक हजारों किले बने है, जिनका अपना अलग अलग इतिहास है. मगर आज मुजे बात करनी है , श्री छत्रपति शिवाजी महाराज के जन्म स्थल शिवनेरी किले ( शिवनेरी दुर्ग ) के बारेमें जो महाराष्ट्र राज्य के पुणे के जुन्नर गांव स्थित विध्यमान है.
श्री शिवाजी महाराज के पिता, शाहजी बीजापुर के सुल्तान आदिल शाह की सेना में एक सेनापति थे. लगातार हो रहे युद्ध के कारण शाहजी ने अपनी गर्भवती पत्नी जीजा बाई और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए चारो ओर से खडे चट्टानों के बिच घिरा एक अभेद किले मे भेज दीया. जहां पर ता : 19 फरवरी 1630 के दिन शिवाजी महाराज का जन्म हुआ. यहां पर ही महाराज का बचपन बिता.
शिवनेरी किले के अंदर माता शिवाई का मंदिर था. जिनके नाम पर ” शिवाजी ” का नाम रखा गया. जन्म के बाद करीब 10 साल तक शिवाजी का पालन पोषण यहीं किले मे हुआ था. किले के मध्य में एक सरोवर है जिसे ” बादामी तालाब ” कहा जाता है. इस सरोवर के दक्षिण में माता जीजाबाई और शिवाजी के बचपन की मूर्तियां बनी हैं. किले में मीठे पानी के दो स्रोत हैं जिन्हें गंगा जमुना कहा जाता हैं और इनसे वर्ष भर पानी की आपूर्ति चालू रहती है.
शिवनेरी किले के उपर से जमीन को 360 डिग्री तक आराम से देखा जा सकता है. मराठा सैनिक यहां से दुश्मनों के आक्रमण का जायजा लेते थे. शिवनेरी किला अपनी वास्तु कला की शैली और महान मराठा योद्धा शिवाजी महाराज के जन्म स्थान के लिए प्रसिद्द है. यहां पर सन 1630 में शिवाजी महाराज का जन्म यहाँ हुआ और उन्होंने सैन्य प्रशिक्षण लिया था. मुख्य किले में प्रवेश करने से पहले सात फाटकों को पार करना पड़ता है.
शिवनेरी किला समुद्र सतह से 1067 मीटर ऊँचे पहाड़ पर विध्यमान है. सन 1733 मे शाहू महाराज जी के कालमे मराठाओ की सत्ता के अंतर्गत आया. सातवाहन, चालुक्य, राष्ट्रकूट ये राजयकर्ताओ के अधिपत्यमे यह किला रहा है.
सन 1595 मे जुन्नर प्रांत और शिवनेरी किला मालोजी राजे भोसले को निजामशाही ने दीया. उस समय शिवनेरी किला के किलेदार सिधोजी राव विश्वासराव थे.
महाराष्ट्र के दैवत शिवाजी महाराज का जन्म स्थान होनेकी वजह शिवनेरी दुर्ग का विशेष महत्त्व है. ये महान मराठा योद्धा शिवाजी का जन्म स्थान होनेकी वजह प्रसिद्ध है. शिवाजी का पुरा नाम श्री शिवाजी शहाजी भोसले था. माता जी का नाम जीजाबाई था. श्री शिवाजी महाराज मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे. हिंदवी स्वराज्य के प्रणेता थे.
. अन्य देखने लायक जगह मे शिवनेरी से आधे घंटे की ड्राइव करके आप कुकदेश्वर मंदिर पहुंच सकते हैं. कुकड़ी नदी के किनारे 12 वीं सदी में बने इस मंदिर में बहुत सी खूब सूरत कलाकृतियां देखने को मिलती हैं. शिवनेरी के अलावा आसपास घूमने वाली जगहों में मालशेज घाट प्रेक्षणीय है. जहां का नजारा बारिस मे खूबसूरत होता है. मगर पहाड़ की फिसलन के लिये बच के रहना पड़ता है.
श्री छत्रपती शिवाजीराजे शहाजीराजे भोसले जी का मृत्यु ता : 3 अप्रेल 1680 मे रायगढ़ मे हुआ था. शिवाजी महाराज के उत्तराधिकारी उनके पुत्र श्री संभाजी राजे भोसले थे. श्री शिवाजी अपनी ” गेरीला ” पध्धति से लड़ाई करते थे, जिसमे दुश्मन को चारो तरफ से घेर लिया जाता था.
शिस्तबद्ध सैन्य और सुनियोजित प्रशासकीय यंत्रणा के लिये शिवाजी महाराज खूब प्रसिद्ध थे.अपने पिताजी से मिले 2000 सैन्य से उसने अपने बलबूते पर एक लाख सैन्य को जमा किया था. और अनेक किले भी बनाये थे. महाराष्ट्र मे श्री छत्रपति शिवाजी महाराज को , शिवाजी राजा , शिवाजी राजे , शिवबा , शिवबाराजे , शिवराय ऐसे अनेक नामो से पहचाना जाता है. श्री शिवाजी महाराज के जन्म दिवस को ” शिवजयंती ” के नाम से हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है. श्री छत्रपती शिवाजी महाराज और उनके पुत्र श्री छत्रपती संभाजी महाराज को संयुक्त रुप से ” शिव शंभु ” के नाम से उल्लेख किया जाता है.
शिवाजी महाराज के जन्म ( सन 1630 ) से औरंगजेब के मृत्यू ( सन 1707 ) तक के यह 77 साल के समय को इतिहास कार ” शिवकाल ” कहते है.
शिवनेरी तक पहुंचने के लिये निकटतम हवाई अड्डा पुणे है जो पुणे रेल्वे स्टेशन से करीब तीन चार किलोमीटर की दुरी पर है. ट्रैन से जाने वालों की लिये पुणे रेल्वे स्टेशन है जहासे दुर्ग करीब 100 किलोमीटर की दुरी पर है. आप मुंबई से अपने निजी वाहन से भी मंचर होकर जा सकते है. शिवनेरी के नजदीक दो किलोमीटर की दुरी पर लेन्याद्री गुफाएं हैं , जहां अष्टविनायक का मन्दिर बना है.
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