आप लोगोंने बीच या तो स्विमिंग पूल मे बिकनी पहनें हुई महिलाओं को अवश्य देखा होगा. आज मुजे बिकिनी की कुछ रोचक बातें प्रबुद्ध पाठकों के साथ शेयर करनी हैं. बिकिनी (Bikini) महिलाओं का तैराकी के लिये पहना जाने वाला सूट है. यह दो भागों में होता है. पहला स्तन ढकने के निमित्त और दूसरा जननांग ढकने के लिये होता हैं.
इसको तैराकी के समय या गरमी में भी पहना जाता हैं. बिकनी ब्लाउज एक ब्रा जैसा ब्लाउज होता है जो साड़ी के साथ पहना जाता है. ज्यादातर लोगो का यही मानते हैं कि बिकनी ब्लाउज बॉलीवुड फिल्मों की देन है लेकिन बहुत ही कम लोगों को यह पता है कि वैदिक समय में महिलाएं “कंचुकी” जिसको आधुनिक समय में ब्रा कहते हैं उसके साथ साड़ी पहनती थी.
पेरिस मे बिकिनी के डिजाइनर फ्रेंच इंजीनियर लुइस रिअर्ड ने सन 1946 में महिलाओं की एक ड्रेस को बिकिनी नाम दिया था. उन्होंने स्विमसूट का नाम बिकिनी एटोल (Bikini Atoll) के नाम पर रखा, जहां अमेरिका न्यूक्लियर टेस्ट कर रहा था. फ्रांस में शुरुआती सफलता मिलने के बाद यह ड्रेस विवादों में घिर गई, लेकिन दुनियाभर में महिलाएं आज इस स्विमसूट की दीवानी हैं. रेर्ड ने बाद में बिकिनी को “टू पीस बाथिंग सूट” करार दिया था.
विश्व में सबसे महंगी बिकिनी डायमंड से बनी हुई है. यह स्पेशल बिकिनी को बनाने के लिए अलग अलग कैरेट के कुल 254 कीमती डायमंड का उपयोग किया गया है. जिसकी कुल कीमत 30 मिलियम डॉलर यानी करीबन 240 करोड़ रुपये है.
सोशल मीडिया पर फिल्म पठान की वजह से बिकिनी चर्चा में रही थी. दरअसल, फिल्म के एक गाने में एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने बिकिनी पहनकर डांस किया है, जिसे लेकर काफी विवाद हुआ था. वैसे पहले भी बिकिनी को लेकर विवाद हो चुका है. बिकिनी को लेकर लोगों की अलग अलग राय है.
शुरुआती दौर में टू-पीस बिकिनी का जब आइडिया आया तब इसे कोई महिला पहनकर फोटो क्लिक करवाने के लिए राजी नहीं थी. लेकिन बाद में एक फ्रेंच मॉडल मेशलिन बेर्नीर्दीनी ने हा कही और इसके लिए राजी हुईं. उन्होंने फोटोशूट करवाया. फिर एक मैगजीन में ये फोटोशूट छपा और फिर इसकी काफी चर्चा हुई.
इसके नाम को लेकर कहा जाता है कि उस दौरान अमेरिका ने 1946 से 1958 तक कुल 60 एटम बम और हाइड्रोजन बम परीक्षण किए थे. ये विस्फोट बिकनी नाम के मार्शल द्वीप पर किए गए थे और उससे ही यह नाम बिकिनी पडा है.