मिरा भाईंदर का “विकास पुरुष” माजी नगर सेवक श्री ओमप्रकाश गाडोदिया | Part -92

भाईंदर शहर के समाज सेवी गाडोदिया परिवार के बारेमें लिखने का मतलब सागर को गागर मे समावेश करने समान है. इस परिवार की यशोगाथा पुष्पों की सुगंध की तरह शहर क्षेत्र मे फैली हुई है.


*** स्व. श्री हजारीमल गाडोदिया जी ( श्री हजारीमल जी तत्कालीन टेम्भा अस्पताल )वर्तमान में भारतरत्न पंडित भीमसेन जोशी अस्पताल ) के 1932 में कमेटी सदस्य थे.)
*** भाईंदर विकास के शिल्पकार समाज सेवक श्री नंदलाल लादूराम गाडोदिया , श्री मालचंद जी गाडोदिया ( ग्रामपंचायत सदस्य )
*** प्रेरणा मूर्ति समाज सेवक श्री बंकटलाल हजारीमल गाडोदिया जी ( सरपंच )
*** भाईंदर के विकास का चिराग श्री गंगाधर गाडोदिया ग्रामपंचायत सदस्य.
*** श्री धनराज गाडोदिया जी ( पार्षद )
*** स्व. सेठ श्री हरिनारायण लादूरामजी, अनेक सामाजिक संस्था ओसे जुड़े सर्जन डॉक्टर श्री एस. एन. अग्रवाल और उनकी धर्म पत्नी डॉक्टर लीला एस. अग्रवाल जी.
*** समाज सेवक श्री राधाकिशन गाडोदिया, श्री गोविंदराम गाडोदिया,
*** श्री ओमप्रकाश गाडोदिया ( माजी नगर सेवक ) सब गाडोदिया परिवार से है, जिन्होंने ग्रामपंचायत के समय से इस शहर के विकास मे अपना सहरानीय योगदान दिया है.


मानवता, समाजसेवा इनके परिवार के सदस्यों मे कुदरत ने कूट कूट कर भरी है. ये परिवार करीब 135 साल से भाईंदर मे वास्तव्य कर रहा है. एक छोटे से भाईंदर गांवसे महानगर पालिका शहर बनने तक का सुहाना सफर का चश्मदीद गवाह गाडोदिया परिवार है.


मगर आज मैं इसी परिवार के लाडले समाज सेवक, प्रेरणामूर्ति, कर्मयोगी श्री ओमप्रकाश गंगाधर गाडोडिया जी की गौरवगाथा आप प्रबुद्ध पाठक तक पहुँचाना चाहता हूं. आप श्री गंगाधर गाडोदिया राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भाईंदर के (नगरसंघ चालाक) के पुत्र है.


प्रतिष्ठित गाडोदिया परिवार मे ता : 05/02/1956 के दिन गांव लेडी, जिला नागौर ( राजस्थान ) मे जन्मे समाजसेवी श्री अग्रवाल ओमप्रकाश गंगाधर ( गाडोदिया ) को गाडोदिया परिवार का पृष्ठबल मिला हुआ है.


आपकी प्राथमिक शिक्षा भाईंदर की जिला परिषद की स्कूल मे हुई, तथा आगेकी माध्यमिक शिक्षा आचार्य नरेन्द्र विद्यालय बोरीवली मे हुई. आपने सन 1979 मे मालाड की डालमिया कॉलेज से बी.कॉम की डिग्री हासिल की है.


चौदह साल की उम्र से आपने संघ की शाखाओ मे जाना शुरु किया. सन 1992 से आप राजनीति मे रूचि लेने लगे. सन 1997 में आपको स्वीकृत नगर सेवक के रूपमें चुन लिया गया. सन 2002 मे मिरा भाईंदर महा नगर पालिका की स्थापना हुई. और प्रथम महानगर पालिका चुनाव लड़कर 960 मतों से जीत हासिल की और बी.जे.पी. के नगरसेवक बने.


सन 2007 के महानगर पालिका चुनाव मे 1100 मतों से जीतकर नया कीर्तिमान स्थापित किया. सन 2007 से 2012 के दरम्यान आपको पार्टी ने महानगर पालिका के सभागृह गटनेता की जिम्मेदारी सौपी.


राजनीति के साथ आप सामाजिक गतिविधियों से भी जुड़े रहे. केशवसृष्टी, रामभाऊ म्हालगी प्रबोधनी, राजपुरिया वानप्रस्थाश्रम, गौशाला, रामरत्न विद्या मंदिर में अनेकों पदों पर रहकर रहते हुए सामाजिक जिम्मेदारियों को निभा रहे है. आप अग्रवाल सेवा समिति, माहेश्वरी मंडल, श्री सालासर हनुमान सेवा मंडल, श्री श्याम सुमिरण मंडल, जीणमाता सत्संग समिति, राणी सती महिला मंडल, राजस्थान मंडल जैसी संस्थाओ में सक्रिय भूमिका निभाते है.


गाडोदिया परिवार ने भाईंदर के सर्वांगीण विकास में दिल खोलकर कार्य किया है. सन 1932 में जब भाईंदर पश्चिम की टेम्भा अस्पताल का शुभारंभ हुआ उस समय की दुर्लभ तस्वीर इस आर्टिकल के साथ साझा की है.


वर्तमान में आपने पंडित भीमसेन जोशी रुग्णालय के नियामक समिति सदस्य के रूपमें सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से जरूरतमंद सामग्री कूलर , वाटर कूलर, कंप्यूटर, फ्रिज तथा कपड़ा धोने की मशीन आदि संस्थाओं से रुग्णालय को दिलवाई है.

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