आज मुजे हमारे मिरा भाईंदर शहर को जल आपूर्ति करने वाली नदी माता उल्लास नदी की कुछ जानकारी आप लोगो के साथ शेयर करनी है. उल्हास नदी महाराष्ट्र राज्य में बहने वाली एक नदी है. यह पश्चिमी घाट की सह्याद्रि पर्वतमाला से उदभव होती है. वहासे यह ठाणे और मुम्बई से गुज़रती हुई भाईंदर वसई खाड़ी से बहकर अरब सागर में समा जाती है.
जिसे हम भाईंदर वसई की खाड़ी कहते है ये उल्लास नदी ही है जो उपर उल्लास नदी के नामसे जानी जाती है और मिरा भाईंदर के लोग इसे वसई की खाड़ी के रूपमें पुकारते है.
” उल्हास ” नदी लोनावला के राजमाची इलाके में तुंगारली बांध से निकलती है. बाद में यह नदी रायगढ़ जिले के कोंडीवड़े , कर्जत , नेरल , कोडिवले , दहीवाली , बिरदोले , शेलू जैसे प्रमुख गांवों और कस्बों से होकर बहती जाती है और ठाणे जिले में प्रवेश करती है.
उल्लास नदी बारिस के समय अन्य नदियों की तरह खौपनाक तरीके से आगे बढ़ती है. इसमे पेज , छिल्हर , पोशीर जैसी नदियाँ उल्हास नदी में मिलती हैं.
देखा जाय तो यह मुख्य जल निकासी प्रणाली है जो बोरघाट,भीमाशंकर और माउंट माथेरान से वर्षा जल को अरब सागर में ले जाती है.
तारीख 26 जुलाई 2005 के दिन अतिवृष्टि हुई थी तो उल्हास नदी में भी बाढ़ आई थी. उस समय बदलापुर से कल्याण क्षेत्र बुरी तरह क्षतिग्रस्त और प्रभावित हो गया था.
वांगनी और बदलापुर के बीच मध्य रेलवे लाइन की ट्रेने उल्हास नदी से कुछ ही फीट दूरी पर चलती है. 26 जुलाई 2005 के दौरान ट्रैक में पानी भर गया था और इस कारण लगभग एक सप्ताह के लिए ट्रेन यातायात बंद हो गई थी.
सन 1989में भी बडी बाढ़ आयी थी और कर्जत के सहित कई इलाके
क्षतिग्रस्त हुए थे. मगर ऊंची दीवार की वजह मकानों को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ था. वर्तमान कल्याण भिवंडी क्षेत्र में बढ़ते अतिक्रमण और बाढ़ रेखा के भीतर किये गये निर्माण की वजह से उल्हास नदी के बाढ़ के खतरे को और बढ़ा दिया है.
उल्लास नदी में आजुबाजु की कई नदियाँ आकर मिलती है. जिसमे…..
(1) सालपे नदी : जिसका संगम कोंदिवाडे में होता है.
(2) पयार्मल नदी : जिसका संगम नेरल में होता है.
(3) पोशीर नदी : जिसका संगम वांगानी में होता है.
(4) तीन धाराएँ : जिसका संगम देवलोली में होता है.
(5) बारवी-मुरबाडी नदी : जिसका संगम वसत में होता है.
(6) कालू-भाटसा नदी : जिसका संगम अंबिवली में होता है.
(7) वलधुनी नदी : जिसका संगम शहाद में होता है. इसके शिवा पृष्ठ नदी, और
चिल्हर नदी भी उल्लास नदी में मिलती है. उल्लास नदी के तट पर पचवमेल में शाहद और वसत में बहुत सुंदर शिव मंदिर का निर्माण किया गया है.
उल्लेखनीय है कि उल्लास नदी पर बनाया गया बारवी बांध की वजह से
कल्याण, डोंबीवली, अमरनाथ, उल्लास नगर, ठाणे और हमारे मिरा भाईंदर शहर को पानी पुरवठा किया जाता है. ये पानी ठाणे पम्पिंग स्टेशन होकर फिर घोड़बंदर मार्ग से हमारे मिरा भाईंदर शहर में पहुँचता है.
बारवी बांध का अंतिम जल स्तर 72.60 मीटर है. यदि बांध अपनी पूरी क्षमता से भर जाता है, तो बांध में 340 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी उपलब्ध होता है. इसकी लंबाई 746 मीटर यांनी (2,448 फीट) है. इस बारवी डेम का सन 1978 में निर्माण किया गया था. इसका स्वामित्व महाराष्ट्र सरकार के पास है.
ठाणे रायगढ़ और पुणे जिले में बहने वाली उल्लास नदी की कुल लंबाई 122 किलोमीटर है. उल्लास का अर्थ होता है हर्ष, खुशी. और यहीं उल्लास नदी के पानी से हम लोग खुश होकर हर्षोउल्लास से जीते है.
यह आर्टिकल संग्रहनीय है. इसे आप सेव करके रखियेगा
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